03 जुलाई 2010

नौकरानी नहीं चोरनी

दिल्ली के उस परिवार ने एक महिला की मजबुरी देख उसे काम दिया। महिला ने भी मेहनत करने में कोई कोर कसर नही छोडी। उसने दिल लगाकर काम क्या किया कि पूरे पिरवार का ही विश्वास जीत लिया। अब वो परिवार की नौकरानी कम बल्कि सदस्य बन गई। ऐसे में उसने ऐसा विश्वासघात किया कि सुनने वाला हर शख्स सन्न रहा गया।
किसी का विश्वास हासिल करने के लिए एक दो नही बल्कि साल गुजर जाते है। खोने में जरा सा वक्त लगता है। पुलिस गिरफ्त में आई सुनीता यादव के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। इसने राजेन्द्र नगर में रहने वाले विनोद गौरी के परिवार का विश्वासतो पा लिया। लेकिन इसकी एक हरकत से ना केवल परिवार का भरोसा टूटा बल्कि ये अपने साथी के साथ पुलिस गिरफ्त में आ गई। पुलिस के मुताबिक तीन जून को विनोद गौरी के घर हुई चोरी की वारदात को सुनीता ने ही अंजाम दिया था। वारदात के वक्त विनोद का परिवार समारोह में शामिल के लिए गया हुआ था। इसी का फायदा उठाकर सुनीता ने घर से करीब ग्यारह लाख रूपये की ज्वैलरी और डायमंड चुरा लिए और चंपत हो गई।
पुलिस के मुताबिक सुनीता को प्लेमेंट एजेंसी के जरिए काम पर रखा गया था। पुलिस ने एजेंसी से इसका पता लिया तो ये वहां नही मिली। जिसके बाद पुलिस तफ्तीश में पता चला कि सुनीता मूलरूप से छत्तीसगढ़ के नारायणपुर की रहने वाली है। पुलिस ने सुनीता को नारायण पुर से गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही इसकी मदद करने वाले विभाष बरमन को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इनके पास से चोरी की ज्वैलरी और डायमंड बरामद कर लिए है।
सुनीता के लालच ने उसे जेल का रास्ता तो दिखा दिया..साथ ही भरोसे को तोडकर जता दिया कि परिवार ने उस पर विश्वास कर गलती की थी। ऐसे मे जरूरत है कि आप सावधान रहे कहीं ऐसा ना हो कि कोई और सुनीता आपके घर पर हाथ साफ कर जाए।

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