30 जून 2010

वारदात- दिल्ली में बदमाशों का कहर

दिल्ली अब दिल वालों की नही खौफ की.. दहशत की राजधानी बन चुकी है। यहां डर लगता है.. मौत कब दस्तक दे... लुटेरे कब लूट ले और कब आपकी जिंदगी खत्म हो जाए कहा नही सजा सकता है। 24 घंटे में बदमाशों ने दहशत का ऐसा खेल खेला की दिल्ली थर्रा उठी। किसी की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई तो किसी को लूट के इरादे से बदमाशों ने अपना शिकार बनाया।
दिल्ली.. जहां खौफ बसता है.. लोग दहशत में जीते है। चंद रूपयों की खातिर इनसान का कब लाश बना दिया जाए सोचकर डर लगता है। बाहर क्या लोगों को घर में भी कम खतरा नही है। घरों में लोग दहशत के साये में जी रहे है। बुधवार सुबह से ही बदमाशों ने दहशत का खेल खेलना शुरू किया.. सुबह करीब साढे छ बजे पुलिस को खबर मिली की नरेला के सेक्टर ए-5 में युवक को गोली मार दी गई है। पुलिस मौके पर पहुंच तो जगबीर नाम के पोपर्टी डीलर दम तोड चुका था। उसके शरीर में नौ गोली मारी गई थी। पुलिस को जांच में पता चला कि जगबीर मॉर्निंग वॉक के लिए आया था। उसी दौरान बाइक पर आए बदमाशों ने उसपर फायरिंग कर दी जिससे जगबीर की मौके पर ही मौत हो गई। जगबीर का पोपर्टी डीलिंग का काम था माना जा रहा है कि पोपर्टी विवाद में उसकी हत्या की गई है। हालांकि अभी तक पुलिस इस मामले में किसी को गिरफ्तार नही कर पाई है।
बदमाश का कहर नही थमा... नरेला के बाद बदमाशों ने दिल्ली के करोल बाग में मोबाइल शॉप पर काम करने वाले एक युवक को निशाना बनाया। पुलिस के मुताबिक सुनील नाम का कर्मचारी आईसीआईसीआई बैंक में रकम जमा कराने जा रहा था। सुनील रास्ते में एक मंदिर में रूका। पिछे कर रहे बाइक सवार बदमाशों ने सुनील से बैग छिनने की कोशिश की। सुनील ने इसका विरोध किया तो बदमाशों ने गोली चला दी। गोली की आवाज सुनकर आस-पास के लोग जमा होते देख.. बदमाश फरार हो गए। घायल सुनील को गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बदमाश रकम लूटने में नाकाम रहे। दिल्ली की हाईटेक पुलिस बदमाशों पर नकेल कसने के दावे करती है। लेकिन सरेराह.. सरेआम कत्ल और लूट की वारदात पुलिस के दावों की कलई खोल देती है। आखिर देश की राजधानी में आम आदमी खुद को कैसे महफूज महसुस करे।

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