16 अक्तूबर 2010

बेटे की बलि

क्या तंत्र मंत्र से घर की बिगड़ी हालत सुधारी जा सकती है... क्या तांत्रिक क्रिया किसी को दौलतमंद बना सकती है... यकीनन नहीं.... और ये बात सब जानते हैं बाबजूद इसके अंधविश्वास में पड़कर लोग.. क्या कुछ नहीं करते.. और उन्हें इसका अंजाम भी भुगतना पड़ता है...आज हम आपको एक बार फिर दिखाते हैं अंधविश्वास और तंत्र मंत्र के नाम पर अंजाम दी गई एक खौफनाक वारदात... खबर है रामपुर से...यहां एक शख्स ने दौलत पाने के लिए तंत्र क्रियाओं में पड़कर अपने बेटे का ही गला रेत डाला.. जरा गौर से देखिये एक लालची बाप का पाप...
जरा सोचिए की क्या कोई इंसान बलि देकर अमर हो सकता है.. क्या ऐसा मुमकीन है... चलिये ये तो रील लाइफ का द्रश्य था लेकिन हम आपको दिखाते हैं रीयल लाइफ की वो सनसनीखेज दास्तान जिसकी हकीकत जानकर आपके होश उड़ जायेंगे..
इससे पहले की हम आप इन सवालों के जबाव दें...हम आपको दिखाते हैं एक सनसनीखेज खबर... उत्तर-प्रदेश के रामपुर से आई है एक दिल दहला देने वाली खबर.. एक बाप ने अपने ही बेटे की दे दी बलि...HOLD.... इस तस्वीर को देखिये..ये तस्वीर है 14 साल के मकदूम नाम के एक मासूम की...HOLD... ये मासूम अब इस दुनिया में नहीं रहा...HOLD.... अब ज़रा इस शख्स को देखिये... चौदह साल के मासूम मकदूम के कत्ल का इल्जाम इसी पर लगा है.. मुस्तकीम नाम का ये शख्स रिश्तें में तो मकदूम का पिता है .. लेकिन इस हैवान ने अपने ही हाथों अपने मासूम बेटे को मौत के घाट उतार दिया
चौदह साल के मासूम के कत्ल की ये खौफनाक वारदात है रामपुर के स्वर थाना इलाके की.. मुस्तकीम अपने बेटे और पत्नी के साथ रहता था.. पिछले कुछ दिनों से उसके परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी.. वो किसी भी तरह से रुपया पाना चाहता था... वो दौलत पाने के लिए इस कदर जुनूनी हो गया कि वो अजीबों गरीब हरकतें करने लगा... वो घर में पूजा पाठ के नाम पर तंत्र-मंत्र करने लगा... उसे यकीन था कि अगर वो किसी बच्चे की बलि दे देगा तो वो दौलतमंद हो जायेगा,....उसे तांत्रिक क्रिया करने के लिए एक बच्चे की जरुरत थी...वो बच्चे को ढूंढने लगा....उससे लगा कि वो क्यों न इस काम के लिए अपने ही बच्चे की बलि दे दे... मुस्तकीम को अब इंतजार था उस पल का जब वो अपने ही बेटे की बलि दे तांत्रिक क्रिया कर सके... आरोप है कि रविवार को जब मकदूम की मां घर पर नहीं थी.. मुस्तकीम ने अपने बेटे मकदूम की छुरे से गला रेतकर बलि दे दी.. इतना ही नहीं इस हैवान ने घर में एक कुत्ते को भी मौत के घाट उतार दिया ताकि इसकी दौलत पाने की इच्छा पूरी हो सके..
अपने घर को दौलत से रोशन करने के लिए मुस्तकीम ने अपने ही हाथों अपने घर का चिराग बुझा दिया....घरवालों को जैसे ही मुस्तकीम की हैवानियत का पता चला उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी.. पुलिस मौके पर पहुंची और मुस्तकीम को गिरफ्तार कर लिया.. मुमकीन है कि अदालत मुस्तकीम को उसके किए की सख्त सजा भी देगी लेकिन जिस तरह से मुस्तकीम ने दौलत पाने के लिए तंत्र क्रिआयों को पूरा करने के लिए अपने ही बेटे को मौत के घाट उतार दिया उसने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अंधविश्वास के दानव का कहर अब भी बरकरार है

मासूम का गुनहगार

इस दुनिया में ना जाने कितने मासूम हैं जो अपने पिता के प्यार के लिए तरसते हैं.. उन्हें कभी पिता का प्यार नसीब नहीं हुआ.. लेकिन इसी दुनिया में एक बच्ची ऐसी भी है.. जिसे के पिता नाम से ही डर लगता है.. पिता का नाम सुनकर ही उसका जिस्म थर्रा उठता है.. जानते है क्यों.. क्योंकि उसका पिता इंसानी भेष में छिपा दुनिया वो वहशी इंसान है.. जो अपनी ही बीवी के सामने अपनी बेटी का बलात्कार करता है.. इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला आखिर कौन है ये पापी पिता...
चेहरे पर सामाजिक अपमान का दर्द... दिल में अपने किये की शर्मिंदगी .. और पुलिस से रहम की भीख.. कैमरे के सामने इस शख्स की गिड़गिडाहट देखिये.. इसके हलक से निकले हर अल्फाज मे इतना दर्द है..कि पत्थर दिल इंसान भी मोम बन जाए... लेकिन आज इस इंसान के लिए यहां मौजूद हर शख्स पत्थर दिल बन चुका है.. वैसे तो ये शख्स भी किसी बाप.. किसी का पति..MUSIC CHANGE लेकिन फिर भी ये इंसान के नाम पर एक कलंक है... इसकी करतूत ने ही आज इसे इतना मजबूर बना दिया है कि ये अपनों ही नज़रों में गिर चुका है.. HOLD... मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में रहने वाले कैलाश गिरी पर इतने संगीन आरोप लगे हैं कि हकीकत जानकर किसी का भी सिर शर्म से झुक जाये..असल में ये शख्स है एक पापी पिता...क्योंकि चार बेटियों के इस पिता ने अपनी ही 13 साल की एक मासूम बेटी को बनाया है हवस का शिकार .. उसके अरमानों को..उसके सपनों को ये हैवान हर दिन बिस्तर पर रौंदता रहा.. इस शख्स की हैवानियत तो देखिये कि जब भी ये जल्लाद अपनी बेटी के जिस्म से खेलता तो उसे हर बार मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी दे डालता....
कैलाश इस कदर वहशी हो चुका था कि उसने अपनी पत्नी के सामने ही अपनी मासूम बेटी को हवस का शिकार बनाया .... जब भी कैलाश की पत्नी ने इसका विरोध किया तो कैलाश ने उसे भी जमकर पीटा... अपनी हवस मिटाने के लिए ये शैतान अपनी पत्नी को कमरे में बंद कर देता और फिर मासूम बेटी से हवस पूरी करता.. आखिरकार कब तक एक मां मासूम अपनी ही बेटी पर हो रहे जुल्म सहती .. मौका मिलने पर पीड़ित रजनी की मां अनीता अपने मायके पहुंची.. और फिर इस शैतान पति के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया.. पुलिस ने बलात्कार का मामला दर्ज कर आरोपी कैलाश गिरी को गिरफ्तार कर लिया..
साल भर से मासूम रजनी की अस्मत को रौदंने वाला ये हैवान पुलिस की गिरफ्त में आया...तो इसकी सारी हेकड़ी निकल गई..और अब ये खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बता रहा है..
रजनी को अपने पापी पिता के नाम से ही डर लगने लगता है.. वो चाहती है कि उसके वहशी पिता को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए..ताकि फिर कभी कोई पिता इस कदर रिश्तों को तार-तार ना कर सके..

मासूम का गुनहगार

इस दुनिया में ना जाने कितने मासूम हैं जो अपने पिता के प्यार के लिए तरसते हैं.. उन्हें कभी पिता का प्यार नसीब नहीं हुआ.. लेकिन इसी दुनिया में एक बच्ची ऐसी भी है.. जिसे के पिता नाम से ही डर लगता है.. पिता का नाम सुनकर ही उसका जिस्म थर्रा उठता है.. जानते है क्यों.. क्योंकि उसका पिता इंसानी भेष में छिपा दुनिया वो वहशी इंसान है.. जो अपनी ही बीवी के सामने अपनी बेटी का बलात्कार करता है.. इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला आखिर कौन है ये पापी पिता...
चेहरे पर सामाजिक अपमान का दर्द... दिल में अपने किये की शर्मिंदगी .. और पुलिस से रहम की भीख.. कैमरे के सामने इस शख्स की गिड़गिडाहट देखिये.. इसके हलक से निकले हर अल्फाज मे इतना दर्द है..कि पत्थर दिल इंसान भी मोम बन जाए... लेकिन आज इस इंसान के लिए यहां मौजूद हर शख्स पत्थर दिल बन चुका है.. वैसे तो ये शख्स भी किसी बाप.. किसी का पति..MUSIC CHANGE लेकिन फिर भी ये इंसान के नाम पर एक कलंक है... इसकी करतूत ने ही आज इसे इतना मजबूर बना दिया है कि ये अपनों ही नज़रों में गिर चुका है.. HOLD... मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में रहने वाले कैलाश गिरी पर इतने संगीन आरोप लगे हैं कि हकीकत जानकर किसी का भी सिर शर्म से झुक जाये..असल में ये शख्स है एक पापी पिता...क्योंकि चार बेटियों के इस पिता ने अपनी ही 13 साल की एक मासूम बेटी को बनाया है हवस का शिकार .. उसके अरमानों को..उसके सपनों को ये हैवान हर दिन बिस्तर पर रौंदता रहा.. इस शख्स की हैवानियत तो देखिये कि जब भी ये जल्लाद अपनी बेटी के जिस्म से खेलता तो उसे हर बार मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी दे डालता....
कैलाश इस कदर वहशी हो चुका था कि उसने अपनी पत्नी के सामने ही अपनी मासूम बेटी को हवस का शिकार बनाया .... जब भी कैलाश की पत्नी ने इसका विरोध किया तो कैलाश ने उसे भी जमकर पीटा... अपनी हवस मिटाने के लिए ये शैतान अपनी पत्नी को कमरे में बंद कर देता और फिर मासूम बेटी से हवस पूरी करता.. आखिरकार कब तक एक मां मासूम अपनी ही बेटी पर हो रहे जुल्म सहती .. मौका मिलने पर पीड़ित रजनी की मां अनीता अपने मायके पहुंची.. और फिर इस शैतान पति के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया.. पुलिस ने बलात्कार का मामला दर्ज कर आरोपी कैलाश गिरी को गिरफ्तार कर लिया..
साल भर से मासूम रजनी की अस्मत को रौदंने वाला ये हैवान पुलिस की गिरफ्त में आया...तो इसकी सारी हेकड़ी निकल गई..और अब ये खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बता रहा है..
रजनी को अपने पापी पिता के नाम से ही डर लगने लगता है.. वो चाहती है कि उसके वहशी पिता को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए..ताकि फिर कभी कोई पिता इस कदर रिश्तों को तार-तार ना कर सके..

मां-बाप का कातिल

एक दंपत्ति ने एक बच्चे को गोद लिया... ये सोचकर कि बड़ा होकर वो उनके बुढापे की लाठी बनेगा... उस बच्चे को उन्होंने पाला पोसा..पढाया लिखाया..उसकी शादी भी कराई...औऱ तो और अपनी दौलत का उसे वारिस भी बना दिया...लेकिन जल्द से जल्द दौलत पाने के लिए उस शख्स ने बुजुर्ग दंपत्ति का क्या हश्र किया यकीन मानिये सुनकर रुह कांप जायेगी... जिस बुजुर्ग दंपत्ति ने उस बच्चे को दिया था बाप का नाम...उसी सौतेले बेटे ने दौलत के लालच में मिटा अपने मां बाप का ही नामोनिशां को....और कर दिया रिश्तों का खून..यूपी पुलिस ने मथुरा के पॉश इलाके कृष्णा नगर में रहने वाले दीपक नाम के युवक को उसकी पत्नी के साथ हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है.. हत्या भी किसी और की नहीं बल्कि अपने ही मां बाप की.. जिन बुजुर्ग ने इस लावारिस को मां बाप का नाम दिया...पाल पोसकर बड़ा किया... जिंदगी की राह दिखाई.. सगा बेटा ना होते हुए भी.. अपनों से ज्यादा प्यार दिया....लेकिन बदले में इस शख्स ने उन मां बाप को दे दी मौत.... पुलिस ने दीपक और उसकी पत्नी सुनीता के साथ दो बदमाशों को भी गिरफ्तार किया है..
असल में बुजुर्ग दंपति सत्यनारायण गौतम और उनकी पत्नी उषा गौतम की बीते 25 सित्मबर को रात गला दबाकर हत्या कर दी गई थी.. शुरूआती दौर में दीपक ने इसे लूटपाट के मकसद से हत्या का मामला बताया.. उस वक्त घर से कुछ कीमती सामान भी गायब मिला था.. पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन की तो शक की सुई दीपक और उसकी पत्नी पर आकर टीक गई.. जैसे ही पुलिस ने इन दोनों से पूछताछ की...वारदात से जुड़ा सारा सच सामने आ गया... पुलिस ने दीपक को उसकी पत्नी, और भाड़े के दो हत्यारों के साथ गिरफ्तार कर लिया..
पुलिस को इस दोहरे हत्याकांड में ठोस मकसद की दरकार थी.. जब दीपक पुलिस गिरफ्त में आया तो बुजुर्ग दंपत्ति की मौत का मंसूबा भी साफ हो गया..असल में इस दोहरे हत्याकांड की वजह थी पैसा.. पुलिस के मुताबिक सत्यनारायण की अपनी कोई औलाद नहीं थी.. दीपक को सत्यनारायण ने उस वक्त गोद लिया था जब उसकी उम्र महज दो साल थी... वक्त बीतता गया औऱ दीपक भी बड़ा होता गया...सत्यनारायण ने दीपक की शादी भी करा दी.. दीपक का परिवार बस चुका था...और सत्यनारायण बुढापे की दहलीज पर थे उन्हें इस उम्र में सहारे की जरुरत थी... हाल ही में सत्यनारायण ने अपनी कुछ प्रोपर्टी बेच दी और पैसों को फिक्स डिपोजिट करा दिया.. दीपक को लगा कि उसके हाथ कुछ नहीं लगने वाला..दौलत के लालच में दीपक अंधा हो गया...उसने अपनी पत्नी के साथ मिलकर साजिश रची और दो भाड़े के हत्यारों से सत्यनारायण और उनकी पत्नी की हत्या करा दी...खुद को बचाने के लिए उसने वारदात को लूट का रंग दे दिया ...
सत्यनारायण ने दीपक को अपनाया था...बाप का नाम दिया था ताकि दीपक उसके घर का चिराग बने...उसके बुढापे की लाठी बने... लेकिन दौलत के लालच में दीपक ने तो सत्यनारायण की जिंदगी में ही अंधेरा कर दिया.. दीपक ने दौलत के लालच में रिश्तों का खून कर दिया...वो न तो एक बेटे का फर्ज निभा पाया और न ही वो पा सका दौलत...अलबत्ता इतना जरुर है कि अब उसे आगे की जिंदगी जेल में बितानी पड़े

07 अक्तूबर 2010

सेक्स रैकेट का भंडाफोड़

फरीदाबाद पुलिस ने नौजवानों को सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है...पुलिस के मुताबिक उन्हें गुप्ता सूचना मिली थी कि फरीदाबाद के सेक्टर 16 में सत्यम गेस्ट हाउस में जिस्मफरोशी का धंधा चल रहा है..पुलिस ने खबर मिलने के बाद एक टीम का गठन किया और बिना वक्त गवाएं गेस्ट हाउस पर छापा मारा.. छापा मारी में पुलिस ने 6 लड़की और 6 लड़को को गिरफ्तार किया...हालांकि पुलिस के इस आपरेशन के दौरान एक लड़का भागने की फिराक में बिल्डिंग से ही कूद गया..जिसे घायल हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है..पुलिस ने इस सिलसिले में गेस्ट हाउस के मैनेजर को भी गिरफ्तार किया है..
बकौल पुलिस गिरफ्तार किए गए सभी युवक और युवतियां रईस परिवारों से ताल्लुक रखते हैं...जिनके पास पैसों की कोई कमी नहीं ...लेकिन सवाल ये है जब इनके पास पैसों की कोई कमी नहीं थी तो ये लोग जिस्मफरोशी के इस धंधे में क्यों उतरे...
पुलिस भी इन लोगों से पूछताछ कर इसी बात की जड़ तक जाना चाहती है ...साथ ही पुलिस इस बात की भी तस्दीक कर रही है कि इनके गिरोह के तार और कहां तक फैले हैं और इनके गिरोह में और कौन-कौन लोग शामिल है...पुलिस की मानें तो इनसे पूछताछ के बाद कुछ और चेहरे बेनकाब हो सकते हैं ...बहरहाल पुलिसिया पूछताछ में चाहे जो कुछ भी निकलकर सामने आए लेकिन इस घटना ने एक बात तो जरुर साफ कर दी है कि नौजवान शॉर्टकट के जरिए ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने की चाहत में सही और गलत का फर्क भूल जाते हैं जिसका नतीजा ये होता है कि चंद दिनों की मौजमस्ती और चकाचौंध के चक्कर में ये नौजवान कर लेते हैं अपनी पूरी जिंदगी तबाह और बर्बाद...

फैसले का दिन

एक दिन.. दो केस और दोनों में अहम फैसला.. 6 अक्टूबर 2010 का दिन अहम फैसलों का दिन रहा.. दो परिवारों को लंबे अर्से बाद न्याय मिला और गुनहगारों को उनके किए की सजा.. हिन्दुस्तान के बहुचर्चित प्रियदर्शनी मट्टू हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के बेटे आरोपी संतोष सिंह को राहत देते हुए.. फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया है.. 23 जनवरी 1996 को दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ में थर्ड ईयर की पढाई कर रही प्रियदर्शनी की लाश साउथ दिल्ली स्थित उसके आवास से बरामद हुई थी.. इस मामले में पुलिस ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ की ही पढाई कर रहे संतोष सिंह को गिरफ्तार किया था.. मामला संतोष को अदालत में पेश किया गया.. और दो दिन बात ही यानी 25 जनवरी 1996 को केस सीबीआई को सौंपा गया.. सीबीआई ने जांच की और अदालत में सबूत पेश किए.. निचली अदालत ने 3 दिसम्बर 1996 को फैसला सुनाया और सबूतों के अभाव में संतोष को बरी कर दिया... निचली अदालत के फैसले को सीबीआई ने हाई कोर्ट में चुनौती दी.. हाई कोर्ट ने डीएनए टेस्ट और कुछ अहम सुबूतों की बिनाह पर माना कि वारदात के वक्त संतोष प्रियदर्शनी के आवास पर मौजदू था और उसी ने प्रियदर्शनी की बलात्कार के बाद हत्या की.. सबूतों को मद्देनजर रखते हुए हाई कोर्ट ने 17 अक्टूबर 2006 को संतोष को प्रियदर्शनी से बलात्कार और उसकी हत्या का दोषी माना.. और 30 अक्टूबर 2006 को आरोपी संतोष सिंह को फांसी की सजा सुनाई.. हाई कोर्ट के इस फैसले की खिलाफ संतोष ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की..अपील पर सुनावाई करते हुए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया और फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया.. सुप्रीम कोर्ट मे दो जजों की बेंच ने कहा की कुछ तथ्य संतोष के पक्ष में है.. जिन्हें ध्यान में रखते हुए फांसी की सजा को उम्र कैद में बदला गया है..वहीं चौदह साल बाद आए इस फैसले से पीड़ित परिवार काफी निराश है.. और वो सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर रिव्यू पैटिशन फाइल कर सकते हैं..
दुसरी ओर बंगलुरू की प्रतिभा मूर्ति की बलात्कार के बाद हत्या के मामले में बंगलूरु फास्ट ट्रेक कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया..कोर्ट ने इस केस के आरोपी शिवकुमार को दोषी करार दिया है,... बंगलुरू की एक बीपीओ कंपनी में काम करने वाली प्रतिभा मूर्ति की 25 दिसम्बर 2005 को बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी.. इस जघन्य अपराध को बीपीओ कंपनी के कैब ड्राईवर शिवकुमार ने अंजाम दिया था.. अदालत में इस केस से जुडे कुल 71 लोगों के ब्यान दर्ज किए गए ..करीब पांच साल चले केस में फास्ट टैक कोर्ट ने आरोपी कैब ड्राइवर को दोषी करार दिया है.. कोर्ट सजा का एलान आने वाले शुक्रवार को करेगी.. .