17 फ़रवरी 2011

डुमका में बीएसएफ जवान की हत्या

डुमका के हंसडीहा इलाके में सड़क के बीचों बीच पड़ी ये लाश एक जवान की है..जिसकी बेरहमी से हत्या कर उसकी लाश को हत्यारे यहां फेंककर फरार हो गए..वारदात की खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची तो लाश की शिनाख्त हुई..पुलिस को पता चला कि मरने वाला शख्स प्रभात कुमार सोलंकी है जोकि नालंदा के मायर गांव का रहने वाला है..प्रभात की लाश के पास से पुलिस ने बीएसएफ जवान की वर्दी और एक आई कार्ड बरामद किया..जो कि प्रभात का ही था..पुलिस को अब तक साफ हो चुका था कि बीएसएफ की 14 बटालियन में तैनात कांस्टेबल प्रभात सोलंकी की हत्या कर उसकी लाश को ठिकाने लगाने के मंसूबे से यहां फेंका गया है..
इन दिनों प्रभात की पोस्टिंग किशनगंज में थी..पुलिस को लाश के पास से एक पत्र भी बरामद हुआ..जिसमें प्रभात ने 40 दिन की छुट्टी का जिक्र किया है..और उसमें लिखा है कि वो छुट्टी के दिनों मे गिरिडीह जाने वाला है..प्रभात के जिस्म पर चोट के निशान मिले है..साथ ही उसके एक हाथ को बड़ी की बेदर्दी के साथ काटा गया है..पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है..लेकिन अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि किसने और क्यों प्रभात की हत्या की..
पुलिस को अंदेशा है कि प्रभात की हत्या कर उसकी लाश को यहां लाकर फेंका गया है..फिलहाल पुलिस ने मामले की जानकारी प्रभात के परिवार वालों को दे दी है..और मामले की बारिकी से छानबीन कर रही है..लेकिन बीएसएफ जवान के कत्ल की वारदात से इलाके के लोग खौफजदा है..हर किसी के जहन में बस एक ही सवाल है कि किसने और क्यों किया प्रभात का कत्ल..

इंसान के भेष में.. घूम रहे वहशी दरिंदें..

इंसान के भेष में.. घूम रहे वहशी दरिंदें.. मासूम को बनाया..वहशत का शिकार.. औरंगाबाद के ओबरा थाने में ये नाबालिग इंसाफ की गुहार लगा रही है.. ओबरा इलाके के रहने वाले राकेश नाम के एक दबंग ने इस मासूम के साथ खेला है वहशत का घिनौना खेल.. ये वारदात बीती 16 फरवरी की है.. आशा शाम करीब साढे सात बजे घर से किसी काम के लिए निकली थी.. रास्ते में उसे अकेला पाकर गांव के ही राकेश नाम के एक दबंग लड़के ने उसे दबोच लिया और फिर जबरन उसे सुनसान जगह ले जाकर इस मासूम को हवस का शिकार बना डाला..वहशी के जुल्मों सितम से मासूम आशा बेहोश हो गई और आरोपी राकेश मौके से फरार हो गया..होश आने पर देर शाम जब लोगों ने आशा की आवाज सुनी तो किसी तरह उसे घर पहुंचाया.. बेटी के साथ हुई ज्यादती की शिकायत परिजनों ने ओबरा थाने में दर्ज कराई..
परिजनों ने मामले की शिकायत थाने में दर्ज कराई..पुलिस को आरोपी का नाम भी बताया..लेकिन पुलिस की लापरवाही का आलम ये रहा है कि पुलिस ने मुकद्दमा तक दर्ज करना मुनासीब नहीं समझा.. आरोप है कि आरोपी के रसूख के चलते पुलिस उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.. लेकिन जब इस पूरे मामले में मीडिया ने दखल दिया तो पुलिस को मुकद्दमा दर्ज करना पड़ा..लेकिन आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है..
जिस तरह से पुलिस ने नाबालिग के साथ बलात्कार के मामले में लापरवाही दिखाई उससे साफ है कि पुलिस भी दबंगों के सामने बेबस नजर आती है..यही वजह है कि दबंग बेखौफ होकर वहशत का घिनौना खेल खेलते हैं..मीडिया के दबाव के चलते पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया है..लेकिन देखने वाली बात होगी कि पुलिस कब तक आरोपी को गिरफ्तार कर उसे उसके असली ठिकाने पहुंचाती है..

10 फ़रवरी 2011

मां, मोब्बत और मर्डर-1

मां के हलक से निकला हर अल्फाज उसके लिए पत्थर की लकीर था.. मां ने उसे जिंदगी भर जो भी करने को कहा..उसने बिना सोचे समझे किया.. लेकिन एक दिन उसी मां ने उससे मांग डाला दुध का कर्ज.. उस मां ने दूध के बदले मांगा खून.. खून भी किसी गैर का नहीं बल्कि किसी अपने का ही...जी हां कलयुग की इस मां ने..अपने बेटे से मांगी दुध के बदले अपनी बेटी की जान.. और क्या हुआ एक मां की इस खौफनाक मांग का अंजाम...
रूह कांप उठेगी
दिल थर्रा उठेगा
भूल जाओगे प्यार करना
भूल जाओगे कस्में वादे
जब सामने आएगी
प्रियंका-नगीम की खून भरी
प्रेम कहानी
प्रियंका और नगीम... दोनों ही इस दुनिया में नहीं हैं.. दोनों का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया.. दोनों को सच्ची मोहब्बत करने की सजा मिली.. हैरानी की बात ये है कि दोनों को सजा-ए-मौत किसी गैर ने नहीं बल्कि अपनों ने दी.. फर्रूखाबाद के कायमगंज की रहने वाली प्रियंका और उसके प्रेमी का उसी के भाई ने कत्ल कर दिया.. प्रियंका और नगीम दोनों के धर्म अलग अलग थे लेकिन फिर भी दोनों एक दुसरे से बेइंतहा प्यार करते थे..दोनों ने जिंदगी भर साथ निभाने की कसमें भी खाईं थीं.. दोनों की मोहबब्त की गाड़ी करीब तीन साल पहले पटरी पर आई थी.. लेकिन इस बात की भनक प्रियंका के परिवार वालों को उस वक्त लगी जब बीती 19 जनवरी को प्रियंका नगीम के साथ घर छोड़कर चली गई.. सवाल घर की इज्ज्त का था लिहाजा प्रियंका की मां ने बेटे संजय वर्मा को एक अजीबो गरीब फरमान सुना डाला.. प्रियंका की मां ने संजय को कहा कि उसे प्रियंका और उसका प्रेमी किसी भी कीमत पर जिंदा या फिर मुर्दा चाहिए.. संजय के लिए एक तरह दुध का कर्ज था तो दुसरी तरफ बहन का प्यार..ऐसे में उसने लिया एक खौफनाक फैसला..
घर से चले जाने के बाद प्रियंका और नगीम कोर्ट मैरिज करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे.. लेकिन इस बात की भनक संजय को भी लग गई.. संजय अपने साले मनोज और उसके उमेश यादव ड्राईवर के साथ इलाहाबाद पहुंचा और प्रियंका और नगीम को समझा बुझाकर अपने साथ वापस फर्रूखाबाद ले आया.. प्रियंका और नगीम को उम्मीद थी कि उनके घर वाले दोनों के प्यार को समझ गए हैं.. लेकिन ये उनका वहम ही निकला.. क्योंकि अभी तो उनकी प्रेम कहानी में वो मोड़ आना बाकी थी जिसकी हकीकत जानकर कोई मोहब्बत करने से पहले एक बार नहीं सौ बार सोचे... अभी तो इश्क और साजिश के इस खेल में वो मोड़ आना बाकी था जिसकी हकीकत किसी के भी होश फाख्ता कर दे...

मां, मोहब्बत और मर्डर-2

प्रियंका और नगीम संजय के साथ कोर्ट से वापस फर्रुखाबाद आ गये...ये सोचकर कि शायद उनका प्यार अब शादी के अंजाम तक पहुंच जायेगा... लेकिन वो इस बात से अंजान थे कि उनके प्यार को कब्र में दफन में कर देने तक की साजिश रच दी गई है... प्रियंका और उसके आशिक को मारने की पूरी की पूरी तैयारी कर ली गई है... प्रियंका की मां ने बाजाफ्ता इस काम के लिए तैयार किया था प्रियंका के भाई संजय को...आरोप है कि बीती 26 जनवरी को संजय और उसका साला मनोज.. नगीम और प्रियंका को अपने साथ कायमगंज से कन्नौज ले गए..जहां काली नदी के पुल पर तीनों ने नगीम के चेहरे पर पहले तो तेजाब डाला और फिर तीन गोली मारकर उसकी हत्या कर दी.. इतना ही नहीं तीनों ने प्रियंका की भी गला दबाकर हत्या कर दी..दोनों के प्रेम संबंधों से गुस्साए संजय ने प्रियंका को भी कई गोली मारी और दोनों की लाश को नदी में फेंक दिया..
दोनों की हत्या करने के बाद तीनों इत्मिनान से घर आए..इसके बाद पुलिस से बचने के लिए प्रियंका के परिवार वालों ने कायमगंज थाने में प्रियंका की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करा दी.. अगले दिन यानी 27 जनवरी को प्रियंका की लाश काली नदी से बरामद हुई... पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर प्रियंका के घरवालों को शिनाख्त के लिए बुलाया जिसके बाद लाश की शिनाख्त कर ली गई.. पुलिस ने प्रियंका के पोस्टमॉर्टम के बाद लाश परिजनों को सौंप दी...और परिजनों ने उसी दिन देर शाम प्रियंका का दाह संस्कार कर दिया..पोस्टमॉर्टम से ये तो साफ था कि प्रियंका का कत्ल किया गया है...लेकिन अब सवाल था कि प्रियंका का कातिल कौन है... पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि प्रियंका के नगीम से प्रेम संबंध से जो कि उसके घरवालों को नागवार गुजर रहे थे...बस फिर क्या था पुलिस ने संजय को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने पुलिस की सख्ताई के आगे तोते की तरह अपना गुनाह कुबूल कर लिया...
संजय के कुबूलनामे के बाद पुलिस ने वारदात में शामिल उसके साले मनोज और उमेश यादव को भी गिरफ्तार कर लिया...पुलिस के सामने ये बात साफ हो चुकी थी कि प्रियंका के कत्ल के लिए संजय को उसकी मां ने ही उकसाया था..
बहरहाल आनर किलिंग के इस मामले में आरोपी पुलिस के शिकंजे में है और पुलिस नगीम की लाश की तलाश में जुटी है... लेकिन इस मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि लोग भले ही पश्चिमी सभ्यता को अपनाकर 14 फरवरी जैसे दिन को प्यार के इजहार के दिन के रुप में मान चुके हों लेकिन हिन्दुस्तान में आनर किलिंग का जिन्न अब भी जिंदा है जो वक्त बे वक्त प्यार करने वालों को अपना निबाला बनाता ही है...

छह टुकड़ों में कटी लाश

लाल रंग के ये दो बैग देखिए.. बैग ने यूपी के बाराबंकी में पुलिस में महकमे में हड़कंप मचा रखा है.. बाराबंकी में पुलिस के सिपाही से लेकर आलाअधिकारी तक सकते में हैं.. पुलिस ने इन दोनों बैग को फैजाबाद हाइवे के किनारे जंगलों से बरामद किया ...लेकिन पुलिस ने जब बैग खोलकर देखे.. तो पुलिस के होश फाख्ता हो गए..
दो बैग में बंद
छह टुकड़ों में कटी एक लाश
इन बैग से पुलिस ने कोई सामान नहीं बल्कि एक लाश बरामद की.... लाश किसकी है अभी तक साफ नहीं हो पाया है..लेकिन इतना पता चला है कि लाश किसी युवक की है जिसकी बड़ी ही बेरहमी से हत्या की गई.. और लाश के एक दो नहीं पूरे छह टुकड़े कर उन्हें बैग में भरकर यहां लाकर डाला गया..लेकिन सवाल है कि..
किसकी है ये लाश ? और
क्यों इतनी बेरहमी से किया गया कत्ल ?
पुलिस ने जांच भले ही शुरु कर दी है लेकिन पुलिस के पास अभी तक किसी भी सवाल का जबाव नहीं.. पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है..और शुरु कर दी है उस एक अदद सुराग की तलाश जो पुलिस को बतायेगा कातिल का पता..
लाश के छह टुकड़े कर उसे दो बैग में भरकर डाला गया था..एक बैग में शरीर के नीचे का हिस्सा निकला तो दुसरे में शरीर का उपरी हिस्सा..पुलिस के मुताबिक किसी ने बड़ी ही बेरहमी से युवक की हत्या की है..हालांकि अभी तक युवक की शिनाख्त नहीं हो पाई है लेकिन लाश की हालत देखकर पुलिस को कुछ हुलिया जरूर समझ में आ रहा है..
मरने वाले शख्स की शिनाख्त नहीं हो पाई है.. लेकिन जिस तरह से हत्या कर लाश के छह टुकड़े किए गए उससे इतना तो तय है कि कातिल को जुनून की हद तक नफरत थी..जो उसने इस बेरहमी से वारदात को अंजाम दिया...बहरहाल लाश के छह टुकडों से पुलिस सुराग तलाश रही है लेकिन वो कब तक कातिल के करीब पहुंचेगी...कहना मुश्किल है..

मां की आंखों से गिरते आंसू

मां की आंखों से गिरते आंसू.. पिता की सिसकती आवाज...और रूंधे गले से निकले चंद अल्फाज.. इस परिवार की पीड़ा साफ बयां कर रहे हैं.. सुपौल के करजाईन इलाके के गोसपुर गांव के रहने वाले इस परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है..गोसपुर में रहने वाले पंड़ित मंडल की बेटी को अगवा कर लिया गया है.. मामला बीती 31 जनवरी का है.. पंड़ित मंडल की बेटी चन्दना कुमारी शाम के वक्त घर से निकली थी..लेकिन देर रात तक वापस नहीं लौटी.. घर वालों ने उसकी हर जगह तलाश की लेकिन अगले दिन तक भी उसका कहीं कोई सुराग ना मिला.. थक हार कर परिजनों ने इस संबंध में करजाईन थाने में अपहरण का मुकद्दमा दर्ज कराया.. आरोप है कि संजय यादव नाम के पड़ोसी ने इस वारदात को अंजाम दिया है.. जो चन्दना को किसी अनजान जगह पर बंधक बनाकर रखे हुए है..लेकिन अभी तक पुलिस आरोपी को नहीं तलाश पाई है..परिजनों का आरोप है कि पुलिस शिकायत मिलने के बाद ठीक से कार्रवाई नहीं कर रही है..वहीं गांव वाले भी पुलिसिया तफ्तीश पर सवाल उठा रहे हैं..
चन्दना के अपहरण को दस दिन बीत चुके हैं.. दिन ब दिन परिवार की चिंता बढती जा रही है.. लेकिन अभी तक पुलिस उसका कोई सुराग नहीं लगा पाई है..पुलिस ने अपहरण का नामजद मुकद्दमा तो दर्ज कर लिया है लेकिन वो इस पूरे मामले को प्रेम-प्रसंग से जोड़कर तफ्तीश कर रही है..

पुलिस इसे प्रेम-प्रसंग का मामला बताकर अपना पल्ला झाड़ने में लगी है..लेकिन सवाल है की चन्दना आखिर कहां है.. और पुलिस बिना चन्दना को बरामद किए.. आखिर कैसे दावे के साथ इसे प्रेम-प्रसंग का मामला बता रही है.. खैर पुलिस जल्द मामले को सुलझाने का दावा तो कर रही है लेकिन पुलिस की कथनी और करनी में कितना फर्क है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा..

जानी दुश्मन..जेल से दी सुपारी

वो दोनों जेल में बंद हैं..फिर भी रच रहे हैं खौफनाक साजिश..सलाखों के पीछे होने के बावजूद निभा रहे हैं दुश्मनी..जी हां धनबाद पुलिस की गिरफ्त में आए ये दो शातिर इसी बात को पुख्ता करते हैं..असल में पुलिस ने इन दोनों आरोपियों को फहीम खान नाम के शख्स की हत्या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया है..इन दिनों धनबाद के वासेपुर का रहने वाला फहीम धनबाद मंडल कारगार में बंद है..उसपर हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, डकैती जैसे कई संगीन इल्जाम है..वहीं वासेपुर के रही रहने वाले साबिर से फहीम की जाति दुश्मनी है..दोनों एक दुसरे के खून के प्यासे बने हुए हैं..साबिर भी कई आपराधिक मामलों में झारखंड की हजारीबाग जेल में कैद है..लेकिन फिर भी दोनों आए दिन वारदातों को अंजाम देते हैं..और एक दुसरे के गिरोह के गुर्गो को मारने की साजिश रचते हैं...
इस बार साबिर की साजिश फहीम को ठिकाने लगाने की थी..साबिर ने अपने एक रिश्तेदार फिरदोश की मदद से बिहार से दो शॉर्प शूटरों को बुलाया..और फहीम को पेशी के दौरान कत्ल कराने की साजिश रची..लेकिन बीते बुधवार जब ये लोग धनबाद कोर्ट परिसर में रेकी करने गए तो गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने इन्हें धर दबोचा..पुलिस ने इनके पास से दो पिस्टल, सात जिंदा कारूतस, दो मोबाइल फोन और करीब 2200 रूपये बरामद किए..
पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर साबिर के नापाक मंसूबों पर तो पानी फेर दिया..लेकिन अब पुलिस ये पता लगाने में लगी है कि साबिर जेल में बंद होते हुए भी कैसे इन लोगों के संपर्क में था..साथ ही पुलिस ये भी पता लगा रही है कि साबिर के गिरोह में और कौन कौन लोग शामिल है जो उसकी गैर मौजूदगी में वारदातों को अंजाम दे रहे हैं..

बुजुर्ग की लाश चोरी

क्या मुर्दा चल सकता है ?
क्या वो कब्र से निकल सकता है ?
क्या वो कहीं भी घूम फिर सकता है ?
यकीनन ऐसा होना मुश्किल ही नहीं नामुमकीन है.. 120 साल की जिस बुजुर्ग को उसकी मौत के बाद कब्र में दफना दिया गया हो.. अगर उसकी लाश कब्र से गायब मिले.. तो इसे आप क्या कहेगें.. आपको सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन उत्तर-प्रदेश के लखीमपुरी खीरी में कुछ ऐसा ही हुआ है.. कब्रिस्तान में मौजूद ये लोग.. और खुली पड़ी कब्र.. इस बात की गवाही दे रही है कि यहां से हुई है एक बुजुर्ग की लाश गायब.. असल में बीती 3 फरवरी को हैदराबाद थाने इलाके के छेतानिया गांव में रहने वाली 120 साल की शहजादी की मौत हो गई थी..रीति रिवाज से परिजनों ने शहजादी के शव को अगले दिन कब्रिस्तान में दफना दिया..लेकिन जब बीते शनिवार को परिजन कब्रिस्तान पहुंचे तो शहजादी की कब्र खुली पड़ी थी और उसमें से लाश गायब मिली.. परिजनों को शक है कि इसके पीछे किसी तांत्रिक का हाथ हो सकता है जिसने तंत्र क्रियाओं को पूर्ण करने के लिए लाश को गायब कराया है..
कब्र से लाश गायब मिलने से शहजादी के परिजनों के पैरों तले से जमीन खिसक गई.. उन्होनें फोरन मामले की जानकारी पुलिस को दी..पुलिस ने शिकायत मिलने पर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है..हालांकि पुलिस ये भी मानकर चल रही है कि ये किसी जानवर का काम भी हो सकता है..जिसने लाश को बाहर निकाला हो..
पुलिस लाश को कब्र से निकालने वालों की तलाश कर रही है..लेकिन गांव वालों को पूरा शक है कि किसी तांत्रिक ने ही इस वारदात को अंजाम दिया है..ऐसा पहली बार नहीं है जब कब्र से लाश गायब होने का मामला सामने आया हो..इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं.. ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि इस मामले को पुलिस कितनी संजीदगी से लेती है और कब तक वो कर पाती है मुर्दे के मुजरिमों को गिरफ्तार..

05 फ़रवरी 2011

कातिलों के कातिल-2

तीन कत्ल और दो कातिल.. सवाल उठना लाजमी था कि आखिरी ऐसी क्या वजह थी कि कपिल और बेबी ने मिलकर तीन लोगों को मौत के घाट उतार डाला.. यकीन मानिए जब पुलिस के सामने कातिलों ने इस राज को बेपर्दा किया तो सामने आई साल 2011 की सबसे खौफनाक साजिश.. एक ऐसी साजिश जिसे हुस्न, दौलत और नायाजय रिश्तों के बीच रचा गया और शिकार बनाया गया एक दौलतमंद शख्स को.. साल 2011 की ये वो वारदात है जिसमें कातिलों ने ही कर दिया कातिलों का कत्ल...

रोहताश, योगेन्द्र और नेहा को मौत की नींद सुलाने वाले कातिल पुलिस की गिरफ्त में थे..लेकिन जब इन कातिलों ने कत्ल की वजह का खुलासा किया तो हर कोई हैरान रह गया..इस वारदात के पीछे वजह थी दौलत..असल में रोहताश भूमि सरंक्षण अधिकारी था..लेकिन बीवी की मौत के बाद उसे अय्याशी की लत लग गई..और वो अय्याशी में खूब पैसा लुटाता..इसी बीच उसकी मुलाकात नेहा से हुई..नेहा एक एक कर अपने पहले दो पतियों से रिश्ता तोड़ चुकी थी..जबकि उसने योगेन्द्र से तीसरी शादी की थी..योगेन्द्र आपराधिक प्रवृति का था..उसे दौलत की चाह थी..बस यहीं से नेहा ने अपने हुस्न के बुते फुलप्रुफ साजिश रची..साजिश के तहत नेहा और उसके पति ने रोहताश का कत्ल कर उसकी सारी दौलत लूटने का प्लान बनाया..साजिश में दोनों ने कपिल और बेबी को भी शामिल कर लिया..साजिश के मुताबिक बीती 31 जनवरी की दोपहर चारों रोहताश के घर पहुंचे और रोहताश के मफलर से उसकी गला दबाकर हत्या करने के बाद मौके से फरार हो गए..

रोहताश का कत्ल करने के बाद चारों को उसकी ढेर सारी दौलत हाथ लग चुकी थी..लेकिन अब बारी थी लूट की रकम के बंटवारे की..बस यहीं से कपिल का इमान डोल गया..उसे लगा कि सारी दौलत चार हिस्सों की बजाय दो में ही क्यों ना बांटी जाये...और फिर कपिल और बेबी ने मिलकर रची एक और खौफनाक साजिश..जिसके तहत कपिल ने बीती 2 फरवरी को योगेन्द्र को मिलने के बहाने से बुलाया..और फिर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी..साजिश के तहत दोनों ने मिलकर अगले दिन यानी 3 फरवरी को नेहा को भी उसी के घर में गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया..

पुलिस के सामने कत्ल की वजह और कातिलों का चेहरा बेनकाब हो चुका था..पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया..लेकिन जिस तरह से योगेन्द्र और बेबी ने साजिश के तहत रोहताश को ठिकाने लगाने की साजिश रची थी..उसी साजिश के वो दोनों मोहरे बनकर रह गए..साफ है कि जुर्म का रास्ता हमेशा इंसान को बर्बादी की तरफ ही ले जाता है..और यही हुआ योगेन्द्र और नेहा के साथ जिन्हें दौलत के लालच में गुनाह करने के बदले मौत मिली तो कपिल और बेबी आज कानून के शिकंजे में हैं..

कातिलों के कातिल-1

उत्तर-प्रदेश के मेरठ में हुए उस सनसनीखेज ट्रिपल मर्डर की..जिसमें चार दिन में..तीन लोगों को बेरहमी से मार दिया गया...इस वारदात के बाद पुलिस से लेकर पब्लिक तक...चारों ओर हड़कंप मच गया...यूं तो कातिल ने बड़ी सफाई से रंगे थे खून से हाथ लेकिन कातिलों की एक गलती ने ही उन्हें करा दिया बेनकाब.. यकीन मानिये इस वारदात के बाद जो खुलासा हुआ..उसे जानने के बाद आपके पैरों तले से जमीन खिसक जायेगी...

तारीख- 31 जनवरी 2010
वक्त- शाम के करीब 6 बजे
जगह- मेरठ का कंकरखेडा इलाका

मेरठ के कंकरखेडा थाने में पुलिस हर दिन की तरह काम में लगी थी..कि अचानक शाम करीब छह बजे थाने में रखे फोन की घंटी घनघनाई.. और पूरे थाने में हड़कंप मच गया..वजह थी कंकरखेडा के श्रद्धापुरी में एक अधेड़ युवक की हत्या..मामले की सूचना मिलते ही पुलिस के आलाअधिकारी भी मौके पर पहुंचे.. मृत्तक की शिनाख्त रोहताश सिंह के रूप में हुई.. पुलिस को पता चला कि रोहताश मेरठ मे ही भूमि संरक्षक अधिकारी के पद पर तैनात था..करीब तीन साल पहले रोहताश की पत्नी की मौत हो गई थी लिहाजा रोहताश घर में अकेला ही रहता था.. रोहताश की गला दबाकर हत्या की गई थी.. और घर का सारा कीमती सामान गायब था.. पुलिस को समझते देर ना लगी कि कत्ल की इस वारदात को लूटपाट के मंसूबे से अंजाम दिया गया है.. लिहाजा पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तफ्तीश शुरू कर दी..

पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी थी....इससे पहले की पुलिस कत्ल की इस गुत्थी में किसी नतीजे तक पहुंचती.. कि बीती 2 फरवरी को मेरठ के ही सरधना इलाके के जंगलों से एक युवक की लाश बरामद हुई..लाश मिलने से पुलिस महकमें में एक बार फिर खलबली मच गई..पुलिस ने लाश को कब्जे में लिया और तफ्तीश की तो मृत्तक की पहचान योगेन्द्र के रूप में हुई.. योगेन्द्र की गोली मारकर हत्या की गई थी..इतना ही नहीं पुलिस जब तक योगेन्द्र के कातिलों को गिरफ्तार करती बेखौफ बदमाशों ने एक और सनसनीखेज कत्ल की वारदात को अंजाम दे डाला..बीती 3 फरवरी को पुलिस को मेरठ के नंगला ताशी इलाके से एक महिला की लाश उसी के घर से बरामद हुई..महिला की गला दबाकर हत्या की गई थी..महिला की पहचान नेहा के रूप में हुई..इतना ही नहीं पुलिसिया जांच में ये बात भी सामने आई कि नेहा और योगेन्द्र पति पत्नी थे..

महज चार दिनों में कत्ल की तीन सनसनीखेज वारदातों ने मेरठ पुलिस के हाथ पांव फुला दिए..पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते इस ट्रिपल मर्डर केस की बारिकी से तफ्तीश शुरू कर दी.. पुलिस को शक हुआ कि कहीं इन तीनों कत्ल के पीछे कोई एक ही वजह तो नहीं.. इस बीच जब पुलिस ने योगेन्द्र की फोन कॉल डीटेल खंगाली तो कत्ल के राज से पर्दा भी उठ गया..पुलिस को पता चला कि कत्ल के रोज कपिल नाम के एक शख्स ने योगेन्द्र को फोन कर बुलाया था..इसके बाद योगेन्द्र की किसी से बात नहीं हुई...पुलिस को शक हुआ कि कपिन ने ही योगेन्द्र की हत्या की है... ये बात भी सामने आई की कपिल ने ही बेबी नाम की एक महिला के साथ मिलकर योगेन्द्र की पत्नी नेहा को भी मौत के घाट उतारा था..

पुलिस के हाथ नेहा और उसके पति का कातिल लग चुका था..जब पुलिस ने कपिल और बेबी से सख्ती से पुछताछ की तो तीसरे कत्ल यानि रोहताश की हत्या का मामला भी सुलझ गया..कपिल ने खुलासा किया कि रोहताश की हत्या में वो और बेबी भी शामिल रहे हैं.. सच सामने आने के बाद पुलिस भी हैरान थी..लेकिन इससे भी बड़ा सवाल था कि कपिल ने बेबी के साथ मिलकर कत्ल की इन वारदातों को अंजाम क्यों दिया.