18 दिसंबर 2009

कातिल बेटी

तारीख 29 मई... दिन शुक्रवार.. वक्त... शाम के सात बजे... जगह दिल्ली का पश्चिम विहार इलाका और खबर थी एक महिला के घर में लाश मिलने की। मरने वाली महिला थी पचपन साल की किरण कपूर। पहली नजर में साफ था की महिला की हत्या की गई है। चारों तरफ घर का सामान बिखरा पडा था। घर के हालात देखकर लग रहा था कि लूट के इरादे से आए बदमाशों ने लूट का विरोध करने पर हत्या की है। और फिर घर से गायब कुछ कीमती सामान से बात पुख्ता होती दिख रही थी। वहीं किरण कपूर की बेटी ने इस बात को ये कहकर और भी पुख्ता कर दिया की जिस वक्त मां बेटी घर में मौजूद थी। साक्षी ने पुलिस का बताया कि वह खाना बना रही थी तभी दो बदमाश लूटपाट के इरादे से घर में घुस आए..उनसे डरकर वह छिप गयी। उसने अपनी मां के कमरे से टीवी की तेज आवाज सुनी लेकिन बाहर निकलकर मां की मदद करने की हिम्मत नही जुटा सकी। बाद में साक्षी ने बाहर जाकर देखा तो मां खून में लथपथ मृत पडी थी। शुरूआती दौर में ये बात कुछ लोगों को सही लगी लेकिन तफ्तीश में जुटी पुलिस को साक्षी का बयान गले नही उतर रहा था।

पुलिस की तफ्तीश कई पहुलओं को लेकर आगे बढ रही थी.. मामले की साक्षी अकेली चश्मदीद था साफ था कि पुलिस साक्षी से पूछताछ कर मामले के बेहद करीब पहुंच सकती थी। लेकिन पुलिस उस वक्त चौंक गई जब पता चली कि जो गहने किरण कपूर ने पहन रखे थे वो ज्यों के त्यों है। बस यहीं से पुलिस का माथा ठनक गया। भला ऐसा कैसे हो सकता है कि बदमाश लूटपाट के मकसद से घर में घूसे बाकायदा कीमती सामान ले भी जाए लेकिन जिस महिला का कत्ल करें उसके जैवरात को छुए तक नही। बस यहीं से पुलिस ने साक्षी से दोबारा पुछताछ की। पहले और अब के बयान में विरोधाभास था। साक्षी ने पुलिस को अपने एक दर्जन बॉयफ्रेंड्स के नाम बताए, लेकिन सनी का नाम उसने छिपा लिया। बस, यहीं से पुलिस का शक गहराता गया। पुलिस के शक के दायरे में सन्नी का नाम था। पुलिस के मुताबिक सन्नी साक्षी का ब्वायफ्रेन्ड था लेकिन उसने इसका नाम पुलिस को नही बताया था।
साक्षी ने पुलिस को ये भी बताया था कि लुटेरों ने मां की हत्या की और वह सोफे के पीछे छिपी रही। घर में घुसने और बाहर निकलने के कई रास्ते थे। इसके बावजूद मां पर हमले के दौरान उसने बाहर निकलकर शोर नहीं मचाया। यहां पुलिस का शक और गहरा गया। अब तक पुलिस के सामने ये बात तो साफ हो चुकी थी कि किरण की हत्या लूटपाट के मकसद से तो कतई नही कि गई है। यानि शुरूआती दौर में जो तस्वीर उभरकर सामने आई वो महज एक मनघडंत कहानी है। जब पुलिस ने साक्षी की फोन कॉल डिटेल खंगाली तो तस्वीर और भी साफ हो गई। दरअसल कत्ल के दिन साक्षी और उसके बॉयफ्रेन्ड सन्नी के बीच पूरे नौ बार बात हुई थी। पुलिस ने उससे सनी के बारे में सवाल किया। साक्षी ने शुरुआत में उसके बारे में कोई जानकारी देने से इनकार किया, लेकिन सबूत दिखाने के बाद उसने सनी के साथ अपने संबंध मान लिए। एक ओर तो साक्षी इस बात से साफ इनकार कर रही थी कि इस मर्डर केस में उसका और सनी का हाथ है, वहीं दूसरी ओर पुलिस सनी को ट्रेस कर रही थी। वह शालीमार बाग स्थित अपने घर से लापता था। आखिरकार पुलिस ने सन्नी को शालीमार बाग से गिऱफ्तार कर लिया। सनी ने जल्द ही अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसकी निशानदेही पर किरण कपूर के घर से उठाए गए सेलफोन, जूलरी, 16,600 रुपये, टीएफटी स्क्रीन एलजी, स्विस स्टार वॉच और उसके खून सने कपड़े बरामद कर लिए।
किरण कपूर का कत्ल खुद साक्षी ने अपनी बॉयफ्रेन्ड सन्नी के साथ मिलकर किया था। दरअसल किरण को बेटी के चाल चलन पर पहले से ही शक था। उसने बेटी को समझाने की लाख कोशिश की लेकिन कोई फायदा नही हुआ। इसी वजह से साक्षी का घर से आना जाना बन्द कर दिया गया। फिर भी किसी ना किसी तरह वो अपने बॉयफ्रेन्ड को घर पर बुला लेती। वारदात वाले दिन दोनों घर पर ही मौजूद थे जबकि किरण काम के सिलसिले से बाहर गई हुई थी। जब किरण घर लौटी तो बेटी को आपत्तिजनक हालात में देखकर गुस्सा गई। बस इसी बात पर दोनों ने किरण का बेरहमी से कत्ल कर दिया और फिर खुद को बचाने के लिए हत्या को शक्ल दी लूटपाट के बाद हत्या की। आखिरकार असलियत सबके सामने आ गई।..

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