महंगाई की मार से जब आम जन त्राहि-त्राहि कर रहा है तब मांगे जाने की सूरत में पंजाब पुलिस मात्र सत्रह रूपये में अपने एक इंस्पेक्टर की सेवाएं पांच घंटों के लिए उपलब्ध करवाने तत्पर है। इस स्तर के अधिकारी से नीचे के रैंक के कर्मियों की सेवाएं तो और भी सस्ते दरों पर उपलब्ध हैं। और भी आश्चर्य की बात है कि पुलिस के लिए घोड़े की कीमत तीन हजार रूपये और ऊंट की मात्र अढ़ाई सौ रूपये ही है। और तो और चमचमाती गाडि़यों के इस युग में पुलिस ने साईकिल को भी अपनी सवारी घोषित किया है। यह किफायती जो है!
दुनिया बदल गई, पर पंजाब पुलिस अंग्रजों के समय में बनाए गए नियमों-कायदों में लिपटी बैठी है। दो-तीन साल पहले संशोधित पंजाब पुलिस रूल्स में पुलिस द्वारा प्रदत की जाने वाली सुरक्षा और उसकी आवा-जाही के लिए दरें तथा वाहनों का निर्धारण किया गया है। सवारी के लिए साईकिल के अलावा घोड़े तथा ऊंट का भी जिक्र है। जाहिर सी बात है कि कागजों पर पुलिस अपराधियों के पीछे अभी भी घोड़े को ऐड़ लगाती हुई और ऊंट हांकते हुए साईकिल के पैडलों पर जोर लगा रही है।
पंजाब पुलिस रूल्स के मुताबिक जन सेवाएं बहुत ही किफायती हैं। नियमों के मुताबिक अगर आपको सुरक्षा चाहिए तो आपको ऊंट या घुड़सवार यह साईकिल घसीटते हुए पुलिस वालों की सेवाएं हाजिर हैं। बस आपको इन वाहनों की कीमत के बराबर सुरक्षा राशि जमा करवानी होगी। यह राशि रिफंडेबल है। पुलिस की तरफ से यह तोहफा (!) आज से 89 वर्षों पूर्व इन वाहनों की तय कीमत पर उपलब्ध है। उस जमाने में घोड़ा तीन हजार और ऊंट मात्र अढ़ाई सौ रूपये में मिल जाता था। यह तो रही यातायात की बात और बात करते हैं पुलिस वालों द्वारा उपलब्ध करवाई गई सेवा के बदले वसूले जाने वाले शुल्क की। शादी, सामाजिक कार्यों अथावा खेल समारोहों व बैठकों आदि में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए आयोजक पुलिस में आवेदन कर सकता है। अर्जी मंजूर हो जाने पर सुरक्षा मुहैया करवाई जाएगी लेकिन, इसके बदले में प्रार्थी से नकदी वसूल की जाएगी। इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी द्वारा की जाने वाली सुरक्षा के लिए आयोजक को दिन के समय पांच घंटों के लिए 17 रूपये और रात में चार घंटों के लिए इतनी ही राशि अदा करनी होगी। समयावधि बढ़ जाने पर पुलिस द्वारा वसूल किये जाने वाली राशि दोगुनी हो जाएगी। आईए, अब एक नजर इंस्पेक्टर रैंक से नीचे के अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवाएं लेने वालों के द्वारा लिए जाने वाले चार्जेज पर भी एक नजर डाल लेते हैं। सब-इंस्पेक्टर के लिए दस रूपये, एएसआई के लिए आठ रूपये, हवलदार के लिए सात रूपये तथा सिपाही के लिए यह चार्ज छह रूपये निर्धारित है।
लकीर की फकीर पुलिस के कुछ अन्य नियम भी आऊट आॅफ डेटेड हो चुके हैं। पुलिस में भर्ती हो जाने के बाद जवानों को घोड़े, ऊंट तथा साईकिल उपलब्ध करवाने के प्रावधान विभाग नियमावली में हैं। जवानों को घोड़े के लिए तीन हजार और ऊंट के लिए अढ़ाई सौ रूपये बतौर सुरक्षा राशि जमा करवानी होती है। यह राशि रिफंडेबल है। साईकिल की कीमत का अंदाजा सुधि पाठक लगा लें। ज्ञात रहे कि पंजाब पुलिस नियमावली उत्तर भारत के अन्य राज्यों हिमाचल, दिल्ली तथा हरियाणा और केंद्र शासित चंडीगढ़ में लागू है।
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