दिल्ली। राजधानी दिल्ली में बरसों से छिड़ी हुई गैंगवार में गैंगस्टरों की एक-दूसरे की मदद किये जाने का खुलासा समय-समय पर होता रहता है। कुख्यात सोनू दरियापुर के दुश्मन मोनू दरियापुर को मारने के लिए अनूप बलराज गिरोह के नरेश काले के भाई राजेश को जिम्मा सौंपा गया था। राजेश ने अपने साथियों के साथ मिलकर 30 अप्रैल को मोनू दरियापुर, उसके दोस्त अरुण और मोनू के पीएसओ एएसआई विजय को पीरागढ़ी के नजदीक मौत के घाट उतार दिया था। तिहरे हत्याकांड में नवीन खत्री नरेला और सतीश बोहर को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है जबकि हमले के मास्टरमाइंड राजेश उर्फ राजे निवासी बोहर को कर्नाटक के उत्तर कन्नड इलाके में गोकर्ण क्राॅस मदनगीर के पास से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी स्पेशल सेल के निरिक्षकों उमेश बर्थवाल, भूषण आजाद और रेणु यादव की टीम द्वारा की गई।
पुलिस उपायुक्त पी के कुशवाहा ने बताया कि पकड़े गये राजेश उर्फ राजे की हरियाणा पुलिस को भी तलाश है उसने जेल में बंद रमेश लुहार की हत्या की उस समय योजना बनाई जब उसे रोहतक कोर्ट में लाया गया था। हमले में रमेश तो बच गया पर उसका एक साथी मारा गया। रमेश पर हमले का मकसद राजेश के भाई के एक साथी का देवेंद्र कोच गिरोह द्वारा किया गया कत्ल था। देवेंद्र कोच की बाद में राजेश राजे ने हत्या कर दी थी। देवेंद्र कोच ने जिस युवक को मारा था उस मामले में राजेश चश्मदीद गवाह था। देवेंद्र कोच का साथी रमेश लुहार राजेश के भाई नरेश उर्फ काले को मारना चाहता था। रमेश लुहार को कुख्यात कृष्ण पहलवान गिरोह का संरक्षण हासिल है।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि दिल्ली में सत्यवान उर्फ सोनू दरियापुर, ज्योति बाबा-कपिल नंदू, मंजीत महाल, नवीन खत्री, समुद्र खत्री, कृष्ण पहलवान ओर हेमंत प्रधान गिरोह सक्रिय हैं। इनके बीच वर्चस्व की लड़ाई चलती रहती है जिसमें अनेक निर्दोष भी मारे जा चुके हैं।
रमेश लुहार को मारने के लिए राजेश उर्फ राजे ने सोनू दरियापुर से हाथ मिलाया और बदले में मोनू दरियापुर को मार डाला।
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