29 दिसंबर 2011
11 दिसंबर 2011
तफ्तीश-पत्नी और बेटी को भी ले डूबा चरित्रहीन पप्पू चौधरी
सत्रह रूपये में पांच घंटे के लिए पुलिस इंस्पेक्टर उपलब्ध!
19 नवंबर 2011
तफ्तीश-दिल्ली का डॉक्टर क्यों बना बीवी का कातिल
11 अगस्त 2011
तीन दुकानों के ताले टूटे, पत्रकार का लैपटॉप, कैमरा चोरी
जानकारी के मुताबिक पॉकेट-9, सेक्टर ए-5, नरेला उपनगर स्थित एक प्लाजा की तीन दुकानों पर रात में सेंधमारों ने धावा बोल दिया। दुकानों के शटर तोड़कर सेंधमार हजारों रूपये नकद तथा मोबाईल फोन और कंप्यूटर आदि उड़ा ले गए। सेंधमारी का पता गुरूवार सुबह चला जब किसी व्यक्ति ने दुकानदारों को उनकी दुकानों के शटर टूटे होने की सूचना दी। जिन दुकानों को सेंधमारों ने निशाना बनाया वे पुलिस कालोनी के सामने बनी हुई हैं।
एक अन्य वारदात नरेला बस टर्मिनल पर हुई। जिसमें अज्ञात चोर एक समाचार चैनल के रिपोर्टर राजेश खत्री की कार का शीशा तोड़कर उसमें रखा लैपटॉप तथा कैमरा आदि निकाल ले गए। कार मालिक गाड़ी को अपने भाई की दुकान के सामने खड़ी करके एटीएम से पैसा निकलवाने के लिए गया। दस मिनट बाद जब खत्री वापस आया तो उसे वारदात की जानकारी मिली। मामलों की पुलिस द्वारा जांच की जा रही है।
डीसीपी को मिठाई परोसना पड़ा महंगा, एसएचओ लाईन हाजिर
जानकारी के मुताबिक बाहरी जिला पुलिस उपायुक्त भोलानाथ जायसवाल नरेला थाना के औचक निरीक्षण पर आए थे। उनके थाने में आने के जरा देर बाद ही स्थानीय पुलिस ने इलाके के एक मशहूर हलवाई की मिठाईयों आदि से उनकी सेवा करनी शुरू कर दी। आवभगत मामले में पुलिस की तत्परता देखकर उपायुक्त आग-बबूला हो गए और उन्होनें थाने का रिकॉर्ड चेक करना शुरू कर दिया। हत्या तथा लूट आदि के कई मामलों में प्रगति ना देख उन्होनें इलाके के घोषित अपराधियों के संबंधी में जानकारी मांगनी शुरू कर दी। इस मामले में भी थाना प्रभारी से जवाब देते ना बना। इस पर सख्त कदम उठाते हुए डीसीपी ने थाना प्रभारी सतीश दहिया को तुरंत प्रभाव से लाईन हाजिर कर दिया। उल्लेखनीय है कि गत माह डीसीपी के जनता दरबार के दौरान थाना पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज डीसीपी ने अपने मोबाईल फोन का नंबर लोगों को नोट करवाकर सीधे शिकायत करने को कह दिया था।
22 जुलाई 2011
आतंक के मासूम हथियार
14 जुलाई 2011
हाईप्रोफाइल सेक्स रैकेट का भंडाफोड़
दिल्ली पुलिस ने बुधवार को राजधानी में चले रहे जिस सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया है वह अबतक का सबसे हाई प्रोफाइल और सबसे बड़ा सेक्स रैकेट है। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को मुखबिर की सहायता से देह व्यापार में लिप्त पांच लड़कियों सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें दो दलाल भी शामिल हैं। पुलिस ने गिरोह के पास से ऑडी कार बरामद की है। कॉल गर्ल्स महंगी ऑडी कार में चलती थीं और हाईप्रोफाइल ग्राहकों को फांसती थीं। खास बात ये है कि इस गिरोह ने दक्षिणी दिल्ली के ही महरौली इलाके में चार लक्जरी फ्लैट खरीद रखे थे और पूरा रैकेट वहीं से चलाया जाता था। पकड़े गए दो दलाल कॉलगर्ल्स रैकेट चलाने वाली मशहूर सोनू पंजाबन के चचेरे भाई है। पकड़ी गई लड़कियों में से एक मुंबई की रहने वाली है।
दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ी हाईप्रोफाइल सेक्स रैकेट की सरगना नगमा खान दुबई की रहने वाली है। ऐसा माना जा रहा है कि पूर्व में गिरफ्तार हुई अबतक की सबसे बड़ी सेक्स सरगना सोनू पंजाबन ने अपनी कमान नगमा को सौंप दी थी। पूरे मामले में खास बात यह है कि सोनू के बाद नगम ने जब कमान सौंपा तो उसने इस धंधे को ऑर्गेनाइज्ड कर दिया और एक कॉरपोरेट की तरह इसे चलाने लगी। नगमा लड़कियों के बदले ग्राहकों से एक रात के 15 से 50 हजार रुपये तक वसूलती थी।
ग्राहकों द्वारा दिए गये रकम में कॉलगर्ल्स का कोई हिस्सा नहीं होता था बल्कि नगमा उन्हें सैलरी देती थी। आप सुनकर शायद चौक जाएं कि नगमा लड़कियों को उनकी प्रोफाइल के अनुसार 1 लाख से 1.5 लाख रुपये तक सैलरी देती थी। नगमा उन लड़कियों को ज्यादा पैसे देती थी जो मुंबई, पूणे, गोवा, और बैंगलोर आकर ग्राहकों को खुश करती थी। पुलिस को शक है कि इस गिरोह में कई और बड़े नाम भी शामिल हो सकते हैं। फिलहाल इनका नेटवर्क खंगाला जा रहा है।
पूछताछ में पुलिस को इस बात का भी पता चला कि नगमा ने कॉलगर्ल्स की एक कैटगरी बाट रखी थी। नगमा ने लड़कियों को तीन श्रेणी 1 एक्स, 2 एक्स और 3 एक्स ग्रेड दिया हुआ था। 1 एक्स वाली कॉलगर्ल्स की कीमत सबसे कम (5 से 10 हजार रुपये) होती थी और वह गरीब परिवार और बैकवर्ड जगहों से संबंध रखती थी। 2 एक्स की श्रेणी में उसने मध्यमवर्गीय कॉलेज स्टूडेंट्स को रखा था जिसकी एक रात की कीमत 15 हजार रुपये थे। नगमा ने 3 एक्स श्रेणी में जिन युवतियों को रखा था उनकी कीमत 50 हजार से 75 हजार रुपये थी और मुबई की मॉडल थी।
नगमा उन्हें पांच सितारा होटलों और रेव पार्टियों में भी लड़कियों की सप्लाई करती थी। नगमा ने ग्राहकों के लिए बकायदा पैकेज बनाए हुए थे। मसलन एक लाख में एक हफ्ते के लिए छुट्टियों का पैकेज। गिरोह के तार दिल्ली-मुंबई व लखनऊ तक फैले हैं। वह हर दो माह में अपना ठिकाना बदलती थी। वह खुद ऑडी कार से चलती थी। उसके पास ए-4 सीरीज की कई लग्जरी कारें हैं। वह हर बार नया साल विदेशों में मनाने जाती है।
पुलिस के मुताबिक इस सेक्स रैकेट में दिल्ली की कुख्यात सेक्स रैकेट सरगना सोनू पंजाबन के दो चचेरे भाई भी गिरप्तार किए गए हैं। खुद पकड़ी गई लड़कियां भी चिल्ला चिल्ला कर कैमरे पर सोनू पंजाबन का नाम ले रही हैं। तो क्या जेल में बंद सोनू पंजाबन का भी इस सेक्स रैकेट से कुछ लेना देना है या फिर उसके भाई अब सोनू का धंधे को देख रहे हैं।
सूत्रों की माने तो इस रैकेट की सरगना नगमा असल में दिल्ली में सोनू पंजाबन के लिए ही काम कर रही है। मकोका एक्ट जेल में बैठी सोनू पंजाबन ने गिरफ्तारी के बाद नगमा को अपनी कमान सौंपी। जानकारी के मुताबिक सोनू पंजाबन के हाई प्रोफाइल ग्राहकों से सोनू के जरिए नगमा ने संपर्क साधा। सोनू नगमा को सेक्स रैकेट चलाने में अपनी एक्सपर्टीज के जरिए मदद करती है।
29 जून 2011
जयपुर में सेक्स रैकेट का खुलासा
इज्जत बिकाऊ नहीं होती.. इज्जत की खातिर लोग जान तक दे डालते हैं.. लेकिन 21वीं सदी का चेहरा देखिए.. यहां तो कुछ लोग अपने ही हाथों अपनी ही इज्जत का ही मोल भाव कर रहे हैं.. जवानी की दहलीज पर युवाओं के कदम पैसों की खातिर ऐसे बहकते हैं कि वो अपनी जिंदगी ही तबाह कर डालते हैं..जयपुर पुलिस ने दिल्ली की रहने वाली चार लड़कियों को गिरफ्तार किया है..जयपुर पुलिस ने लड़कियों को जिस्मफरोशी के आरोप में गिरफ्तार किया..लड़कियों के साथ पुलिस ने एक दलाल और एक होटल मैनेजर को भी अपने शिंकजे में लिया हैं..
जयपुर पुलिस को मुखबिर से खबर मिली थी कि सदर थाना इलाके के वैष्णवी होटल में जिस्मफरोशी हो रही है ..जिसके बाद पुलिस का एक जवान फर्जी ग्राहक बनकर होटल में दाखिल हुआ..होटल में दलालों से बातचीत के बाद अय्याशी के लिए लड़की मुहैया कराने की बात तय हो गई..जिसके बाद पुलिस ने होटल पर छापा मारकर चार लड़कियों समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया..पुलिस के मुताबिक दलालों ने लड़कियों को 60 से 70 हजार रूपये महीना तनख्वाह पर रखा था..और इन्हें बड़े-बड़े होटल और फॉर्महाउस में रईसजादों की रात रंगीन करने के लिए सप्लाई करते थे..
जिस्म और हुस्न के दलालों ने अब बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे शहरों में भी अपने पैर पसार लिए हैं..और लाखों के वारे न्यारे कर रहे हैं..जयपुर में सेक्स रैकेट का खुलासा होने के बाद अब पुलिस अलर्ट हो गई है..पुलिस अब ये पता लगाने में जुटी है कि आखिर इस गिरोह के तार आखिर कहां-कहां तक जुड़े हैं..और इस गिरोह में कौन लोग शामिल हैं..
21 मई 2011
अखबार की कद्र नहीं, खुद को पत्रकार बताती है..
21 मई 2011 शनिवार की सुबह तपती गर्मी से कुछ राहत देने वाली थी। कुछ देर की धुल भरी आंधी के बाद हल्की बारिश ने मौसम को सुहाना बना दिया था। हर दिन की तरह मैं दोपहर करीब एक बजे अपने दफ्तर पहुंचा। आपको बता दूं कि मैं एक पत्रकार हूं। मौसम सुहाना था लिहाजा काम शुरू करने से पहले मन किया कि चाय की चुस्की का लुत्फ क्यों ना लिया जाए। अक्सर बाकी काम के दिनों में लंच के वक्त ही चाय पीने का मौका करीब 4 से 5 बजे के बीच ही मिलता है। लेकिन शनिवार होने की वजह से काम का बोझ थोड़ा हल्का भी था। चाय पीने के लिए मैं अपनी टीम के एक सहयोगी के साथ दफ्तर के बाहर चाय वाले के पास जा धमका। चाय वाले के सामने एक अच्छी खासी जगह है जहां बैठकर दो चार मिनट पत्रकारगण बतिया लेते हैं। वहीं पर हम भी जा पहुंचे। सामने ऑफिस के ही कुछ मित्र भी मौजूद थे। उनमें एक महिला पत्रकार भी थी (अभी नई हैं लेकिन ख्वाब उंचे पाल रखें है) साथ ही अनुभव के मामले में भी मुझसे कुछ कम ही है। दिन की शुरूआत हुई थी लिहाजा मित्रों से हाथ मिलाया और एक दूसरे का हाल-चाल भी लिया। अचानक मेरी निगाह महिला पत्रकार पर पड़ी जोकि खुद को धुल मिट्टी से बचाने के लिए एक समाचार पत्र को बिछोना बनाकर बैठी थी। एक पत्रकार होने के नाते मुझे थोड़ा अजीब लगा। और अचानक मेरे मुंह से निकल पड़ा मित्र आपने ये क्या कर रखा है। समाचार पत्र हमारी रोजी रोटी है, हमें अपनी कलम को इस तरह शर्मसार नहीं करना चाहिए। जिस पत्र के साथ हमारे दिन की शुरूआत होती है। जिसके सहारे हम जिंदगी के ढेरों ख्वाब संजोए हुए हैं। उसकी बेकद्री ना कीजिए। मुझे पूरी उम्मीद थी कि इस नवेली पत्रकार पर जरूर कुछ असर होगा और वो अपनी इस हरकत के लिए शर्मिंदगी महसूस करेगी। लेकिन अफसोस की मेरी सोच..मेरा विचार गलत था। क्योंकि हुआ इससे बिल्कुल उलट। इस पत्रकार मित्र ने ये कहकर और भी चौंका दिया कि वो दफ्तर से इस पेपर को महज इसलिए लेकर आई थी ताकि इसे अपना बिछौना बना सके। मैं ये सब सुनकर भौंचक्का रह गया। आगे कुछ बोलता या फिर वहां मौजूद कोई मित्र प्रतिक्रिया देता। उससे पहले ही मैडम ने जवाब दिया, कि अगर ये सब आप नहीं देख सकते तो अपनी नजरें क्यों नहीं फेर लेते। ज्यादा ही परेशानी है तो फिर कहीं और जाकर बैठ जाएं। बस फिर क्या था, बिना वक्त गंवाए मैं अपने सहयोगी के साथ दूसरे कोने में जाकर बैठ गया और कुछ देर में चाय वाला चाय लेकर आ गया। चाय की चुस्की के साथ बुदबुदाते हुए। दफ्तर वापस आ गया। मुझे लगा कि उस मुद्दे पर किसी के साथ चर्चा करने से बेहतर है कि मैं अपनी सारी कहानी कलम के सहारे उकेर दूं। और मैने वही किया। एक पत्रकार होने के नाते मेरे अब तक के अनुभव और कार्यकाल का ये दिन शायद सबसे दुखद था। जब एक मोहतरमा ओछी सोच के साथ एक सफल और जुझारू पत्रकार बनने का सपना देखती है। कुछ लोग इसे नॉर्मल बात भी समझ सकते हैं..लेकिन जिसकी आत्मा तक में पत्रकारिता बसती हो भला कैसे बर्दाश्त कर सकता है। कहने और करने के लिए तो मैं इस मुद्दे को हवा भी दे सकता था। लेकिन ये सब मेरी फितरत में नहीं है।
14 मई 2011
धार्मिक स्थलों से बाइक चुराने वाले दो गिरफ्तार
10 मई 2011
कांस्टेबल या कार चोर..
वाहनों चोरों का ये शातिर गिरोह बीते कई महीनों से सिलसिलेवार तरीके से गाड़ियों और बाइक चोरी की वारदात को अंजाम दे रहा था.. बीती 18 अप्रैल को जनकपुरी डिस्ट्रिक्ट सेंटर से एक कार चोरी हुई..पुलिस इसी केस की तफ्तीश में जुटी थी..इसी बीच पुलिस के हाथ लगी पार्किंग में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज जिससे इस गिरोह की सारी हकीकत सामने आ गई..
मणिशंकर ने पुलिस के सामने सारी हकीकत तोते की तरह उगल दी.. उसने खुलासा किया कि वाहन चोरी में हरियाणा पुलिस का कांस्टेबल मनोज और दो अन्य लोग शामिल हैं..जिन्हें पुलिस ने अलग अलग इलाकों से गिरफ्तार कर लिया..जबकि मनोज को पुलिस ने गुड़गांव से अपने शिकंजे में लिया...
चुंकि इस बदमाश कंपनी का सरगना हरियाणा पुलिस का एक सिपाही था लिहाजा इस कंपनी के लोगों का ये गुरुर था कि वो पुलिस के शिकंजे से बचते रहेंगे लेकिन सीसीटीवी फुटेज बन गई इनकी गिरफ्तारी का सबब
पंजाब में बदमाश कंपनी..
पुलिस के मुताबिक बीते कई महीनों से फतेहगढ़ साहिब में कारोबारियों से लूटपाट की वारदात अंजाम दी जा रही थी..पुलिस ने इसी सिलसिले में दो लूटेरों के स्केच जारी किए..जिसके बाद पुलिस ने गुप्त सूचना पर सतनाम सिंह को गिरफ्तार कर लिया.. पुलिस की मानें तो सतनाम सिंह साल 1984 से वारदातों को अंजाम दे रहा था.. लूट के एक मामले में तो सतनाम करीब पांच साल तक जेल भी गया.. लेकिन बाहर निकलने के बाद इसने अपने बेटे और बीवी के साथ मिलकर बदमाश कंपनी तैयार की..
बदमाश कंपनी में परिवार के लोगों को शामिल करने के पीछे खास मकसद था.. और ये मकसद था लूट की सारी रकम घर में लाना...इन लोगों का सोचना था कि अगर गिरोह में बाहर के लोग होंगे तो लूट की रकम को बांटना होगा..औऱ गिरोह में घर के ही लोग होंगे तो लूट की सारी रकम घर में ही आयेगी.. इतना ही नहीं ये लोग लूट की बडी वारदात को अंजाम देते थे.. हाल ही में सतनाम ने अपने बेटे के साथ मिलकर 29 मार्च को एक कारोबारी से लूट की वारदात को अंजाम दिया था..
वारदात को अंजाम देने से पहले ये लोग अपने शिकार की रेकी करते थे.. इस काम में सतनाम के दो रिश्तेदार उसकी मदद करते.. जबकि वारदात के बाद मौके से फरार होने में सतनाम की पत्नी मदद करती थी.. लंबे अर्से तक पुलिस की नाक में दम करने वाले इस गिरोह के मुखिया सतनाम को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर ही लिया.. लेकिन अभी गिरोह में शामिल सतनाम का बेटा, पत्नी और दो रिश्तेदार फरार हैं पुलिस उनकी तलाश कर रही है.. पुलिस ने सतनाम के पास से लूट के करीब दो लाख रूपये..एक लाल बत्ती लगी कार..एक पिस्टल और अन्य कीमती सामान बरामद किया है.. गिरोह पर कोई शक ना करे इसके लिए पूरा परिवार लाल बत्ती लगी कार में घुमता था..
पंजाब के कई इलाकों में ताबड़तोड़ वारदात कर सतनाम ने पुलिस को खूब छकाया.. लेकिन पुलिस की गिरफ्त से बच ना सका..और अब पुलिस गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों की शिद्दत से तलाश कर रही है...ताकि एक ही परिवार की ये पूरी बदमाश कंपनी पहुंच सके सलाखों के पीछे...
बाबा की काली करतूत..
पुलिस ने हिरासत में लेकर जब रेवतसिंह से पुछताछ की तो खुलासा हुआ कि रेवतसिंह मूलरूप से गुजरात का रहने वाला है..और गुजरात के बनासकांठा के भाभर थाना इलाके में एक गौशाला चलाता है.. जहां पर ये दुनियादारी छोड़ सन्यासी हो गया.. गौशाला में ही एक गरीब परिवार काम करता था..इसी दौरान परिवार की नाबालिग बेटी से रेवानंद इश्क कर बैठा..और हैरत की बात देखिए की सन्यासी बने रेवानंद ने गृहस्थी बसाने का मन बना लिया..और नाबालिग लड़की को भगाकर जोधपुर ले आया..यहां अपनी दाढी मुछ कटाकर रहने लगा..
रेवानंद ने नाबालिग लड़की से ब्याह रचाकर ना केवल साधू संतों की मान मर्यादा को मिट्टी में मिला दिया..बल्कि खुद भी गुनहगार बन बैठा.. रेवानंद की विलासिता की जिंदगी भोगने की ख्वाहिश ने उसे कानून की दहलीज पर ला दिया..जहां अब उसे अपने गुनाहों की सजा भुगतनी पड़ेगी..
21 अप्रैल 2011
बक्से में बंद लाश
बक्से में लाश मिलने की खबर से कोटा में हड़कंप मच गया.. मौके पर FSL की टीम बुलाई गई.. FSL अधिकारियों के मुताबिक युवती की उम्र तकरीबन 25 साल है.. और लाश को देखने से लगता है कि लाश दो से तीन दिन पुरानी है.. हालांकि युवती के जिस्म पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं मिले हैं...इस बेहद सनसनीखेज मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब पानी में तैरते बक्से का ढक्कन खुल गया... और लाश पानी की वजह से फूल गई....जब लाश का कुछ हिस्सा बक्से से बाहर नदी में आया तब लोगों की इस पर नजर पडी
जहां तक इस केस के सुलझने की बात है तो पुलिस के हाथ अभी खाली ही हैं.. पुलिस तमाम सुराग जुटाकर बक्से में बंद लाश के राज़ को खंगालने में जुटी है..
पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.. राजस्थान में इस महीने बंद बक्से में युवती का शव मिलने की यह दूसरी वारदात है..अजमेर जिले के किशनगढ़ में बीती 8 अप्रैल को एक पार्सल से युवती की लाश बरामद हुई थी..ये पार्सल दिल्ली से किशनगढ़ की एक ट्रांसपोर्ट कंपनी को लोहे के बक्से में भेजा गया था.. लेकिन हैरत की बात देखिए की इस केस की तफ्तीश में जुटी पुलिस के हाथ सीसीटीवी फूटेज लगने के बाद भी ना तो युवती की शिनाख्त हो पाई.. और ना ही अब तक कातिल का ही कोई सुराग लग सका.. वहीं एक बार फिर राजस्थान में इस तरह से लोहे के बक्से में लाश मिलने से पुलिस बेहद संजीदा है.. लेकिन देखने वाली बात होगी कि ये केस भी कहीं किशनगढ़ में मिले शव की तरह मिस्ट्री बनकर ना रह जाए..
14 अप्रैल 2011
कर्ज के बदले दो कत्ल
जालंधर में दोहरे हत्याकांड से लोग सकते में हैं..यहां रहने वाली राजरानी नाम की महिला की उसी के घर में घुसकर हत्या कर दी गई..राजरानी अपनी गोद ली गई बेटी के साथ जालंधर के शिव नगर में रहती थी..बीती 28 मार्च को राजरानी का गला रेतकर कत्ल कर दिया गया..कातिल ने इस वारदात को अंजाम देने के बाद लाश को उसी के घर में दफन कर दिया..वारदात का खुलासा उस वक्त हुआ जब राजरानी का बेटा घर आया..घर का ताला बंद था और राजरानी लापता थी..साथ ही उसकी 5 साल की मुहंबोली बहन खुशबू भी घर पर नहीं थी..कई दिनों तक राजरानी का कहीं कोई सुराग न मिला.. लेकिन बीती 12 अप्रैल को घर से तेज बदबू आने लगी तो चन्दन ने इसकी शिकायत पुलिस से की..जब पुलिस ने घर में खुदाई की तो हर कोई हैरान रह गया..घर से मिली लाश राजरानी की थी..
पुलिस ने राजरानी की लाश उसी के घर से बरामद की तो राजरानी के कत्ल का खुलासा हो गया..लेकिन घऱ से पांच साल की खुशबू लापता थी.. पुलिस उसकी तलाश में जुट गई..पुलिस को उम्मीद थी कि खुशबू से इस कत्ल के बारे में कुछ अहम सुराग हाथ लग सकता है..पुलिस ने इस सिलसिले में जब राजरानी के बेटे से बात की तो उसने कुछ लोगों पर कत्ल का शक जाहिर किया..
शक की बिनाह पर पुलिस ने अशोक नाम के पंजाब पुलिस के एक निलंबित सिपाही को हिरासत में लेकर पुछताछ की तो कत्ल का खुलासा होते देर ना लगी.. अशोक ने खुलासा किया कि उसी ने अपने दो साथियों और एक महिला के साथ मिलकर राजरानी की गला रेतकर हत्या की है.. और पांच साल की खुशबू को भी उसी ने मारा था..अशोक की निशानदेही पर पुलिस ने राजरानी के घऱ से खुशबू की लाश भी बरामद कर ली..
तफ्तीश में खुलासा हुआ कि राजरानी ने अशोक से करीब पचास हजार रूपये कर्ज लिया था.. जिसे राजरानी चुका नहीं पा रही थी.. इसी को लेकर अशोक की नजर राजरानी के मकान पर थी..वो किसी भी तरह घर को हथियाना चाहता था..अशोक ने बाकायदा फर्जी कागजात भी तैयार करा लिये थे..आरोप है कि जब कत्ल की रात राजरानी ने घर उसके नाम करने से इंकार किया तो अशोक ने अपने साथियों के साथ मिलकर राजरानी और खुशबू का कत्ल कर डाला..
बहरहाल दोहरे कत्ल की इस वारदात मे पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया है जबकि दो आरोपी अभी फरार हैं...और पुलिस उनकी तलाश में जगह जगह छापेमारी कर रही है.. लेकिन जिस तरह से इस वारदात को एक पड़ोसी ने ही अंजाम दे डाला उसने एक बार फिर साबित कर दिया कि लालच इंसान को अंधा बना देता है
12 अप्रैल 2011
इंसानी जिस्म का मांस खाने वाला पाकिस्तानी परिवार
09 अप्रैल 2011
सोशल नेटवर्किंग साइट के साइड इफेक्ट्स
17 फ़रवरी 2011
डुमका में बीएसएफ जवान की हत्या
इन दिनों प्रभात की पोस्टिंग किशनगंज में थी..पुलिस को लाश के पास से एक पत्र भी बरामद हुआ..जिसमें प्रभात ने 40 दिन की छुट्टी का जिक्र किया है..और उसमें लिखा है कि वो छुट्टी के दिनों मे गिरिडीह जाने वाला है..प्रभात के जिस्म पर चोट के निशान मिले है..साथ ही उसके एक हाथ को बड़ी की बेदर्दी के साथ काटा गया है..पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है..लेकिन अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि किसने और क्यों प्रभात की हत्या की..
पुलिस को अंदेशा है कि प्रभात की हत्या कर उसकी लाश को यहां लाकर फेंका गया है..फिलहाल पुलिस ने मामले की जानकारी प्रभात के परिवार वालों को दे दी है..और मामले की बारिकी से छानबीन कर रही है..लेकिन बीएसएफ जवान के कत्ल की वारदात से इलाके के लोग खौफजदा है..हर किसी के जहन में बस एक ही सवाल है कि किसने और क्यों किया प्रभात का कत्ल..
इंसान के भेष में.. घूम रहे वहशी दरिंदें..
परिजनों ने मामले की शिकायत थाने में दर्ज कराई..पुलिस को आरोपी का नाम भी बताया..लेकिन पुलिस की लापरवाही का आलम ये रहा है कि पुलिस ने मुकद्दमा तक दर्ज करना मुनासीब नहीं समझा.. आरोप है कि आरोपी के रसूख के चलते पुलिस उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.. लेकिन जब इस पूरे मामले में मीडिया ने दखल दिया तो पुलिस को मुकद्दमा दर्ज करना पड़ा..लेकिन आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है..
जिस तरह से पुलिस ने नाबालिग के साथ बलात्कार के मामले में लापरवाही दिखाई उससे साफ है कि पुलिस भी दबंगों के सामने बेबस नजर आती है..यही वजह है कि दबंग बेखौफ होकर वहशत का घिनौना खेल खेलते हैं..मीडिया के दबाव के चलते पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया है..लेकिन देखने वाली बात होगी कि पुलिस कब तक आरोपी को गिरफ्तार कर उसे उसके असली ठिकाने पहुंचाती है..
10 फ़रवरी 2011
मां, मोब्बत और मर्डर-1
रूह कांप उठेगी
दिल थर्रा उठेगा
भूल जाओगे प्यार करना
भूल जाओगे कस्में वादे
जब सामने आएगी
प्रियंका-नगीम की खून भरी
प्रेम कहानी
प्रियंका और नगीम... दोनों ही इस दुनिया में नहीं हैं.. दोनों का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया.. दोनों को सच्ची मोहब्बत करने की सजा मिली.. हैरानी की बात ये है कि दोनों को सजा-ए-मौत किसी गैर ने नहीं बल्कि अपनों ने दी.. फर्रूखाबाद के कायमगंज की रहने वाली प्रियंका और उसके प्रेमी का उसी के भाई ने कत्ल कर दिया.. प्रियंका और नगीम दोनों के धर्म अलग अलग थे लेकिन फिर भी दोनों एक दुसरे से बेइंतहा प्यार करते थे..दोनों ने जिंदगी भर साथ निभाने की कसमें भी खाईं थीं.. दोनों की मोहबब्त की गाड़ी करीब तीन साल पहले पटरी पर आई थी.. लेकिन इस बात की भनक प्रियंका के परिवार वालों को उस वक्त लगी जब बीती 19 जनवरी को प्रियंका नगीम के साथ घर छोड़कर चली गई.. सवाल घर की इज्ज्त का था लिहाजा प्रियंका की मां ने बेटे संजय वर्मा को एक अजीबो गरीब फरमान सुना डाला.. प्रियंका की मां ने संजय को कहा कि उसे प्रियंका और उसका प्रेमी किसी भी कीमत पर जिंदा या फिर मुर्दा चाहिए.. संजय के लिए एक तरह दुध का कर्ज था तो दुसरी तरफ बहन का प्यार..ऐसे में उसने लिया एक खौफनाक फैसला..
घर से चले जाने के बाद प्रियंका और नगीम कोर्ट मैरिज करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे.. लेकिन इस बात की भनक संजय को भी लग गई.. संजय अपने साले मनोज और उसके उमेश यादव ड्राईवर के साथ इलाहाबाद पहुंचा और प्रियंका और नगीम को समझा बुझाकर अपने साथ वापस फर्रूखाबाद ले आया.. प्रियंका और नगीम को उम्मीद थी कि उनके घर वाले दोनों के प्यार को समझ गए हैं.. लेकिन ये उनका वहम ही निकला.. क्योंकि अभी तो उनकी प्रेम कहानी में वो मोड़ आना बाकी थी जिसकी हकीकत जानकर कोई मोहब्बत करने से पहले एक बार नहीं सौ बार सोचे... अभी तो इश्क और साजिश के इस खेल में वो मोड़ आना बाकी था जिसकी हकीकत किसी के भी होश फाख्ता कर दे...
मां, मोहब्बत और मर्डर-2
दोनों की हत्या करने के बाद तीनों इत्मिनान से घर आए..इसके बाद पुलिस से बचने के लिए प्रियंका के परिवार वालों ने कायमगंज थाने में प्रियंका की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करा दी.. अगले दिन यानी 27 जनवरी को प्रियंका की लाश काली नदी से बरामद हुई... पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर प्रियंका के घरवालों को शिनाख्त के लिए बुलाया जिसके बाद लाश की शिनाख्त कर ली गई.. पुलिस ने प्रियंका के पोस्टमॉर्टम के बाद लाश परिजनों को सौंप दी...और परिजनों ने उसी दिन देर शाम प्रियंका का दाह संस्कार कर दिया..पोस्टमॉर्टम से ये तो साफ था कि प्रियंका का कत्ल किया गया है...लेकिन अब सवाल था कि प्रियंका का कातिल कौन है... पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि प्रियंका के नगीम से प्रेम संबंध से जो कि उसके घरवालों को नागवार गुजर रहे थे...बस फिर क्या था पुलिस ने संजय को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने पुलिस की सख्ताई के आगे तोते की तरह अपना गुनाह कुबूल कर लिया...
संजय के कुबूलनामे के बाद पुलिस ने वारदात में शामिल उसके साले मनोज और उमेश यादव को भी गिरफ्तार कर लिया...पुलिस के सामने ये बात साफ हो चुकी थी कि प्रियंका के कत्ल के लिए संजय को उसकी मां ने ही उकसाया था..
बहरहाल आनर किलिंग के इस मामले में आरोपी पुलिस के शिकंजे में है और पुलिस नगीम की लाश की तलाश में जुटी है... लेकिन इस मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि लोग भले ही पश्चिमी सभ्यता को अपनाकर 14 फरवरी जैसे दिन को प्यार के इजहार के दिन के रुप में मान चुके हों लेकिन हिन्दुस्तान में आनर किलिंग का जिन्न अब भी जिंदा है जो वक्त बे वक्त प्यार करने वालों को अपना निबाला बनाता ही है...
छह टुकड़ों में कटी लाश
दो बैग में बंद
छह टुकड़ों में कटी एक लाश
इन बैग से पुलिस ने कोई सामान नहीं बल्कि एक लाश बरामद की.... लाश किसकी है अभी तक साफ नहीं हो पाया है..लेकिन इतना पता चला है कि लाश किसी युवक की है जिसकी बड़ी ही बेरहमी से हत्या की गई.. और लाश के एक दो नहीं पूरे छह टुकड़े कर उन्हें बैग में भरकर यहां लाकर डाला गया..लेकिन सवाल है कि..
किसकी है ये लाश ? और
क्यों इतनी बेरहमी से किया गया कत्ल ?
पुलिस ने जांच भले ही शुरु कर दी है लेकिन पुलिस के पास अभी तक किसी भी सवाल का जबाव नहीं.. पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है..और शुरु कर दी है उस एक अदद सुराग की तलाश जो पुलिस को बतायेगा कातिल का पता..
लाश के छह टुकड़े कर उसे दो बैग में भरकर डाला गया था..एक बैग में शरीर के नीचे का हिस्सा निकला तो दुसरे में शरीर का उपरी हिस्सा..पुलिस के मुताबिक किसी ने बड़ी ही बेरहमी से युवक की हत्या की है..हालांकि अभी तक युवक की शिनाख्त नहीं हो पाई है लेकिन लाश की हालत देखकर पुलिस को कुछ हुलिया जरूर समझ में आ रहा है..
मरने वाले शख्स की शिनाख्त नहीं हो पाई है.. लेकिन जिस तरह से हत्या कर लाश के छह टुकड़े किए गए उससे इतना तो तय है कि कातिल को जुनून की हद तक नफरत थी..जो उसने इस बेरहमी से वारदात को अंजाम दिया...बहरहाल लाश के छह टुकडों से पुलिस सुराग तलाश रही है लेकिन वो कब तक कातिल के करीब पहुंचेगी...कहना मुश्किल है..
मां की आंखों से गिरते आंसू
चन्दना के अपहरण को दस दिन बीत चुके हैं.. दिन ब दिन परिवार की चिंता बढती जा रही है.. लेकिन अभी तक पुलिस उसका कोई सुराग नहीं लगा पाई है..पुलिस ने अपहरण का नामजद मुकद्दमा तो दर्ज कर लिया है लेकिन वो इस पूरे मामले को प्रेम-प्रसंग से जोड़कर तफ्तीश कर रही है..
पुलिस इसे प्रेम-प्रसंग का मामला बताकर अपना पल्ला झाड़ने में लगी है..लेकिन सवाल है की चन्दना आखिर कहां है.. और पुलिस बिना चन्दना को बरामद किए.. आखिर कैसे दावे के साथ इसे प्रेम-प्रसंग का मामला बता रही है.. खैर पुलिस जल्द मामले को सुलझाने का दावा तो कर रही है लेकिन पुलिस की कथनी और करनी में कितना फर्क है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा..
जानी दुश्मन..जेल से दी सुपारी
इस बार साबिर की साजिश फहीम को ठिकाने लगाने की थी..साबिर ने अपने एक रिश्तेदार फिरदोश की मदद से बिहार से दो शॉर्प शूटरों को बुलाया..और फहीम को पेशी के दौरान कत्ल कराने की साजिश रची..लेकिन बीते बुधवार जब ये लोग धनबाद कोर्ट परिसर में रेकी करने गए तो गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने इन्हें धर दबोचा..पुलिस ने इनके पास से दो पिस्टल, सात जिंदा कारूतस, दो मोबाइल फोन और करीब 2200 रूपये बरामद किए..
पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर साबिर के नापाक मंसूबों पर तो पानी फेर दिया..लेकिन अब पुलिस ये पता लगाने में लगी है कि साबिर जेल में बंद होते हुए भी कैसे इन लोगों के संपर्क में था..साथ ही पुलिस ये भी पता लगा रही है कि साबिर के गिरोह में और कौन कौन लोग शामिल है जो उसकी गैर मौजूदगी में वारदातों को अंजाम दे रहे हैं..
बुजुर्ग की लाश चोरी
क्या वो कब्र से निकल सकता है ?
क्या वो कहीं भी घूम फिर सकता है ?
यकीनन ऐसा होना मुश्किल ही नहीं नामुमकीन है.. 120 साल की जिस बुजुर्ग को उसकी मौत के बाद कब्र में दफना दिया गया हो.. अगर उसकी लाश कब्र से गायब मिले.. तो इसे आप क्या कहेगें.. आपको सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन उत्तर-प्रदेश के लखीमपुरी खीरी में कुछ ऐसा ही हुआ है.. कब्रिस्तान में मौजूद ये लोग.. और खुली पड़ी कब्र.. इस बात की गवाही दे रही है कि यहां से हुई है एक बुजुर्ग की लाश गायब.. असल में बीती 3 फरवरी को हैदराबाद थाने इलाके के छेतानिया गांव में रहने वाली 120 साल की शहजादी की मौत हो गई थी..रीति रिवाज से परिजनों ने शहजादी के शव को अगले दिन कब्रिस्तान में दफना दिया..लेकिन जब बीते शनिवार को परिजन कब्रिस्तान पहुंचे तो शहजादी की कब्र खुली पड़ी थी और उसमें से लाश गायब मिली.. परिजनों को शक है कि इसके पीछे किसी तांत्रिक का हाथ हो सकता है जिसने तंत्र क्रियाओं को पूर्ण करने के लिए लाश को गायब कराया है..
कब्र से लाश गायब मिलने से शहजादी के परिजनों के पैरों तले से जमीन खिसक गई.. उन्होनें फोरन मामले की जानकारी पुलिस को दी..पुलिस ने शिकायत मिलने पर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है..हालांकि पुलिस ये भी मानकर चल रही है कि ये किसी जानवर का काम भी हो सकता है..जिसने लाश को बाहर निकाला हो..
पुलिस लाश को कब्र से निकालने वालों की तलाश कर रही है..लेकिन गांव वालों को पूरा शक है कि किसी तांत्रिक ने ही इस वारदात को अंजाम दिया है..ऐसा पहली बार नहीं है जब कब्र से लाश गायब होने का मामला सामने आया हो..इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं.. ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि इस मामले को पुलिस कितनी संजीदगी से लेती है और कब तक वो कर पाती है मुर्दे के मुजरिमों को गिरफ्तार..
05 फ़रवरी 2011
कातिलों के कातिल-2
रोहताश, योगेन्द्र और नेहा को मौत की नींद सुलाने वाले कातिल पुलिस की गिरफ्त में थे..लेकिन जब इन कातिलों ने कत्ल की वजह का खुलासा किया तो हर कोई हैरान रह गया..इस वारदात के पीछे वजह थी दौलत..असल में रोहताश भूमि सरंक्षण अधिकारी था..लेकिन बीवी की मौत के बाद उसे अय्याशी की लत लग गई..और वो अय्याशी में खूब पैसा लुटाता..इसी बीच उसकी मुलाकात नेहा से हुई..नेहा एक एक कर अपने पहले दो पतियों से रिश्ता तोड़ चुकी थी..जबकि उसने योगेन्द्र से तीसरी शादी की थी..योगेन्द्र आपराधिक प्रवृति का था..उसे दौलत की चाह थी..बस यहीं से नेहा ने अपने हुस्न के बुते फुलप्रुफ साजिश रची..साजिश के तहत नेहा और उसके पति ने रोहताश का कत्ल कर उसकी सारी दौलत लूटने का प्लान बनाया..साजिश में दोनों ने कपिल और बेबी को भी शामिल कर लिया..साजिश के मुताबिक बीती 31 जनवरी की दोपहर चारों रोहताश के घर पहुंचे और रोहताश के मफलर से उसकी गला दबाकर हत्या करने के बाद मौके से फरार हो गए..
रोहताश का कत्ल करने के बाद चारों को उसकी ढेर सारी दौलत हाथ लग चुकी थी..लेकिन अब बारी थी लूट की रकम के बंटवारे की..बस यहीं से कपिल का इमान डोल गया..उसे लगा कि सारी दौलत चार हिस्सों की बजाय दो में ही क्यों ना बांटी जाये...और फिर कपिल और बेबी ने मिलकर रची एक और खौफनाक साजिश..जिसके तहत कपिल ने बीती 2 फरवरी को योगेन्द्र को मिलने के बहाने से बुलाया..और फिर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी..साजिश के तहत दोनों ने मिलकर अगले दिन यानी 3 फरवरी को नेहा को भी उसी के घर में गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया..
पुलिस के सामने कत्ल की वजह और कातिलों का चेहरा बेनकाब हो चुका था..पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया..लेकिन जिस तरह से योगेन्द्र और बेबी ने साजिश के तहत रोहताश को ठिकाने लगाने की साजिश रची थी..उसी साजिश के वो दोनों मोहरे बनकर रह गए..साफ है कि जुर्म का रास्ता हमेशा इंसान को बर्बादी की तरफ ही ले जाता है..और यही हुआ योगेन्द्र और नेहा के साथ जिन्हें दौलत के लालच में गुनाह करने के बदले मौत मिली तो कपिल और बेबी आज कानून के शिकंजे में हैं..
कातिलों के कातिल-1
तारीख- 31 जनवरी 2010
वक्त- शाम के करीब 6 बजे
जगह- मेरठ का कंकरखेडा इलाका
मेरठ के कंकरखेडा थाने में पुलिस हर दिन की तरह काम में लगी थी..कि अचानक शाम करीब छह बजे थाने में रखे फोन की घंटी घनघनाई.. और पूरे थाने में हड़कंप मच गया..वजह थी कंकरखेडा के श्रद्धापुरी में एक अधेड़ युवक की हत्या..मामले की सूचना मिलते ही पुलिस के आलाअधिकारी भी मौके पर पहुंचे.. मृत्तक की शिनाख्त रोहताश सिंह के रूप में हुई.. पुलिस को पता चला कि रोहताश मेरठ मे ही भूमि संरक्षक अधिकारी के पद पर तैनात था..करीब तीन साल पहले रोहताश की पत्नी की मौत हो गई थी लिहाजा रोहताश घर में अकेला ही रहता था.. रोहताश की गला दबाकर हत्या की गई थी.. और घर का सारा कीमती सामान गायब था.. पुलिस को समझते देर ना लगी कि कत्ल की इस वारदात को लूटपाट के मंसूबे से अंजाम दिया गया है.. लिहाजा पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तफ्तीश शुरू कर दी..
पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी थी....इससे पहले की पुलिस कत्ल की इस गुत्थी में किसी नतीजे तक पहुंचती.. कि बीती 2 फरवरी को मेरठ के ही सरधना इलाके के जंगलों से एक युवक की लाश बरामद हुई..लाश मिलने से पुलिस महकमें में एक बार फिर खलबली मच गई..पुलिस ने लाश को कब्जे में लिया और तफ्तीश की तो मृत्तक की पहचान योगेन्द्र के रूप में हुई.. योगेन्द्र की गोली मारकर हत्या की गई थी..इतना ही नहीं पुलिस जब तक योगेन्द्र के कातिलों को गिरफ्तार करती बेखौफ बदमाशों ने एक और सनसनीखेज कत्ल की वारदात को अंजाम दे डाला..बीती 3 फरवरी को पुलिस को मेरठ के नंगला ताशी इलाके से एक महिला की लाश उसी के घर से बरामद हुई..महिला की गला दबाकर हत्या की गई थी..महिला की पहचान नेहा के रूप में हुई..इतना ही नहीं पुलिसिया जांच में ये बात भी सामने आई कि नेहा और योगेन्द्र पति पत्नी थे..
महज चार दिनों में कत्ल की तीन सनसनीखेज वारदातों ने मेरठ पुलिस के हाथ पांव फुला दिए..पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते इस ट्रिपल मर्डर केस की बारिकी से तफ्तीश शुरू कर दी.. पुलिस को शक हुआ कि कहीं इन तीनों कत्ल के पीछे कोई एक ही वजह तो नहीं.. इस बीच जब पुलिस ने योगेन्द्र की फोन कॉल डीटेल खंगाली तो कत्ल के राज से पर्दा भी उठ गया..पुलिस को पता चला कि कत्ल के रोज कपिल नाम के एक शख्स ने योगेन्द्र को फोन कर बुलाया था..इसके बाद योगेन्द्र की किसी से बात नहीं हुई...पुलिस को शक हुआ कि कपिन ने ही योगेन्द्र की हत्या की है... ये बात भी सामने आई की कपिल ने ही बेबी नाम की एक महिला के साथ मिलकर योगेन्द्र की पत्नी नेहा को भी मौत के घाट उतारा था..
पुलिस के हाथ नेहा और उसके पति का कातिल लग चुका था..जब पुलिस ने कपिल और बेबी से सख्ती से पुछताछ की तो तीसरे कत्ल यानि रोहताश की हत्या का मामला भी सुलझ गया..कपिल ने खुलासा किया कि रोहताश की हत्या में वो और बेबी भी शामिल रहे हैं.. सच सामने आने के बाद पुलिस भी हैरान थी..लेकिन इससे भी बड़ा सवाल था कि कपिल ने बेबी के साथ मिलकर कत्ल की इन वारदातों को अंजाम क्यों दिया.
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लो तेंदुआ आ गया---- बाहरी दिल्ली के जिंदपुर गांव में कुछ दिन पहले अचानक एक तेंदुआ दिखने से इलाके में हडकंप मच गया। जैसे ही लोगो को तेंदुए के...
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दोस्तों हैडिंग पढकर आप यही सोच रहे होंगे कि क्या बेहूदा सवाल है, क्या कभी भय बिक सकता है और कैसो। लेकिन यह पूर्ण रूप से सच है। आज भार त के ...