03 जुलाई 2010

कार्ड की क्लोनिंग कर ठगी

अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो जरा सावधान हो जाएं. हो सकता है कि कहीं आपके क्रेडिट से लाखों की खरीदारी हो जाए और आपको इसकी भनक तक ना लगे। दिल्ली पुलिस ने एक ऐसी ही तिकड़ी को गिरफ्तार किया है जो क्रेडिट और डेबिट कार्ड की क्लोनिंग कर लाखों रुपए की खरीदारी की थी।
एटीएम, डेबिट या क्रेडिट कार्ड...ये सब कुछ आपकी जेब में ही पड़ा है...लेकिन आपके अकाउंट से पैसे निकलते जा रहे हैं। मोबाइल पर मैसेज आ रहा है कि आपके खाते से कितनी रकम निकल गई, लेकिन आप कुछ नहीं कर पा रहे हैं। अगर आपके साथ ऐसा हुआ है तो समझ जाइए कि आपका ठगे जा चुके हैं। अगर ऐसा नही हुआ है तो आप खुशकिस्मत है। क्योंकि आपके अकाउंट पर डांका डालने वाले तीन शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस गिरफ्त में आए ये हैं.रविन्द्र.. अनिल और संजीव कुमार झा। लोगों के अकाउंट खाली करने का इनका तरीका इतना शातिराना था कि किसी को भनक तक नही लगती और उसका अकाउंट खाली हो जाता। पुलिस के मुताबिक कई मल्टीनेशनल बैंको से शिकायत मिल रही थी कि उनके ग्राहकों के अकाउंट से पैसा निकाला जा रहा है...जबकि ग्राहक कार्ड का इस्तेमाल ही नही कर रहा। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की तो ये तीन शातिर उसके हत्थे चढ़ गए।
पूछताछ के दौरान तीनों ने खुलासा किया कि ये लोग क्रेडिट, डेबिट कार्ड की क्लोनिंग कर अकाउंट से पैसे निकालते थे। इनमें से एक संजीव कुमार झा टीवीएस के सर्विस सेन्टर में बतौर टेक्निशियन काम करता था। जहां ईडीसी यानी इलैक्ट्रोनिक डाटा कैप्चर मशीन रिपेयर का काम होता था। यहीं से इसके खुराफाती दिमाग में ठगी का आइडिया आया। जिसके बाद इसने अपने साथ कुरियर कंपनी में काम करने वाले अनिल को मिला लिया। अनिल बैंक ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड कुरियर करने का काम करता था। बीच में ये कार्ड को निकाल लेते और फिर उसकी क्लोनिंग कर सर्विस करते। इनके ठगी के इस खेल में साथ दिया रविन्द्र सुलेखा ने। रविन्द्र की ट्रेवल एजेंसी है और ये शातिर अनिल और संजीव को एमआईडी यानी मर्चेंट आईडी मुहैया कराता था। जिसके बाद इनका धंधा शुरू होता। अब तक ये शातिर कई लोगों को अपना शिकार बना चुके है। पुलिस ने इनके पास से ग्यारह क्रेडिट कार्ड, एक ईडीसी मशीन, 54 क्रेडिट कार्ड नम्बर की लिस्ट और तकरीब बीस से पच्चीस लाख रूपये खरीददारी की स्लिप बरामद की है। लगातार एक के बाद एक सामने आते इन मामलों से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में इन शातिरों का जाल कितनी तेजी से फैल रहा है। ऐसे मामलों में आपकी सावधानी जरुरी है, क्योंकि ये अपराधी हर वक्त एक नए शिकार की ताक में रहते हैं।

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