22 दिसंबर 2009

बाघ की खाल तस्कर गिरफ्तार



हरिद्वार पुलिस दुर्लभ प्रजाति के जानवरों की खाल तस्करी करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से पांच बाघों की खाल बरामद की है। पुलिस के मुताबिक ये गिरोह जानवरों का शिकार कर उन्हें खाल को महंगी कीमत पर बेच दिया करता था। फिलहाल पुलिस को इस गिरोह के कुछ और बदमाशों की तलाश हैउत्तराखंड के घने जंगल भी जानवरों के लिए सुरक्षित नहीं रह गए हैं वन विभाग की लापरवाही के चलते दुर्लभ प्रजाति के बाघों के अस्तित्व पर ही खतरा मंडरा रहा है। शिकारी इस कदर बेखौफ है कि एक दो नही बल्कि पांच पांच बाघों को भी मौत के घाट उतारने से भी गुरेज नही करते। हरिद्वार पुलिस के हत्थे चढ़े गढ़वाल के दोनों खाल तस्करों के पास मिली पांच खालें तो कुछ यही बयां करती हैं हैरानी की बात तो ये है कि इन लोगों ने पांच बाघों का शिकार महज दो सप्ताह में वो भी बिना गोली मारे किया था। ताकि इनकी अछी कीमत मिल सके अब पुलिस इस गिरोह के अन्य बदमाशों की तलाश में दबिश दे रही है।
पुलिस के हत्थे चढ़े बाघों के शिकारी कोई आम शिकारी नहीं हैं, ये बखूबी जानते थे की बाघों की कौन सी खाल की कीमत कितनी मिलने वाली है। इसी बात को ध्यान में रखकर ये लोग शिकार करते। ये लोग बाघ को गोली से मरने के बजाये उसे ज़हर देकर मौत के घाट उतारते इसके लिए एक बड़ा पिंजरा और उसमे जहरीला मांस रखा जाता। बाघ जैसे ही उसे खाने आता पिंजरे में बंद तो हो ही जाता साथ ही जहरीला मांस खाने से उसकी मौत भी हो जाती। तस्करों के लिए फायदा इस बात को लेकर था कि बाघ की खाल में कोई छेद भी नही होता।
. पुलिस के हत्थे चढ़े वन्य जीव तस्करों ने जानवरों की सुरक्षा और वन विभाग की कार्यप्रणाली पर ही सवालिया निशान लगा दिया है इसी प्रकार बाघ सरीखे दुर्लभ प्रजाति के जानवरों को आसानी से शिकार बनाया जाता रहेगा तो आने वाले दिनों में उत्तराखंड के जंगलों से बाघों का अस्तितव ही मिट जायेगा

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