17 जून 2010

रोब का चस्का

जब उसके तन पर पुलिस की वर्दी थी तो रोब खूब गांठता। लेकिन जब वर्दी उतरी तो रोब कतई कम नही हुआ। उसके पहले जैसे तेवर थे.. रोब भी खूब गांठता.. दो साल तक महकमें के साथ आंख मिचौली खेलता रहा। दिल्ली पुलिस ने ऐसे ही शातिर को गिरफ्तार किया है जो पुलिस वाला बनकर खूब ऐश काट रहा था। लेकिन इस बार वो पुलिस के शिकंजे में आया तो सारा राज फाश हो गया।
दिलबर नाम के इस शख्स को पुलिस की वर्दी तो रास नही आई.... हां पुलिस का रूतबा इतना रास आया की दो साल तक रोब गांठता रहा.. पुलिस ने इस शातिर को धोखाधडी के आरोप में गिरफ्तार किया है। धोखाधडी भी दिल्ली पुलिस से.. दिलबर को अलीपुर से उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब ये अपनी सेवोलेट गाडी से कहीं जा रहा था कि पिकेट पर चैकिंग के दौरान भागने लगा। जब पुलिस वालों ने रोककर पुछताछ की तो खुद को पुलिस वाला बताने लगा। इसकी गाडी पर दिल्ली पुलिस का स्टीकर, डैश बोर्ड पर फाइल और कुछ कागजात रखे थे। इतना ही नही जनाब के पास दिल्ली पुलिस का आई कार्ड भी था।
बाइट... छाया शर्मा, डीसीपी दिल्ली
वीओ टू.. पुलिस के मुताबिक साल 2006 मे दिलबर दिल्ली पुलिस में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुआ था। और चाणक्यपुरी थाने में तैनात था.. इसी दौरान इसका सिलेक्शन दिल्ली प्रशासनिक विभाग में हो गया.. तो इसने पुलिस की नौकरी छोड दी लेकिन अपना आई कार्ड नही वापिस किया। ट्रैफिक नियमों के उल्लघंन और पार्किंग गाडी रोब से खडी करने के लिए इसने गाडी पर दिल्ली पुलिस का स्टीकर लगा रखा था।
बाइट... छाया शर्मा, डीसीपी दिल्ली
वीओ थ्री.. दिलबर इन दिनों अलीपुर के एक सरकारी स्कूल में हेड क्लर्क था.. लेकिन पुलिस के रूतबे से चलने वाला ये शातिर देर से ही सही पुलिस गिरफ्त में आ गया। अब पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि दो साल के दौरान इसने क्या क्या फर्जीवाडा किए है।

लिस ल

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