09 दिसंबर 2009

फर्जी आईजी साहब

पति रैपिड एक्शन फोर्स में आईजी... पत्नी रैपिड एक्शन फोर्स में सर्कल ऑफिसर। अब आप सोचकर देखिए उनका इलाके में क्या रूतबा होगा। आपने सही सोचा जहां से भी वो गुजरेंगे कोई भी एक बार के लिए सलाम करना नही भूलेगा। उन तीनो के साथ भी बिल्कुल ऐसा ही होता। जिस गली से वो गुजरते लोग सल्यूट करना नही भूलते। इलाके का हर बाशिंदा उन्हे बखूबी जानता। रूतबा ऐसा की हर कोई देख-सुनकर हैरान रह जाए। लेकिन रसूकदार रूतबा रखने वाला कुनबा आ गया है नोएडा पुलिस के शिकंजे में। क्या है इस कुनबे की असली हकीकत आईये बताते है। तन पर फौजी वर्दी...लाल बत्ती वाली गाडी और इलाके में खूब चलता हो रौब... भला किसी को और क्या चाहिए। कहानी के हर पहलु से आपको रूबरू कराने से पहले मिलवाते है इस कहानी के किरदारों से.... इनसे मिलिए ये हैं रैपिड एक्शन फोर्स के आईजी साहब....नाम है ज्ञानेद्र प्रकाश तोमर.... चलिए दूसरे किरदार से भी मिल लिजिए...ये हैं रैपिड एक्शन फोर्स की सर्कल ऑफिसर माधुरी तोमर...पूरी तरह वर्दी में चुस्त दुरुस्त...शान वही रुतबा भी वही....और हां आईजी साहब और सर्कल ऑफिसर साहिबा दोनों पति-पत्नी है... अब जरा तीसरे किरदार से भी मिल लिजिए... ये जनाब है शरदीप तोमर.. और ये साहब भी रैपिड एक्शन फोर्स में ही तैनात है...बस फर्क इतना है कि ये कोई आला अधिकारी नहीं बल्कि आईजी साहब के ड्राईवर है। लेकिन इनका भी रूतबा कुछ कम नही ...हो भी तो कैसे लाल बत्ती वाली गाडी जो चलाते है...वो भी आईजी साहब की। लेकिन ये सिर्फ ड्राइवर ही नहीं है बल्कि ये आईजी ज्ञानेन्द्र तोमर के लाडले हैं... अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इन अधिकारियों पर ऐसी कौन सी मुसीबत आन पड़ी कि इन्हें अपने पूरे परिवार के साथ थाने में आना पड़ा आईजी साहब के चेहरे की उडी हवाइयां देखकर अब तक आप ये तो समझ चुके होंगे की, मामला गंभीर है... हैरानी की बात तो ये है कि उनकी मुसीबत किसी बदमाश या चोर उच्चके ने नही बल्कि नोएडा पुलिस ने बढ़ाई है... दरअसल ये रैफ के अधिकारियों का कुनबा नहीं बल्कि नटवरलाल का कुनबा है....जी हां ये हैं रैफ के नकली अधिकारी...पूरा परिवार ही नकली अधिकारी बन लोगों पर रौब गांठता था पुलिस के मुताबिक इन फर्जी अधिकारियों का असली धंधा है...वर्दी का रौब दिखाकर लोगों से बैंक का लोन वसूल करना। जी हां वही काम जो बैंक कई बार अपने गुंडे भेजकर कराता है... लेकिन आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ ही गए। किसी भी मामले में ये लोग रैपिड एक्शन फोर्स के अधिकारियों से कम नही थे.... इनके पास बाकायदा एक जिप्सी मिली है जिस पर रैपिड एक्शन फोर्स की प्लेट लगी थी।

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