बीवी का बेरहमी से कत्ल करने के बाद.. वो घर चैन से नही रह सका। उसे नींद नही आ रही थी..उसे अपने गुनाह का अहसास जो हो रहा था.. पछतावा हो रहा था बीवी के कत्ल का। बस इसलिए वो इबालिया जुर्म के लिए थाने पहुंच गया। पुलिस ने भी चंद घंटे में कातिल गिरफ्त में आ जाने के बाद राहत की सांस ली। लेकिन इस कत्ल में छुपी थी एक गहरी साजिश.. क्योंकि तो पिक्चर अभी बाकी थी।
कर्मबीर.. वो शख्स जिसने चंद मिनटों में ही दे दी पत्नी को मौत .. बेरहमी से कर दिया उसका कत्ल। पुलिस को कापसहेडा के भरथल गांव में हुई अंजु की हत्या की गुत्थी को सुलझाने में ज्यादा वक्त नही लगा। कत्ल के कुछ देर बाद ही कातिल पुलिस की गिरफ्त में था। अंजु का कत्ल कर्मबीर ने किया था। पत्नी की हत्या करने के बाद कर्मबीर ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपी पुलिस गिरफ्त में था.. और कत्ल का मकसद भी साफ हो चुका था। लेकिन ठीक तेरह दिन बाद कत्ल की ये थ्योरी बदल गई। पुलिस को दिए ब्यान में कर्मबीर ने बताया कि उसने पत्नी से कहासुनी के बाद उसकी हत्या की है.. कातिल पुलिस गिरफ्त में था और मकसद साफ.. पुलिस ने भी केस को सुलझाने का दावा कर दिया।
लेकिन ये कहानी का एक हिस्सा भर थी.. क्योंकि पूरी पिक्चर तो अभी बाकी थी। पुलिस के मुताबिक कर्मबीर की पत्नी के कई लोगों से अवैध संबंध थे। इसके बारे में कर्मबीर को कुछ दिन पहले ही पता चला था और वो परेशान रहने लगा। उसे पत्नी की बेवफाई बर्दाश्त नही हुई। अंजू के पडोसी के ड्राईवर नवीन और द्वारका के रहने वाले उत्तम कुमार से नाजायज रिश्तें थे। अंजू का कत्ल बाइस जून की रात किया गया था.. लेकिन सत्ताईस जून को सरोजनी नगर थाने में उत्तम कुमार के भाई केशव ने भाई के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की तफ्तीश की तो ना केवल उत्तम के बारे मे पता चला बल्कि अंजू के कत्ल की अलग ही थ्योरी सामने आई।
जांच में पता चला कि उत्तम का कर्मबीर के घर आना जाना होता था.. उन्नीस जून की रात उत्तम अंजू से मिलने उसके घर आया था.. उस वक्त कर्मबीर काम से बाहर गया हुआ था। उत्तम को घर में दाखिल होते हुए नवीन ने देख लिया था जिसके बाद नवीन ने कर्मबीर, अंजू के भाई और अपने चचेरे भाईयों को बुला लिया। अंजू और उत्तम कुमार को आपत्तिजनक स्थिति में पाकर सभी ने उत्तम को बूरी तरह से पीटना शुरू कर दिया। हत्या करने के बाद शव को रेवाडी के पास पचास फीट गहरे कुएं में फेंक दिया ताकि किसी को वारदात के बारे में पता ना चले। लेकिन ये सब अंजू के सामने हुआ था जब दो दिन बाद अंजू ने कर्मबीर को कत्ल का राज खोल देने की धमकी दी को कर्मबीर ने उसे भी रास्ते से हटा दिया।
पुलिस ने उत्तम के शव को बरामद कर लिया.. तो कत्ल का राज फाश हो गया। पुलिस ने उत्तम की हत्या में शामिल मनोज, शौकिन, जगफूल, अंजू के भाई ऋषि को गिरफ्तार कर लिया। पांचो आरोपी उत्तम के शव को ठिकाने लगाने के बाद बेफ्रिक थे.. शायद इन्हें अहसास था की कानून के शिकंजे से बच जाएंगे लेकिन ऐसा हो ना सका।
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