मुझे दोबारा फोन मत करना... कुछ यही हिदायत थी एक कातिल की। लेकिन उसने फोन करना बन्द नही किया। अगर उसने ऐसा किया होता तो उसके कत्ल की खौफनाक दास्तां ना लिखी जाती। उसकी इसी गलती ने उस शख्स से जिदंगी छिन ली। उसका बार बार फोन करना ही उसके मौत की वजह बन गया।
तुम मुझे फोन क्यों करते हो.. अबकी बार फोन मत करना... तुम्हे समझ नही आता क्या.. तुम चाहते क्या हो.. ये बातें बार बार कहकर वो महिला परेशान हो चुकी थी.... इतनी परेशान की उसने अपने पति को सारी बता दी। महिला का पति ये बात सुनकर बोखला जाता है.. वो फिर वो रचता है कत्ल की खौफनाक साजिश ..
कत्ल की दिल दहला देने वाली ये दास्तां है अमृसर के रहने वाले हरबंस सिंह की। और इसकी इबारत लिखी है.. मनजिंदर नाम के शख्स ने। इस खौफनाक वारदात में इसका साथ दिया मनजिंदर की पत्नी गुरप्रीत कौर और उसके दोस्त बलविंदर ने। आरोप है कि तीनों ने मिलकर हरबंस सिंह का बेरहमी से कत्ल कर दिया। 3 नवम्बर 2009.... अमृतसर के कत्थूनंगल इलाके में खेतों से एक युवक की लाश बरामद हुई। उसके शरीर पर तेज धार हथियार से कई वार किये गए थे। पुलिस को शुरूआती जांच में पता चल गया कि मामला हत्या का है.. और लाश को ठकाने लगाने के मकसद से खेतों में फेंका गया है। लेकिन मरने वाला शख्स कौन है... ये बात जल्द ही लाश के पास मिले कुछ कागजात से साफ हो गई। पता चला कि लाश अमृतसर के रहने वाले हरबंस सिंह की है। लेकिन किसने किया हरबंस का खून। क्यों मारा गया हरबंस इन सवालों को लेकर पुलिस भी पशोपेश में थी। उस वक्त पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। और इस बारे में हरबंस के परिजनों को जानकारी दी।
पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार था... रिपोर्ट आई तो पता चला कि हरबंस के शरीर पर तेज धार हथियार से कई वार किए गए थे। चोट के निशान से साफ था कि कातिल ने तैश में आकर इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस ने इस बारे में हरबंस के घरवालों से पुछताछ की... पुलिस को पता चला कि हरबंस की किसी से कोई दुश्मनी नही थी। फिर किसने और क्यों किया उसका कत्ल। पुलिस अब ऐसे मोड पर थी जहां से उसके पास सवाल के बदले सवाल ही लौटकर आ रहे थे। पुलिस कत्ल के इस सनसनीखेज मामले को सुलझाने के लिए हर सम्भव कोशिश कर रही थी। इसी दौरान पुलिस ने हरबंस सिंह के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकलवाई। हरबंस सिंह के फोन की कॉल डिटेल देखकर पुलिस का माथा ठनका । वजह थी एक ही नंबर पर सैकंडों बार किए गए फोन कॉल... भला ऐसा कौन शख्स है जिसके नंबर पर हरबंस दिन में कई बार फोन करता था। अब पुलिस को तलाश थी उसी शख्स की। यहीं से पुलिस को कत्ल का मकसद और कातिल का सुराग मिलने की उम्मीद जगी। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि जिस नंबर पर हरबंस फोन करता है वो नंबर अमृतसर की ही रहने वाली एक महिला का है। महिला का नाम था गुरप्रीत कौर। पुलिस ने परिजनों से बात की तो उनकी जानकारी में गुरप्रीत नाम की कोई भी महिला हरबंस की जानकार नही थी। पुलिस के सामने बडा सवाल था कि महिला अगर हरबंस की जानकार नही है तो फिर क्यों हरबंस बार बार उसके नंबर पर फोन करता था... बस यहीं से पुलिस के हाथ कत्ल के सुराग लगना शुरू हो गया। पुलिस पुछताछ के मकसद से जब गुरूप्रीत के पास पहुंची तो उसने बताया कि हरबंस उसके पास अक्सर फोन करता था। वो उसे ऐसा करने से इंकार करती थी कई बार मना करने के बाद भी हरबंस नही माना। और फिर अचानक फोन आना बन्द हो गया।
गुरूप्रीत के बयान से पुलिस को दाल में कुछ काला दिखने लगा... जब गुरूप्रीत से कडाई से पुछताछ की गई तो वो टूट गई। और फिर सामने आई एक दिल दहला देने वाला खौफनाक दास्तां......
गुरूप्रीत ने जो कुछ पुलिस को बताया वो हैरतअंगेज था । गुरूप्रीत ने बताया की हरबंस का कत्ल एक सोची समझी साजिश से किया गया है। इस साजिश की वो अकेली किरदार नही है बल्कि इस खूनी खेल में दो और लोग शामिल है।
अमृतसर पुलिस हत्या के मामले को सुलझाने के बेहद करीब थी। बस कत्ल का मकसद साफ होना बाकि था। जब हकीकत सामने आई तो कत्ल की इस खौफनाक दास्तां ने हर किसी को सन्न कर दिया। गुरूप्रीत ने पुलिस को बताया कि वो अमृतसर की एक दुकान पर काम करती थी और वहीं पर बेटी की शादी के लिए सामान खरीदने के लिए हरबंस आया था। यही से दोनो में बातचीत हो गई। हरबंस और गुरूप्रीत में दोस्ती हो गई। बस फिर क्या था हरबंस रोज गुरूप्रीत को फोन करता उससे कई घंटो तक बात करता। लेकिन कुछ दिनों बाद गुरूप्रीत ने उसका फोन उठाना बंद कर दिया। ये देखकर हरबंस परेशान हो गया। ऐसे में जब भी गुरूप्रीत उसका फोन रिसीव करती वो उसके साथ अश्लील बातें करने लगता। गुरूप्रीत को ये बस पसन्द नही था। उसने कई बार हरबंस को मना भी किया। लेकिन वो भला कहां मानने वाला था। रोज रोज की परेशानी से तंग आकर गुरूप्रीत ने सारी बात अपने पति मनजिंदर को बता दी।
पत्नी की परेशानी सुनकर मनजिंदर बौखला गया... ऐसे में उसने रची एक खौफनाक साजिश। मनजिंदर ने अपनी पत्नी से कहा कि वो किसी तरह से हरबंस को घर बुला ले। 2 नवम्बर 2009 की दोपहर गुरूप्रीत ने हरबंस से मिलने की बात कही... गुरूप्रीत की ये बाते सुनकर हरबंस तुरंत उसके घर का पता लेकर मिलने के लिए आ गया। उसे नही मालूम था कि वो साजिश के तहत फंसने वाला है। घर पहुंचने के बाद गुरप्रीत ने उसे बैठने के लिए कहा... इतने में गुरप्रीत का पति भी घर आ गया.. उसके साथ एक दोस्त बलविंदर भी था। साजिश के तहत की तीनों हरबंस के साथ पहले तो कहासुनी हुई और फिर तीनों ने मिलकर तेज धार हथियार से वार कर हरबंस की हत्या कर दी। मनजिंदर उसपर तब तक वार करता रहा जब तक उसे हरबंस के मरने का यकीन ना हो गया। हरबंस के मरने के बाद तीनों ने लाश को ठिकाने लगाने के मकसद से खेतों में फेंक दिया।
.पुलिस ने हरबंस के कत्ल के इल्जाम में गुरूप्रीत उसके पति मनजिदंर और बलविंदर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक तीनों ने मिलकर हरबंस की हत्या की है। कत्ल की वजह थी हरबंस का गुरूप्रीत को फोन कर अश्लील बातें करना।
तीनों ने हरबंस के कत्ल की साजिश तो बेहद शातिराना रची थी लेकिन कहते है गुनाहगार कितना भी शातिर क्यों ना हो आखिरकार कानून के शिकंजे में आ ही जाता है। और वही इन तीनों के साथ भी हुआ..
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