20 फ़रवरी 2010

विदेशी ठग

विदेश जाने के लिए वीजा दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का अहमदाबाद पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस मामले में गिरोह के एजेंट विक्रम को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि गिरोह का सरगना एक एनआरआई है। पुलिस के मुताबिक गिरोह अभी तक अस्सी लाख की ठगी कर चुका है। गिरोह का कंसलटेंट मनीष पटेल नाम का शख्स अभी फरार है।
अहमदाबाद के असारवा इलाके का रहने वाला प्रत्युष विदेश में पढाई और नौकरी करना चाहता था। लेकिन उसकी ये ख्वाहिश अधुरी ही रह गई.. इतना ही नही अपनी ख्वाहिश पूरी करने के चक्कर में प्रत्युष ठगी का शिकार हो गया। प्रत्युष अपने बॉस के काम से रोजना सीजी.रोड पर ऑफिस में जाता था। जहाँ पर उसकी मुलाकात दीगीश नाम के शख्स से हुई। बातो बातो में दिगीश ने बताया की उसका साला विक्रम वीजा कंसल्टंसी का काम करता है प्रत्युष को विदेश जाकर पढ़ने और अच्छी नौकरी का सपना सच होता दिखने लगा। दीगीश की इस बातको ध्यान में रखते हुए प्रत्युष ने विक्रम से मिलाने की बात कही,और सितम्बर महीने में दिगीश ने दोनों की मुलाकात करा दी विक्रम ने अपनी पहली मुलाक़ात में प्रत्युष को प्रभावित करने के लिए बड़ी बड़ी बातें की और आसानी से उसे वीजा दिलाने का भरोसा दिलाया। प्रत्युष और उसके जीजाजी वल्लभ से 20 -20 हजार रुपये फाईल तैयार करवाने के नाम पर ले लिए इसके बाद विक्रम ने इनकी मुलाकात एक NRI मनीष पटेल से करवाई जो की इस वीसा कंसल्टंसी फर्म का मालिक था। मनीष ने प्रत्युष को बाते की उसे वीसा मिलाने से पहले पांच लाख रुपये देने होंगे , लेकिन प्रत्युष इसके लिए तैयार नहीं था। आखिर में विक्रम ने भरोसा दिलाने पर प्रत्युष और उसके जीजाजी ने दो-दो लाख रुपये मनीष को दे दिए
पैसे मिलने के बाद मनीष ने दोनों को अहमदाबाद के एक होटल में बुलाया और ऐम्बसी के अधिकारी मिस्टर ...दें... से उनकी मुलाकात करायी । उस समय दें ने इनसे अंग्रेजी में कुछ सवाल किये ,जिससे इनको भरोसा आ गया की मनीष उनका वीजा तैयार करा देगा इस मीटिंग के कुछ दिनों बाद इन्हें बडौदा बुलाया गया और वहां से दिल्ली भेजा जा गया। उस समय उन्हें पता चला की उनके जैसे और भी कई लोग है जिनको मनीष वीजा दिलवाने वाला है इस बात से मनीष पर उनका भरोसा बढ़ गया। लेकिन इन सभी को एम्बसी ऑफिस में इंटरव्यू करवाने के बहाने तीन दिनों तक रोका गया और उसके बाद इंटरव्यू नहीं होने पर उन्हें फिर से आने का लालच देकर वापिस भेज दिया गया दोनों को एक बार फिर से इंटरव्यू के लिए दिल्ली बुलाया गया लेकिन पहले की ही तरह इस बार भी कुछ नही हुआ। अब प्रत्युष को शक हुआ तो उसने पैसे वापिस करने के लिए कहा। लेकिन मनीष ने मना कर दिया। प्रत्युष और उसके जीजा ने इसकी शिकायत पुलिस को कर दी। पुलिस ने तफ्तीश की तो ठगी का पता चला। पुलिस ने जब इनके आफिस पर छापा मारा तो विक्रम पुलिस के शिकंजे में आ गया जबकि मनीष मौका पाकर फरार हो गया। जांच मे पता चला कि फार्म पर इन लोगों ने आफिस को जो पता दिया हुआ है वो फर्जी है। ठगी खुलासा होने के बाद से मनीष फरार है उसके मोबाइल फोन भी बन्द आ रहा है। चौंकाने वाली बात सामने आई है कि गिरोह का सरगना एनआरआई है जिसकी पुलिस अब तलाश कर रही है। प्रत्युष की विदेश जाकर पढने की ख्वाहिश तो पूरी ना हो सकी.. लेकिन उसकी शिकायत पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश जरूर हो गया है। पुलिस के मुताबिक इस गिरोह ने और भी कई लोगों को अपना शिकार बनाया है लेकिन वो अभी सामने नही आ रहे है। अब इस मामले में पुलिस गिरोह के फरार लोगों की तलाश कर रही है।

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