25 फ़रवरी 2010

गांव को लूटा

एक ऐसा गैंग जिसके लिए इंसान की जान की कीमत महज एक रूपया थी। इस गैग के बदमाश सिर्फ और सिर्फ एक रूपये के लिए कत्ल करने से परहेज नही करते थे। इस गैंग के सात लोगो को गाज़ियाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया। इसी के साथ गाजियाबाद के हाफिजपुर इलाके के दो गांवों में हुई डकैती की वारदात को भी पुलिस ने सुलझा लिया है।
नकाब के पीछे छिपे ये चेहरे खतरनाक ही नही खौफनाक भी है। इन नकाब की पीछे के इन हैवानों ने ना जाने कितने घरों को लूटा है। कितनी महिलाओं की अस्मत को तार तार किया है। आखिरकार खौफ का अंत हो गया। गाजियाबाद पुलिस ने इस गैंग के सात लोगों को गिरफ्तार किया है जो महज एक रूपये के लिए भी कत्ल करने से चुकते नही थे। इसी गैंग ने शनिवार को गाज़ियाबाद के हाफिजपुर इलाके में दो गाँव में दर्जन भर घरों में डकैती को अंजाम दिया गया। बदमाश गांव में घुसे और फिर हर घर में अपना कहर बरपाया। जब रामपुर गाँव के बुजुर्ग रघुवीर ने इनका विरोध किया तो इन्होंने उसे मौत के घाट उतार दिया।
पुलिस के मुताबिक ये पहली वारदात नहीं जब इन्होने किसी गाँव को लूटा हो बल्कि तीन साल से ये गैंग इसी तरीके से गांवों में डकैती की वारदात को अंजाम दे रहा था। इतना ही नही घर में मौजूद महिलाओं के अस्मत पर हाथ डालने से भी गैंग के बदमाश नही चुकते थे। तीन साल की मशक्कत के बाद आखिरकार पुलिस ने अब इन्हें गिरफ्तार किया है
इस गैंग का सरगना है मुर्स्लिम नाम का शख्स है। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने भारी मात्रा में लूट का माल बरामद किया है। जिसमें महिलाओं की पाजेब से लेकर कपड़ो तक को लूटने से इन डाकुओ को कोई परहेज नहीं था। घर में रखे बर्तन और अनाज को भी ये लोग लूट लेते थे। इनके कब्ज़े से तमंचे और चाकू भी बरामद किए गए है।
देर से ही सही आखिरकार इंसान की जान से कहीं ज्यादा पैसा की कीमत समझने वाले इस गैंग का पुलिस ने खात्मा कर ही दिया। हालांकि गैंग का सरगना पुलिस गिरफ्त में आ गया है लेकिन अभी कुछ और बदमाश फरार है जिसकी पुलिस को सरगर्मी से तलाश है।

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