30 जुलाई 2010

लड़कियां सुरक्षित नहीं

राजधानी दिल्ली के सीमापुरी इलाके में एक शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां कुछ मनचलों ने राह चलती दो सगी बहनों के साथ छेडछाड की। ये घटना उस वक्त हुई जब दोनों लड़कियां अपने भाई के साथ पंचशील से दिलशाद कॉलोनी स्थित अपने घर लौट रहीं थीं। तभी कुछ कार सवार मनचले लड़कों ने पहले तो दोनों लड़कियों पर फब्तियां कसी और बाद में छेड़छाड़ करने लगे। जब जावेद ने इसका विरोध किया तो...कार सवार लड़कों ने उसकी पिटाई कर दी....और मौके से फरार हो गए। घायल जावेद को इलाज के लिए गुरू तेग बहादुर अस्पताल ले जाया गया....जहां से उसे प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।

29 जुलाई 2010

रंजिश में गोली मारी

दिल्ली के पालम विहार इलाके में एक युवक को बदमाशों ने गोली मार दी.. घायल युवक को डीडीयू अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भीम सिंह नाम का रात के वक्त घर से सामने था कि उसी समय आए एक बदमाश ने भीम पर छह राउंड फायरिंग कर दी। भीम को एक गोली कंधे में लगी है और उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। पुलिस के मुताबिक रंजिश के चलते इस वारदात को अंजाम दिया गया है। परिजनों का कहना है कि इलाके के बदमाश पप्पे ने भीम को गोली मारी है। हालांकि अभी तक इस मामले में पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नही किया है।
दिल्ली के नेहरू प्लेस इलाके में एक तेज रफ्तार देर रात पलट गया। इस हादसे में ट्रक के हेल्पर को गंभीर चोट आई है। दरअसल रात करीब ढाई बजे सावित्री सिनेमा के पास फ्लाईओवर के नीचे ट्रक डिवाईडर से टकराकर पलट गया। किसी तरह हामिद नाम का ड्राईवर तो ट्रक से निकल गया लेकिन 18 साल का सालिम करीब एक घंटे तक फंसा रहा। मौके पर पहुंची पुलिस और दमकल विभाग ने कई घंटे की मशक्तत के बाद सालिम को बाहर निकाला.. जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ट्रक में कैमिकल पाउडर भरा था और ये ट्रक अलवर से आ रहा था।

28 जुलाई 2010

मार्बल व्यवसायी से लूट

दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में बीती देर शाम बाइक सवार बदमाशों ने मार्बल कारोबारी से साढे चार लाख रूपये लूट लिए। घटना रात करीब नौ बजे की है जब मार्बल कारोबारी विनोद मित्तल दुकान बढाकर घर जाने की तैयारी में थे कि अचानक दो बाइक पर सवार चार बदमाश दुकान में आ घुसे और पिस्टल की नोंक पर साढे चार लाख रूपये नकद और एक सोने की चेन लूटकर फरार हो गए। घटना के वक्त दुकान के अन्य कर्मचारी गोदाम में गए हुए थे दुकान पर विनोद और उनका बेटा ही मौजूद था। विनोद के मुताबिक बदमाशों ने हेलमेट पहन रखा था जिसकी वजह से उनकी पहचान नही हो पाई। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज क लिया है लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नही हो पाई है।

25 जुलाई 2010

घर में घुसकर हत्या

दिल्ली के पहाडगंज इलाके में चौबीस वर्षीय युवक की घर में घुसकर हत्या कर दी गई। बदमाशों ने उसके परिवार पर भी हमला किया जिसमें दो लोग घायल हुए है। परिजनों के मुताबिक सुबह के वक्त वीडियों गेम की दुकान चलाने वाले गोलू की कुछ लोगों के साथ कहासुनी हो गई थी। उन्हीं ने गोलू को जान से मारने की धमकी दी। रात करीब ग्यारह बजे पांच से छ की संख्या में लोग पहाडगंज स्थित गोलू के घर में घुस आए और जो भी उनके सामंने आया चाकुओं से वार शुरू कर दिए। गंभीर रूप से घायल गोलू को लेडी हार्डिंग अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है हालांकि अभी तक इस हत्याकांड में किसी की गिरफ्तारी नही हो पाई है।

किसके भरोसे दिल्ली

राजधानी दिल्ली किसके भरोसे है और सुरक्षा व्यवस्था की हालत क्या है इसकी बानगी बीती रात देखने को मिली। जहां सबसे संवेदनशील माने जाने वाले इलाके विजय चौक, संसद भवन के पास कुछ अज्ञात लोग पार्टी मनाते देखे गए। दरअसल रात करीब साढे तीन बजे तीन युवतियां एक युवक के साथ संसद भवन के ठीक सामने सड़क किनारे पार्टी का लुत्फ उठा रही थी। साथ ही कुछ दूरी पर पुलिस पीसीआर वैन और सीआरपीएफ के जवान तैनात थे। लेकिन किसी को भी इनके बारे में भनक तक नही लगी। याद रहे की देर रात इस इलाके में लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित है। वहीं राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा पर प्रश्नचिंह लगा दिया है जो देर रात इस तरह से बेफ्रिक होकर घुमती है। लेकिन इस मामले में इलाके की चौकसी में लगे सीआरपीएफ के जवान खुद को इससे अंजान बता रहे है।

16 जुलाई 2010

कुत्तों को खिलाई प्रेमिका की लाश

अब बात एक ऐसे कत्ल की.. जिसने पूरी दुनिया में सनसनी फैला दी। कत्ल हुआ एक एक्ट्रेस का कत्ल था। जिसे बेहद खौफनाक ढंग से अंजाम दिया गया। खुबसूरती की उस मल्लिका की हत्या से लोग जितने हैरान थे। उससे कहीं ज्यादा हैरान तब हुए जब कातिल का पता चला। क्योकिं ये कातिल पेशेवर नही है लेकिन उसने कत्ल का ऐसा तानाबाना बुना का ब्राजील पुलिस भी एक महीने तक इस केस में उलझी रही। अब कातिल का चेहरा बेनकाब हो चुका है और उस हसीना के कत्ल का मकसद भी।
हुस्न और अदाओं की ऐसी जुगलबंदी की किसी को भी मदहोश कर दे। पल भर में किसी को भी अपना दिवाना बना ले। हुस्न की ये मल्लिका है ब्राजील की पॉर्न फिल्मों की अदाकारा एलिजा। इसकी मदहोश कर देने वाली अदाओं पर फिदा हो गए ब्राजील के स्टार फुटबॉलर ब्रुनो सूजा। ब्रुनों की मुलाकात एलिजा से साल भर पहले टीम के एक सदस्य की पार्टी में हुई थी। पहली नजर में ही सूजा 25 साल की एलिजा को देखकर उसकी खुबसूरती का कायल हो गया। नजरे मिली तो बात दिल तक आ पहुंची और फिर दिल की बात जिस्म तक। एक रात दोनों हमबिस्तर हो गए। ये एक रात का ऐसा सच था जिसे ब्रुनो सूजा ने चंद रोज बाद ही भूला दिया लेकिन एलिजा ने इसे अब तक जिंदगी का सबसे अहम लम्हा समझा। वो उस दिन को कभी भूलना नही चाहती थी.. सूजा के प्यार को नाम देना चाहती थी। लेकिन यहीं से शुरू हुआ साजिश का दौर और शिकार बनी एलिजा। साजिश के तहत एलिजा का बेरहमी से कत्ल कर उसकी लाश को ठिकाने लगा दिया गया।
एलिजा चार जुन से लापता थी.. शिकायत मिलने के बाद पुलिस एलिजा की तलाश में लगी थी लेकिन उसका कोई पता नही चला। इतना जरूर था कि महीने भर बाद पुलिस ने एलिजा की हत्या की बात मान ली लेकिन सवाल था कि लाश आखिर कहां गई। इस सवाल का जवाब मिला तो पुलिस भी हैरान रह गई। एलिजा की हत्या ब्रुनों सूजा ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर भाडे के गुंडों से कराई थी। और हत्या के बाद लाश को ठिकाने लगाने के मकसद से शव के टुकडे कर कुत्ते को खिला दिया। पुलिस का शक ब्रुनों पर तब गहराया जब जांच के दौरान पता चला कि एलिजा ने अक्टूबर महीने में ब्रुनो सूजा के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है और सूजा पर गंभीर आरोप लगाए है।
पुलिस ने इस स्टार खिलाडी को हिरासत में लेकर पुछताछ की तो सामने आया खौफनाक सच। दरअसल दोस्त की पार्टी में मुलाकात के बाद एलिजा और सूजा हमबिस्तर हुए थे। ये मुलाकात महज एक रात की थी लेकिन एलिजा एक मुलाकात के बाद प्रेगनेंट हो गई। जब इस बात का पता सूजा को लगा तो उसने अबॉरशन के लिए कहा। लेकिन एलिजा नही मानी वो बच्चे को जन्म देना चाहती थी। सूजा के बार बार मना करने पर एलिजा ने ऐसा नही किया। आखिरकार सूजा ने उसे मारना पीटना शुरू कर दिया जिसको लेकर एलिजा ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई और कहा की बच्चा पैदा ना करने के लिए उसपर दबाव बना रहा है। जबरन उसे गर्भनिरोधक गोली खिला रहा है। बच्चा होने के बाद एलिजा उसे ब्रुनो सूजा का नाम देना चाहती थी। बस यहीं से उसके कत्ल की इबारत सूजा ने लिखनी शुरू कर दी।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि सूजा ने रीयो डी जेनिरियो से चार जून को एलिजा को अगवा कराया और फिर वहां से करीब तीन सौ किलोमीटर दूर बेलो होरिजेंट के पास लेकर जाकर उसकी पीट-पीट कर हत्या कर दी। कोई एलिजा की चीख ना सून सके इसलिए म्यूजिक सिस्टम का वॉल्यूम बढा दिया। ये सारा प्लान ब्रुनों ने तैयार किया था और सुपारी किलर को पैसा देकर एलिजा को ठिकाने लगा दिया। हत्या करने के बाद लाश के टुकडे उन्हें कुत्ते को खिला दिया। एलिजा की हत्या के आरोप में पुलिस ने ब्रुनो सूजा और उसकी पत्नी समेत छ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन कत्ल की इस खौफनाक वारदात के बारे में सुना वो सन्न रह गया।

10 जुलाई 2010

सिहर उठी दिल्ली



अगर आप दिल्ली में रहते है तो सुरक्षा की बात अपने दिलो दिमाग से निकाल दे। कब कहां बदमाश आपको शिकार बना ले.. किसी को नहीं पता। दिल्ली के दो अलग-अलग इलाकों से दो घंटे में तीन लाशें मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। दोनों मामलों में अभी तक मृतकों की पहचान नही हो पाई है। दिल्ली में लावारिस लाशों के आंकडें बेहद चौंकाने वाले है।
दिल्ली में रहना दुश्वार हो गया है.. कातिल खुलेआम घुम रहे है.. राह चलते किसी का कत्ल कर दिया जाए.. घऱ में घुसकर मां-बेटे को मार दिया जाए। या फिर आपको राह चलते लूट लिया जाए तो हैरान कतई ना हो। दिल्ली पुलिस बेबस है.. लाचार है दिल्ली पुलिस.. पिछले कुछ दिनों में बदमाशों ने जिस तरह राजधानी में कहर बरपाया है उससे यहां का हर बाशिंदा खौफजदा है। लोग घरों से निकलनें में डरते है। शुक्रवार को बदमाशों ने राजधानी में ऐसा कहर बरपाया कि दिल्ली सिहर उठी। आठ वारदातों को अंजाम देकर आठ लोगों की हत्या कर दी गई। लेकिन वारदातों का सिलसिला शनिवार को भी नही थमा। दिन निकलते है पुलिस को बेहद पॉश इलाके न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के एक पार्क में दो लाशें मिलने की खबर मिली। ये लाश करीब बीस बाईस साल के युवक और एक युवती की थी। युवती के मुहं से झाग निकल रहे थे.. शुरूआती दौर में पुलिस इसे हत्या का मामला मानकर जाच कर रही है। हालाकि अभी तक दोनों की पहचान नही हो पाई है। घटना का पता उस वक्त चला जब क्रिकेट खेल रहे कुछ बच्चे पार्क में चले गए। उन्होंनें शव देखे तो मामले की जानकारी पुलिस को दी गई।
लाशें मिलने का सिलसिला यहीं नही थमा.. न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में दो लाशें मिलने के कुछ देर बाद ही पुलिस को आश्रम फ्लाईओवर के नीचे एक युवक की लाश बरामद हुई। युवक की उम्र करीब पेंतीस साल थी और आशंका जताई जा रही है कि युवक की पत्थर मारकर हत्या की गई है। हालांकि इस केस मे भी पुलिस को युवक की पहचान नही हो पाई।
दिल्ली मे लगातार बढते क्राइम ग्राफ पर दिल्ली पुलिस की अपनी है दलील है। पुलिस तो यहां तक कह रही है कि पिछले साल के मुकाबले क्राइम ग्राफ में कमी आई है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में जो भी वारदात हुई है उनमें करीबियों का हाथ रहा है। ऐसे में इन अपराधों को रोकने में दिल्ली पुलिस के लिए इतना आसान नही है।
दिल्ली में दो घंटे के दौरान मिली तीन लावारिस लाशें पुलिस के लिए कोई चौंकाने वाली बात नही है। दिल्ली में लावारिस लाशों संबंधी आंकडे बेहद चौंकाने वाले है। यहां एक दिन- 12 लावारिस लाशें. बरामद होती है। जिनमें से चार लाशें रेलवे ट्रेक से मिलती है। आंकडों के हिसाब से एक महीने में 360 और एक साल 4320 लावारिस लाशें मिलती है। जिनमें से ज्यादातर लोगों की हत्या की गई होती है और पहचान ना हो पाने की वजह से पुलिस के लिए मामले को सुलझाना मुश्किल होता है। साल 2009 के आंकडों पर नजर डालें तो हत्या के 45 मामले ही दिल्ली पुलिस सुलझा पाई थी जिनमें शुरूआती दौर में शव की पहचान नही हुई थी। आंकडों से साफ है कि दिल्ली में रहना कितना मुश्किल हो गया है।

मोबाइल चोर पुलिस गिरफ्त में



एक बार जुर्म की दलदल में क्या फंसा कि बाहर निकलने के बारे में उसने दोबारा नहीं सोचा। सजा मिली जेल भी गया। लेकिन गुनाह से तौबा फिर भी नहीं किया। दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे ही शातिर मोबाइल चोर को गिरफ्तार किया है। जो पहले भी मोबाइल चोरी के मामले में गिरफ्तार हो चुका था और हाल ही में जमानत पर रिहा होकर आया था। लेकिन उसकी कारगुजारियों ने फिर से उसे जेल का रास्ता दिखा दिया है।
सस्ते मोबाइल के चक्कर में आप सेकेंड हैंड मोबाइल खरीदने की सोच रहे है तो सावधान हो जाएं। कहीं ऐसा ना हो कि आपके पास पहुंच जाए चोरी का मोबाइल। पुलिस गिरफ्त में आए इस शख्स का धंधा था। ये चोरी के मोबाइल फोन की सौदेबाजी करता था। जितेंद्र कुमार उर्फ कैमरा के पास कैमरा तो नही हां नामी गिरामी कंपनियों के मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किए है। इसके पास से 60 मोबाइल फोन और 4 लैपटॉप बरामद किए गए है। पुलिस ने इसे उस वक्त गिरफ्तार किया जब ये गफ्फार मार्केट में मोबाइल फोन बेचने के लिए आ रहा था।
पूछताछ में जितेंद्र ने पुलिस को बताया कि वो मोबाइल फोन नाबालिग चोरों से खरीदा करता था...ताकि किसी को शक ना हो क्योंकि कानून के अनुसार किसी भी नाबालिग अपराधी का रिकोर्ड नही रखा जाता है। जिसकी वजह से पुलिस इस तक नहीं पहुंच पाती थी। दिल्ली में बढ़ रही मोबाइल चोरी की घटनाओं के बाद जब पुलिस ने तहकीकात की तो जिंतेद्र इनके हत्थे चढ़ गया...जितेंद्र का नेटवर्क पूरी दिल्ली में फैला हुआ था इसके अलावा ये चोरी के माल को दिल्ली से बाहर भी सप्लाई करता था।
ये कोई पहला मौका नही है जब जितेंद्र पुलिस के हत्थे...जितेंद्र इससे पहले भी चोरी के लैपटॉप के साथ गिरफ्तार हो चुका है और अभी हाल में जमानत पर रिहा हुआ था।

06 जुलाई 2010

प्रेमी जोड़े को मिली सुरक्षा

सिरसा के प्रेमी जोडे ने अब जाकर राहत की सांस ली है। पिछले दो महीने से जान बचाकर छुपते फिर रहे इस जोडे को पुलिस ने सुरक्षा मुहैया करा दी है। सुरक्षा को लेकर सिरसा का ये प्रेमी जोडा दिल्ली पहुंचा था और राष्ट्रीय महिला आयोग में सुरक्षा की गुहार लगाई थी। ऑनर किलिंग के डर से जान बचाते फिर से मनमोहन और शक्ति शर्मा ने अब जाकर राहत की सांस ली है। अब तक इन्हें खुद की जान का डर सता रहा था। दोनों ने इसी साल 29 मई को घर से भाग कर शादी कर ली थी। जिसके बाद खाप पंचायत ने दोनों को जान से मारने की धमकी दी थी। जान बचाने की खातिर दोनों दिल्ली भाग आए थे। कुछ दिन दिल्ली रहने के बाद प्रेमी जोडा राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा गिरिजा व्यास से मिला। आखिरकार महिला आयोग के दखल के बाद इन्हें सुरक्षा महैया कराई गई। प्रेमी जोडा सुरक्षा मिलने के बाद खुश है और दोनों अपने घर लौट गई। इनकी सुरक्षा में दो गैनमैन तैनात रहेंगें।
पुलिस के मुताबिक जब तक प्रेमी जोडा खुद को सुरक्षित महसुस नही करता उनकी सुरक्षा में पुलिसकर्मी तैनात रहेंगें। जाहिर है आए दिन ऑनर किलिंग के मामलों के मद्देनजर पुलिस कोई जोखिम मोल लेना नही चाहती। वैसे भी हरियाणा में प्रेमी जोडों की हत्या के कई सनसनीखेज मामले सामने आ चुके है।
दो महिने बाद ही सही मनमोहन और शक्ति ने राहत की सांस ली है। मनमोहन के परिवार ने तो दोनों की शादी को स्वीकार कर लिया है। क्या शक्ति का परिवार इस रिश्ते को स्वीकार करेगा।

खाप का फरमान- मार देगें प्रेमी जोड़े को

खाप पंचायत के एक और तुगलकी फरमान से कानून की धज्जियां फिर उड गई है। ग्रेटर नोएडा से सटे मायचा और दौला गांव के लडके-लडकी ने भागकर शादी कर ली। जिससे नाराज पंचायत ने लडकी के बदले लडकी देने का फरमान सुनाया है। इतना ही नही ऐसा नही करने पर दोनों को जान से मारने की धमकी दी है।
लड़की के बदले लड़की दो.. वरना प्यार की सजा मौत। ये तुगलकी फरमान सुनाया है ग्रेटर नोएडा की खाप पंचायत ने। दरअसल दौला गांव के संजय ने मायचा गांव की लड़की प्रीती से भागकर शादी कर ली। दोनों में डेढ़ साल पहले प्यार हुआ था जिसके बाद दोनों ने परिवार वालों के खिलाफ गुपचुप तरीके से शादी कर ली। इसके बाद 24 जून को दोनों गांव से बिना बताए गायब हो गए। इस बात को लेकर मायचा गांव की पंचायत का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।
पंचायत ने लड़के के परिवार वाले को आदेश दिया है कि या तो लड़के-लड़की को ढूंढ़कर सामने लाओ, जिन्हें मौत के घाट उतारा जाएगा। इतना ही नहीं पंचायत ने यह भी कहा कि जिस तरह दौला गांव के लड़के ने गांव की लड़की से शादी की, उसी तर्ज पर अब लड़के वाले अपने गांव की एक लड़की दें, तब जाकर हिसाब-किताब बराबर होगा। ऐसा नहीं करने पर लड़के गांव की लड़कियों और औरतों को उठा लाएंगे। पंचायत के इस फरमान के बाद लड़के के परिवार वाले और पूरा गांव अपना घर-बार छोड़कर गायब हो गया है।
इस तुगलकी फरमान के बाद ग्रेटर नोएडा पुलिस थाने में पंचायत और लड़की के परिवार के कुल 40 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए भारी तादात में पुलिस बल ने मायचा और दौला गांव में डेरा जमा लिया है।

पुलिस गिरफ्त में बलात्कारी

पहले लडकियों को अपने जाल में फांसना.. उन्हें पैसों का लालच देकर अपने साथ ले जाना। और उसके बाद वो खेलता हैवानियत का खेल। कुरूक्षेत्र पुलिस ने ऐसे ही वहशी को गिरफ्तार किया जो भोली भाली लडकियों को फंसा कर उनके साथ बलात्कार करता। अब तक ये तीन लडकियों को अपना शिकार बना चुका है। लेकिन अब कोई और लडकी इसकी शिकार नहीं होगी.. क्योंकि पुलिस ने इस वहशी को गिरफ्तार कर लिया है। ये शख्स इनसान कहने के लायक नही है.. ये वहशी है जिनसे चंद रोज में तीन लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बना डाला। हवस मिटाने के लिए पहले भोली भाली लडकियों को बातों में फंसाता और फिर सुनसान जगह ले जाकर उनके साथ बलात्कार करता। इसके लिए ये रेलवे लाइन के आस-पास का इलाका चुनता ताकि पीड़िता की चिख किसी को सुनाई ना दे। लडकी को ये नशीला दवा खिलाता था नशे की हालत में उसके साथ बलात्कार करता। इतना ही नही ये खुद भी दवाओं का इस्तेमाल करता था।
इसने पहला शिकार कुरूक्षेत्र की रहने वाली सुमन को बनाया। सुमन जब अपनी मां के साथ जा रही थी तो ये उसे बहलाकर अपने साथ ले गया। बाद में सुमन अंबाला के रेलवे ट्रेक के पास मिली। इसके बाद इसने कैथल की दो और लडकियों को अपना शिकार बनाया। दोनों ही लडकियां रेलवे ट्रेक के पास मिली। जिसके बाद पुलिस का शक गहराने लगा कि वारदात के पीछे किसी एक शख्स का हाथ है। जो एक के बाद एक लडकियों को अपनी हवस का शिकार बना रहा है। पुलिस ने तीनों मामलों मे हालत के मुद्देनजर जांच तो वहशी अशोक पुलिस गिरफ्त मे आ गया। उसने पुछताछ में कबूल किया कि तीनों बलात्कार की वारदात को उसी ने अंजाम दिया था। और रेवले ट्रेक के पास सुनसान जगह को चुनता था ताकि पीड़ित चीख कोई सुन ना सके। पुलिस के मुताबिक अशोक लडकी को नशीली दवा खिलाता था और खुद भी सेक्स वर्धक दवाओं का इस्तेमाल करता था।
. पिछले कुछ दिनों में हुई बलात्कार एक घटनाओं से पुलिस भी परेशान थी। अब अशोक की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है। लेकिन पुलिस की परेशानी अभी कम नही हुई है। पुलिस अब ये जांच कर रही है कि वारदात को अशोक अकेला अंजाम देता था या फिर कुछ और लोग इसकी मदद करते थे।


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खेल खेल में चली गोली

मेरठ में अवैध हथियारों की कोई कमी नही है.. हालत ये है कि बच्चे की हथियारों को खिलौने की तरह इस्तेमाल कर रहे है। इस बार बच्चों की जरा सी भूल एक मासूम की जान पर बन आई है। खेल-खेल में एक बच्ची ने गोली चला दी जो उसके भाई को जा लगी। मासूम प्रीत को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
अस्पताल में 5 साल का मासूम प्रीत जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है....प्रीत के सिर में गोली लगी है और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है....प्रीत पर गोली चलाने वाला और कोई नही बल्कि इसकी अपनी 8 साल की बहन है। दरअसल मेरठ के भराला गांव के रहने वाले सेठी सिंह अपने पास तंमचा है। घटना के वक्त तंमचा घर पर ही रखा हुआ था.....सेठी सिंह के बच्चे प्रीत और प्राची घर की छत इलाके के बच्चों के साथ चोर पुलिस का खेल खेल रहे थे....तभी प्राची घर में रखे तमंचा ले आई। खेल खेल में प्राची ने गोली चला दी और गोली प्रीत के सिर में जा लगी।
गोली की आवाज़ सुन कर घरवाले छत की ओर भागे....प्रीत खून में लथपथ पड़ा हुआ था। आनन-फानन में प्रीत को अस्पताल में भर्ती कराया...जहां फिलहाल उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस के मुताबिक घर में अवैध हथियार रखा था जिससे इस वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस मामले में उचित कार्रवाई करने की बात कह रही है।
जांच में पता चला है कि गांव में अवैध हथियारों की भरमार है लोग खुद की सुरक्षा की बात कहकर इनका धडडले से इस्तेमाल कर रहे है। लेकिन हथियारों का घर में इस तरह मौजूद होना की बच्चे उससे खिलौना समझे.. ये चिंता की बात जरूर है। अब हर कोई प्रीत की सलामती की दुआ मांग रहा है।

05 जुलाई 2010

सॉरी माही


सॉरी माही…
मैं बहुत निराश हूं...परेशान हूं...मन करता है..बस आत्महत्या कर लूं...क्या इसलिए मीडिया में आया था कि ऐसे दिन देखूं। भारतीय मीडिया कितना गैर जिम्मेदार, असंवेदनशील और मौकापरस्त हो गया है। खासकर ये चैनल वाले । बताइये जिस देश में क्रिकेट को पूजा जाता हो उसके एक सितारे की शादी हुई और चैनल वाले तानकर सोते रहे। इतनी बेऱूखी दिखाई कि बस मन करता है लालकिले पर चढकर जोर-जोर से चिल्लाउं कि बस करो.. बस करो.. अपने गिरेबां में झांकों और पत्रकारिता को समझो नहीं तो बहुत देर हो जाएगी। बताइये मुश्किल से सगाई का पता चला.. लेकिन शादी की खबर तक नही लगी.. जब पता चला तो चैनल वाले खानापूर्ति करते नजर आए। ब्रेकिंग न्यूज में भी सारी इन्फोर्मेशन नहीं थी। माही ने काली शेरवाली पहनी..पांच मिनट घोडी पर बैठे..फलां होटल में शादी हुई..फलां मेहमान आए। ये कोई ब्रेकिंग न्यूज है...ये तो सब जानते हैं। ब्रेकिंग न्यूज में बताना चाहिए था.. उस घोडी का नाम जिस पर माही बैठे..चलो नाम नहीं पता कर पाए तो उसे कम से कम थोडी देर के लिए स्टूडियो में ही बुलवा लेते। पर वो भी ना हो सका। इतने बडे सितारे की शादी की कवरेज भला ऐसे होती है। अरे होना तो ये चाहिए था कि करीब दो हफ्ते पहले ही साम दाम दंड भेद से ये पता कर लेते कि देश के मसीहा माही की शादी कब है... और फिर इसके बाद शुरू होता माही के घरवालों से लेकर उसके कुत्ते तक का प्रोफाइल दिखाने का सिलसिला.. क्योंकि माही का कुत्ता करोड़ों हिंदुस्तानियों से ज्यदा नजाकत और शानो शौकत से रहता होगा । इसलिए उसका महिमामंडन करना भी मजबूरी हो जाता है। इसके बाद जीवन संगनी साक्षी की जीवनी पर कई दिन खेला जाता....थोड़ा मसाला लगाकर बताना चाहिए था कि वो आम लड़की नहीं है...अवतार है...अरे कौन सबूत मांगता है...ऐसा करने से लोग भावनात्मक रुप से जुड़ते.....व्रत रखते....अपने घरों को सजाते लिपाई पुताई कराते....पर ऐसा नहीं हुआ। बताइये अब कौन समझाए इन चैनल वालों को अगर ढ़ग से इस इश्यू को उठाते तो सरकार भी जाग जाती...इन चैनल वालों को ये नहीं पता कि पड़ोसी देश कितना जलते है...अगर शादी में कोई आतंकी वारदात हो जाती तो क्या होता ? सरकार दबाव में नहीं आई और इस वजह से ना रेड अलर्ट जारी हुआ और ना ही सीमाओं पर गस्त बढ़ाई गई । इतना ही नहीं राष्टीय अवकाश भी घोषित हो सकता था । अगर राष्ट्रीय छुट्टी होती तो ज्यादा से ज्यादा लोग टीवी से चिपके रहते और चैनलों की टीआरपी काबू से बाहर हो जाती...लेकिन ऐसा हुआ नहीं । तमाम खतरों के बीच शादी के बंधन में बंधे हमारे मसीहा । एक बात और जब ये चैनल वाले माही की शादी का इतना ही ढ़ोंग कर रहे है....खुशी मना रहे है तो खुशी दिखानी भी तो चाहिए ना । मेरे हिसाब से तो हर रिपोर्टर को चाहे वो किसी भी बीट का हो उसे भी स्टूडियों में ठुमका लगाना चाहिए था । मौके पर मौजूद रिपोर्टरों को भी भक्ति रस में डूबना चाहिए था । कुछ ऐसे ही जैसे कृष्ण के जन्म के पूरा देश हर्षोल्लास से झूम उठता है....अगर रिपोर्टर नाचते तो लगता कि हां सच में चैनल माही की शादी से खुश है...मेरे हिसाब से शादी वाले दिन चैनल वालों को भंडारा लगवाना चाहिए था । गरीबों को वस्त्र बांटने चाहिए थे...इसके लिए स्टाफ की एक दिन की सैलरी काट लेते तो कोई मना नहीं करता....जब राष्ट पर कोई आपत्ति आती है तो ऐसा होता है । लेकिन अफसोस कि हम माही का ऋण नहीं उतार पाए । इतनी बड़ी सामाजिक घटना पर भी हम कंजूसी ही बरतते रहे...। मैने जो सलाह दी उसे आजमाते तो इसका सबसे बड़ा एक और फायदा होता....सबको यही एहसास होता कि माही की शादी ही इस देश की सबसे बड़ी समस्या और एजेंडा है....ना नक्सलवाद है....ना महंगाई । अगर ऐसा होता तो मंगाई के खिलाफ भारत बंद भी आगे खिसक जाता....वैसे भी घिसे-पिटे मुद्दे है इनसे आम आदमी का क्या भला होगा...इस देश के लिए माही की शादी जरुरी है...उनका घर बस जाए तो समझो गंगा नहा लिए । खैर जो चूक हो गई हो....गई... । अब आगे से ध्यान रखें । माही पिता भी बनेंगे.....उसकी प्लानिंग चैनलवालों को अभी से कर लेनी चाहिए । कम से कम जब तक पिता ना बनें ये बताते रहें कि उनकी कोशिशें जारी है....ताकि एक और राष्ट्रीय उत्सव के लिए ये देश तैयार रहे । वैसे इस देश में क्रिकेट के और भी सितारे अभी कुंवारे है....इसलिए भूल सुधार करने और खुद को बेस्ट चैनल साबित करने के अभी कई मौके मिलेंगे ।
आपका ही
सर शोभाराम

परिवार के छ लोगों की हत्या

मुजफ्फरपुर के इस घर के अंदर... सुबह जब लोगों की नजर गई तो उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई....लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि अचानक ऐसा क्या हुआ जिसने विश्वविद्यालय के कर्मचारी कुमार परिवेश की भरी पूरी दुनिया ही उजाड़ दी.... ..कमरों में जहां तहां पड़े गोलियों के खोल, बिखरे खून और लाशों की ढेर देखकर लग रहा था कि अपराधियों ने यहां किस कदर मौत का खूनी खेल खेला था......कुमार परिवेश के पूरे परिवार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी....घर में सो रहे किसी भी शख्स को अपराधियों ने नही बख्शा... फिर चाहे वो बच्चे हो या फिर घर के ही नौकर..., पड़ोसी के मुताबिक रात के 3 बजे उन्होने इस घर से गोलियों की आवाज़ सुनी थी...लेकिन किसी ने इसे इतनी गंभीरता से नही लिया....
बाद में लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को भी दी....पुलिस मौके पर पहुंची और तफ्तीश में जुट गई,,,,पुलिस के मुताबिक घर में परिवार के चार सदस्यों के अलावा हत्यारों ने दो नौकरों को भी मौत के घाट उतार दिया....आखिर इस वारदात को अंजाम देने के पीछे हत्यारों का मकसद क्या था...इसकी जानकारी अभी तक नहीं हो पाई है...वहीं पुलिस..इस वारदात में किसी करीबी का हाथ होने से भी इंकार नही कर रही है...
शनिवार देऱ रात हुए इस हत्याकांड पर पुलिस के हाथ अभी तक खाली है...अपराधियों ने ऐसा कोई भी सुराग नहीं छोड़ा है जिसके जरिए उन तक पहुंचा जा सके....हालांकि पुलिस इसे रंजिशन हत्या के नजरिए से देखते हुए कुमार परिवेश के नजदीकी लोगों के पूछताछ शुरु कर दी है......वही इस वारदात के बाद से पूरे इलाके में दहशत का महौल है...लोग जल्द से जल्द मौक के दरिंदों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं

ये कैसी मोहब्बत

किसी से प्यार करना जितना आसान है उसे मुकाम तक पहुंचाना और निभाना उतना ही मुश्किल। अमृतसर की एक लड़की को प्यार करने की सजा ऐसी सजा मिली.. जिसने उसकी जिंदगी तबाह कर दी। वो इंसाफ चाहती है.. उसे धोखा उस लड़के ने दिया जिसने जिदंगी भर साथ निभाने का वादा किया था। लेकिन अपनी हवस मिटाने के बाद उसने लड़की को दर-दर भटकनें के लिए छोड दिया।
इस कुंए से पुलिस को एक बच्चे को निकालना है।.. इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। पुलिस को तलाश है एक नवजात बच्चे की। लेकिन आपको हैरानी होगी ये जानकार की उसका ना कोई नाम है.. ना ही पहचान। उसकी तो उम्र ही चंद घंटे है। आखिर कुछ कुछ घंटे की जद्दोजहद के बाद पुलिस ने नवजात बच्चे को निकाल लिया लेकिन वो लाश में तब्दील हो चुका था। मासूम को मौत देने वाला कोई और नही बल्कि उसकी मां है। जिसने जन्म देने के बाद ही उसे मरने के लिए कुंए मे फेंक दिया। अस्पताल में भर्ती इसी लड़की ने मासूम को मौत दी है। रीता के पिता के मुताबिक सुबह उन्होनें घर के बाहर शोर सुना तो बाहर निकल कर देखा। पता चला की रीता बच्चे को कुएं में फेंक कर आ रही है। ऐसा उसने प्यार में मिले धोखे के बाद किया।
रीता की कहानी बेहद दर्दनाक है। रीता राहुल नाम के एक लडके से प्यार करती थी। उस लड़के ने शादी का वादा किया और रीता के साथ शारारिक संबंध बनाए। प्यार में मुकाम पाने के लिए रीता ने उसके सामने खुद को सौंप दिया। छ महीने बाद जब राहुल को इसके गर्भवती होने का पता चला तो शादी से इनकार कर दिया। ऐसे में रीता के पास कोई रास्ता नही था.. वो बच्चे को जन्म देना नहीं चाहती थी। बच्चे के जन्म के बाद लोक लिहाज और परिजनों की इज्जत की खातिर उसने उसे पैदा होते ही कुंए में फेंक दिया।
पुलिस ने नवजात के शव को कुएं से निकाल कर अस्पताल भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में जो भी कानून कार्रवाई होगी आरोपियों के खिलाफ की जाएगी। हालांकि राहुल की मां अपने बेटे पर लगे आरोपों को निराधार बता रही है। उसका कहना है कि उसका बेटा ऐसा नही कर सकता।
रिता ने राहुल के साथ अपने रिश्तों को प्यार समझा.. लेकिन राहुल की नजर में ये सिर्फ जिश्मानी रिश्तें के अलावा कुछ नही था। ऐसे में सवाल है कि उस मासूम की क्या गलती जिसे जन्म से पहले ही मौत दी गई।

कत्ल में छुपा कत्ल का राज

बीवी का बेरहमी से कत्ल करने के बाद.. वो घर चैन से नही रह सका। उसे नींद नही आ रही थी..उसे अपने गुनाह का अहसास जो हो रहा था.. पछतावा हो रहा था बीवी के कत्ल का। बस इसलिए वो इबालिया जुर्म के लिए थाने पहुंच गया। पुलिस ने भी चंद घंटे में कातिल गिरफ्त में आ जाने के बाद राहत की सांस ली। लेकिन इस कत्ल में छुपी थी एक गहरी साजिश.. क्योंकि तो पिक्चर अभी बाकी थी।
कर्मबीर.. वो शख्स जिसने चंद मिनटों में ही दे दी पत्नी को मौत .. बेरहमी से कर दिया उसका कत्ल। पुलिस को कापसहेडा के भरथल गांव में हुई अंजु की हत्या की गुत्थी को सुलझाने में ज्यादा वक्त नही लगा। कत्ल के कुछ देर बाद ही कातिल पुलिस की गिरफ्त में था। अंजु का कत्ल कर्मबीर ने किया था। पत्नी की हत्या करने के बाद कर्मबीर ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपी पुलिस गिरफ्त में था.. और कत्ल का मकसद भी साफ हो चुका था। लेकिन ठीक तेरह दिन बाद कत्ल की ये थ्योरी बदल गई। पुलिस को दिए ब्यान में कर्मबीर ने बताया कि उसने पत्नी से कहासुनी के बाद उसकी हत्या की है.. कातिल पुलिस गिरफ्त में था और मकसद साफ.. पुलिस ने भी केस को सुलझाने का दावा कर दिया।
लेकिन ये कहानी का एक हिस्सा भर थी.. क्योंकि पूरी पिक्चर तो अभी बाकी थी। पुलिस के मुताबिक कर्मबीर की पत्नी के कई लोगों से अवैध संबंध थे। इसके बारे में कर्मबीर को कुछ दिन पहले ही पता चला था और वो परेशान रहने लगा। उसे पत्नी की बेवफाई बर्दाश्त नही हुई। अंजू के पडोसी के ड्राईवर नवीन और द्वारका के रहने वाले उत्तम कुमार से नाजायज रिश्तें थे। अंजू का कत्ल बाइस जून की रात किया गया था.. लेकिन सत्ताईस जून को सरोजनी नगर थाने में उत्तम कुमार के भाई केशव ने भाई के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की तफ्तीश की तो ना केवल उत्तम के बारे मे पता चला बल्कि अंजू के कत्ल की अलग ही थ्योरी सामने आई।
जांच में पता चला कि उत्तम का कर्मबीर के घर आना जाना होता था.. उन्नीस जून की रात उत्तम अंजू से मिलने उसके घर आया था.. उस वक्त कर्मबीर काम से बाहर गया हुआ था। उत्तम को घर में दाखिल होते हुए नवीन ने देख लिया था जिसके बाद नवीन ने कर्मबीर, अंजू के भाई और अपने चचेरे भाईयों को बुला लिया। अंजू और उत्तम कुमार को आपत्तिजनक स्थिति में पाकर सभी ने उत्तम को बूरी तरह से पीटना शुरू कर दिया। हत्या करने के बाद शव को रेवाडी के पास पचास फीट गहरे कुएं में फेंक दिया ताकि किसी को वारदात के बारे में पता ना चले। लेकिन ये सब अंजू के सामने हुआ था जब दो दिन बाद अंजू ने कर्मबीर को कत्ल का राज खोल देने की धमकी दी को कर्मबीर ने उसे भी रास्ते से हटा दिया।
पुलिस ने उत्तम के शव को बरामद कर लिया.. तो कत्ल का राज फाश हो गया। पुलिस ने उत्तम की हत्या में शामिल मनोज, शौकिन, जगफूल, अंजू के भाई ऋषि को गिरफ्तार कर लिया। पांचो आरोपी उत्तम के शव को ठिकाने लगाने के बाद बेफ्रिक थे.. शायद इन्हें अहसास था की कानून के शिकंजे से बच जाएंगे लेकिन ऐसा हो ना सका।

03 जुलाई 2010

नौकरानी नहीं चोरनी

दिल्ली के उस परिवार ने एक महिला की मजबुरी देख उसे काम दिया। महिला ने भी मेहनत करने में कोई कोर कसर नही छोडी। उसने दिल लगाकर काम क्या किया कि पूरे पिरवार का ही विश्वास जीत लिया। अब वो परिवार की नौकरानी कम बल्कि सदस्य बन गई। ऐसे में उसने ऐसा विश्वासघात किया कि सुनने वाला हर शख्स सन्न रहा गया।
किसी का विश्वास हासिल करने के लिए एक दो नही बल्कि साल गुजर जाते है। खोने में जरा सा वक्त लगता है। पुलिस गिरफ्त में आई सुनीता यादव के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। इसने राजेन्द्र नगर में रहने वाले विनोद गौरी के परिवार का विश्वासतो पा लिया। लेकिन इसकी एक हरकत से ना केवल परिवार का भरोसा टूटा बल्कि ये अपने साथी के साथ पुलिस गिरफ्त में आ गई। पुलिस के मुताबिक तीन जून को विनोद गौरी के घर हुई चोरी की वारदात को सुनीता ने ही अंजाम दिया था। वारदात के वक्त विनोद का परिवार समारोह में शामिल के लिए गया हुआ था। इसी का फायदा उठाकर सुनीता ने घर से करीब ग्यारह लाख रूपये की ज्वैलरी और डायमंड चुरा लिए और चंपत हो गई।
पुलिस के मुताबिक सुनीता को प्लेमेंट एजेंसी के जरिए काम पर रखा गया था। पुलिस ने एजेंसी से इसका पता लिया तो ये वहां नही मिली। जिसके बाद पुलिस तफ्तीश में पता चला कि सुनीता मूलरूप से छत्तीसगढ़ के नारायणपुर की रहने वाली है। पुलिस ने सुनीता को नारायण पुर से गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही इसकी मदद करने वाले विभाष बरमन को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इनके पास से चोरी की ज्वैलरी और डायमंड बरामद कर लिए है।
सुनीता के लालच ने उसे जेल का रास्ता तो दिखा दिया..साथ ही भरोसे को तोडकर जता दिया कि परिवार ने उस पर विश्वास कर गलती की थी। ऐसे मे जरूरत है कि आप सावधान रहे कहीं ऐसा ना हो कि कोई और सुनीता आपके घर पर हाथ साफ कर जाए।

कार्ड की क्लोनिंग कर ठगी

अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो जरा सावधान हो जाएं. हो सकता है कि कहीं आपके क्रेडिट से लाखों की खरीदारी हो जाए और आपको इसकी भनक तक ना लगे। दिल्ली पुलिस ने एक ऐसी ही तिकड़ी को गिरफ्तार किया है जो क्रेडिट और डेबिट कार्ड की क्लोनिंग कर लाखों रुपए की खरीदारी की थी।
एटीएम, डेबिट या क्रेडिट कार्ड...ये सब कुछ आपकी जेब में ही पड़ा है...लेकिन आपके अकाउंट से पैसे निकलते जा रहे हैं। मोबाइल पर मैसेज आ रहा है कि आपके खाते से कितनी रकम निकल गई, लेकिन आप कुछ नहीं कर पा रहे हैं। अगर आपके साथ ऐसा हुआ है तो समझ जाइए कि आपका ठगे जा चुके हैं। अगर ऐसा नही हुआ है तो आप खुशकिस्मत है। क्योंकि आपके अकाउंट पर डांका डालने वाले तीन शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस गिरफ्त में आए ये हैं.रविन्द्र.. अनिल और संजीव कुमार झा। लोगों के अकाउंट खाली करने का इनका तरीका इतना शातिराना था कि किसी को भनक तक नही लगती और उसका अकाउंट खाली हो जाता। पुलिस के मुताबिक कई मल्टीनेशनल बैंको से शिकायत मिल रही थी कि उनके ग्राहकों के अकाउंट से पैसा निकाला जा रहा है...जबकि ग्राहक कार्ड का इस्तेमाल ही नही कर रहा। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की तो ये तीन शातिर उसके हत्थे चढ़ गए।
पूछताछ के दौरान तीनों ने खुलासा किया कि ये लोग क्रेडिट, डेबिट कार्ड की क्लोनिंग कर अकाउंट से पैसे निकालते थे। इनमें से एक संजीव कुमार झा टीवीएस के सर्विस सेन्टर में बतौर टेक्निशियन काम करता था। जहां ईडीसी यानी इलैक्ट्रोनिक डाटा कैप्चर मशीन रिपेयर का काम होता था। यहीं से इसके खुराफाती दिमाग में ठगी का आइडिया आया। जिसके बाद इसने अपने साथ कुरियर कंपनी में काम करने वाले अनिल को मिला लिया। अनिल बैंक ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड कुरियर करने का काम करता था। बीच में ये कार्ड को निकाल लेते और फिर उसकी क्लोनिंग कर सर्विस करते। इनके ठगी के इस खेल में साथ दिया रविन्द्र सुलेखा ने। रविन्द्र की ट्रेवल एजेंसी है और ये शातिर अनिल और संजीव को एमआईडी यानी मर्चेंट आईडी मुहैया कराता था। जिसके बाद इनका धंधा शुरू होता। अब तक ये शातिर कई लोगों को अपना शिकार बना चुके है। पुलिस ने इनके पास से ग्यारह क्रेडिट कार्ड, एक ईडीसी मशीन, 54 क्रेडिट कार्ड नम्बर की लिस्ट और तकरीब बीस से पच्चीस लाख रूपये खरीददारी की स्लिप बरामद की है। लगातार एक के बाद एक सामने आते इन मामलों से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में इन शातिरों का जाल कितनी तेजी से फैल रहा है। ऐसे मामलों में आपकी सावधानी जरुरी है, क्योंकि ये अपराधी हर वक्त एक नए शिकार की ताक में रहते हैं।

01 जुलाई 2010

नौकरी के नाम पर रेप

.. जब उस लड़की की मुलाकात लडके से हुई तो उसे अपनेपन का अहसास हुआ। यहां तक की उसने अपनी मजबुरी उसके सामने बयां कर दी। उसे जरूरत थी नौकरी की। नौकरी दिलाने का भरोसा भी मिला। लेकिन नौकरी की जिंदगी ही बर्बाद कर दी। नौकरी के नाम पर उसकी अस्मत को लूट लिया गया।
पुलिस की गिरफ्त में खड़े इस युवक ने अपनी ही दोस्त के साथ विश्वासघात किया। उसकी मजबुरी का फायदा उठा कर उसे अपनी हवस का शिकार बनाया। पुलिस के मुताबिक पीड़ित युवती को मनोज नाम का ये युवक 6 महीने से नौकरी दिलाने का झांसा दे रहा था। एक दिन नौकरी दिलाने के बहाने लड़की को गुड़गांव में अपने एक दोस्त के पास ले गया। जहां इसने युवती के साथ बलात्कार किया....पीड़िता ने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई। पुलिस ने लड़की की मेडिकल जांच कराई... जिसमें दुष्कर्म की पुष्टी हो गई। लड़की की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी मनोज को गिरफ्तार कर लिया। मनोज दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में दवा कंपनी बतौर मेडिकल रि-प्रेजेंटेटिव काम करता है। कुछ महीनों पहले उसकी मुलाकात दिल्ली के पंजाबी बाग में रहने वाली एक लड़की से हुई थी। लड़की को नौकरी की तलाश थी.. ऐसे में मनोज ने उसे भरोसा दिलाया की वो किसी अच्छी कंपनी में उसको नौकरी दिला देगा। इसी आड़ में उसने हवस का गंदा खेल खेलकर लड़की की जिंदगी बर्बाद कर दी। मनोज खुद को पाक-साफ बता रहा है उसका तो कहना है कि सोची समझी साजिश के तहत उसे इस मामले में फंसाया जा रहा है। ऐसा पहली बार नही है जब किसी लड़की को नौकरी का झांसा देकर हवस का शिकार बनाया गया हो। लेकिन जरूरत कानून सख्त करने के साथ लड़कियों को भी जागरूक होने की है। ताकि इस तरह के धोखेबाजों के चंगुल में फंसकर उनकी जिंदगी बर्बाद ना हो।