तुम मेरी ना हो सकी तो किसी की नही .. उस सिरफिरे आशिक ने उस लडकी को ये फरमान काफी पहले सुना दिया था। लेकिन जब बात इजहार-ए- मोहब्बत की आई तो वो इंसान नही हैवान बन गया। उसे ये नागवार गुजरा की उस लड़की ने उसकी मोहब्बत को ठुकरा दिया। वो इस कदर बौखलाया की उस लडकी को अपने दिल से ही नही दुनिया से रूख्सत करने की साजिश रच डाली। अब उस लडकी को मिली है मोहब्बत ना करने की खौफनाक सजा।
ये लड़की जिदंगी के लिए मौत से लड़ रही है... ये जीना चाहती है... मौत को हरा देना चाहती है। इस लडकी को इस हालात में पहुंचाने वाला है एक सिरफिरा शख्स.. जिसने इसकी जिदंगी को नासूर बना दिया है। ये सब हुआ इंकारे मोहब्बत में। जब इसने एक सिरफिरे आशिक की मोहब्बत को कुबूल नही किया तो वो हैवान बन गया। सबीना नाम की इस लडकी को जिंदा जलाने की कोशिश की गई... सबीना अस्सी फीसदी तक जल चुकी है। दरअसल सबीना अपने परिवार के साथ गाजियाबाद के हाफिज पुर में रहती थी... सबीना के पडोस में ही जमाल नाम का लडका रहता। जमाल ने सबीना को देखा तो उसकी चाहत में दीवाना हो गया। वो जब भी घर से निकलती जमाल की निगाहें उसी पर टिक जाती। जमाल सबीना को दिलो दिल चाहने लगा... जब भी जमाल सबीना को देखता उसके चेहरे पर मुस्कान खुद ब खुद आ जाती। लेकिन काफी वक्त बीत जाने पर भी अपनी मोहब्बत का इजहार ना कर सका। उसे तो बस इंतजार था ऐसे वक्त का जब अपनी मोहब्बत का इजहार कर सके। सबीना जब कभी जमाल की तरफ देखती जमाल को लगता वो भी उसे पसंद करती है। दिन बीतते गए... और फिर वो तारीख भी आ गई जिसका उसे बेसब्री से इंतजार था। वो तारीख थी सात फरवरी... यानि रोज डे। अपने प्यार का इजहार करने के लिए जमाल हाथ में गुलाब का फूल लेकर सबीना के घर पहुंचा।
जैसे ही जमाल सबीना के घर के अन्दर दाखिल हुआ उसके दिल की धडकने तेज होने लगी... आज तो वो दिन था जिसका जमाल को इंतजार था भला जमाल पीछे कैसे हट सकता था। उसके कदम आगे बढते गए... उसके हाथ में गुलाब था और दिल में प्यार कुबूल होने की ख्वाहिश। कुछ ही देर में सबीना उसके सामने आ गई। सबीना अपने घर में जमाल को देखकर चौंक गई। वो कुछ सोचती उससे पहले ही जमाल ने अपना हाथ आगे बढा दिया। और अपने दिल की बात आखिरकार बोल ही दी। सबीना मैं तुमसे प्यार करता हूं। कुछ देर तो सबीना जमाल को देखती रही... उसके बाद जो जवाब आया उसने जमाल को मानो पागल कर दिया हो। सबीना ने जमाल से कहा कि ये प्यार व्यार कुछ नही है बस पागलपन है तुम अपने काम पर ध्यान दो। मैं तुमसे मोहब्बत नही करती... अगर तुम मुझसे प्यार करते हो तो मैं क्या कर सकती हूं। तुम पागल हो चुके हो। ये सुनकर जमाल मानों सच मे पागल हो गया। उसने तैश में आकर पास रखे मिट्टी के तेल को उसपर उडेल दिया और आग लगा दी। सबीना को आग के हवाले करने के बाद जमाल मौके से फरार हो गया।
सबीना के पडोसियों ने जब उसकी चीख सुनी तो उसकी तरफ दौड पडे। सबीना बूरी तरह से झुलस चुकी थी। 80 फीसदी जली हालत में सबीना को अस्पताल मे भर्ती कराया गया जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। परिजनों के मुताबिक जमाल पिछले तीन महीने से सबीना को परेशान कर रहा था। उन्होंने उसे समझाया भी लेकिन उसपर कोई फर्क नही पडा।
पुलिस को दिए बयान में सबीना ने साफ कहा है कि जमाल की मोहब्बत को ठुकराने की वजह से उसके साथ ऐसा किया गया है। सबीना के ब्यान और परिवार की शिकायत के बाद पुलिस ने जमाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस सरगर्मी से फरार जमाल की तलाश कर रही है।
सबीना मौत से लड रही है... लेकिन सिरफिरे की मोहब्बत को इनकार करने का इतना भयानक अंजाम होगा... उसने सोचा भी नही होगा। एकतरफा प्यार में जमाल ने ये खौफनाक कदम उठाने से पहले एक बार भी सोच लिया होता तो सबीना इस हालात में ना होती। हो सकता था सबीना आज नही तो कल जमाल की मोहब्बत को कुबूल भी कर लेती। लेकिन जमाल की इस हरकत से तो प्यार कम बल्कि हैवानियत ज्यादा दिखती है।
20 फ़रवरी 2010
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