29 जून 2010

जिंदा हूं मैं

वो मरकर भी जिंदा है.. और जिंदा होकर भी मरा हुआ। परिवार भी उसका दाहसंस्कार कर चुका है। ये अजीबो गरीब दास्तां है पंजाब के एक शख्स की। जो दुनिया के नजरों में मर चुका है। लेकिन दिल्ली पुलिस ने मर चुके युवक का सारा खेल उसे जिंदा पकड कर बिगाड दिया
एक बार जिसे मौत ने अपना लिया.. वो फिर कभी वापिस नही लौटा.. लेकिन एक शख्स ऐसा भी है जिसने मौत को मात दी। वो मरकर भी लौट आया है। मौत को मात देकर भी से जिंदा होने वाला ये है कर्मा अग्रवाल.. जिसके पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक मौत हो चुकी है। इसके परिवार ने बाकायदा अंतिम संस्कार भी कर दिया है। लेकिन जो खेल इस शातिर ने खेला उसे दिल्ली पुलिस ने बिगाड दिया है। पुलिस को जब 22 जून को भलस्वा डेरी नाले से युवक को शव मिला। शव की पहचान कर्मा अग्रवाल के रूप में हुई। पुलिस के मुताबिक कर्मा अग्रवाल ने अपने साथी सत्यपाल से साथ मिलकर किसी अनजान युवक की हत्या कर उसे अपने कपडे पहना दिये। और उसमें अपने फोटो और पहचान पत्र भी रख दिया। शव की कर्मा की पत्नी ने पहचान की।
कर्मा ने शातिराना जाल बुना था जिसमें ये खुद ही फंस गया। कर्मा अग्रवाल मुलरूप से पंजाब का रहने वाला है। और इसपर एनडीपीएस एक्ट के तहत कई मुकदमे दर्ज है। बस इन्हें से बचने के लिए कर्मा ने ये साजिश रची थी। पुलिस के मुताबिक कर्मा ने अपने साथी के साथ मिलकर अनजान युवक की हत्या की। शव को जलाकर को भलस्वा डेरी नाले में फेंक दिया। पुलिस ने लाश बरामद होने और फिर उसकी पहचान हो जाने के बाद मामले में हत्यारे की तलाश शुरू की। लेकिन कोई सुराग हाथ नही लगा.. इसी दौरान पुलिस को जानकारी मिली की जिस कर्मा अग्रवाल की हत्या का मामला पुलिस ने दर्ज किया है वो जिंदा है और भलस्वा डेरी इलाके में ही रह रहा है। पुलिस ने टीम का गठन किया और भलस्वा से कर्मा को धर दबोचा।
खुद को आरोपो से बचाने के लिए कर्मा ने साजिश तो शातिराना चली थी। उसमें कामयाब भी हो गया लेकिन गुनाह के निशान मिटने नही और ये शातिर अपने साथी के साथ पुलिस गिरफ्त में आ गया। हालांकि अभी तक उस शव की पहचान नही हो सकी है जिसको कर्मा और उसके साथी ने मारा था।

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