05 सितंबर 2010

मोहब्बत में बनी माँ

मोहब्बत करने वालों की कमी नहीं...और फिर मोहब्बत करना कोई पाप भी नहीं लेकिन जरा ठहिरये हम आपको बता दें कि मोहब्बत के नाम पर हवस मिटाने वाले भेडिये भी इस दुनिया कम नहीं हैं लिहाजा किसी से मोहब्बत करने से पहले....उसे अपना तन सोंपने से पहले सौ बार सोच लें ...कहीं ऐसा न हो कि मोहब्बत के नाम पर आप बन जायें बिन ब्याही मॉं....और आपका ही बच्चा आपसे पूछे कि मेरे पापा कौन हैं...
15 दिन का ये मासूम ना बोलना जानता है..ना ही इसे दुनिया के रस्मों रिवाज पता हैं.. इसे अगर कुछ पता है तो बस मां की गोद और उसका प्यार.. भूख लगती है.. तो रोने लगता है.. प्यास लगती है तो छटपटाने लगता है... लेकिन इस छोटी सी उम्र में ही इस मासूम को जिंदगी की एक कड़वी हकीकत से रूबरू होना पड रहा है.. रिश्तों की ऐसी कड़वी हकीकत की इसे इंसाफ दिलाने के लिए इसकी मां इसे अदालत की चौखट पर ले आई है .. इस महिला को न केवल अपना बल्कि इसकी गोद में पल रहे अपने बच्चे का हक चाहिये....अंकुश नाम के इस मासूम को अपनी मां नमिता का तो अहसास है लेकिन ये...नहीं जानता कि इसका पिता कौन है.... .चंडीगढ की अदालत में नमिता ने अपने बच्चे के हक के लिए दायर की है याचिका जिसमें मांग की गई है कि अंकुश का पिता उसे मुआवजा दे... ताकि नमिता नमिता अंकुश की जिंदगी का ठीक से गुजर बसर कर सके...
आखिर क्या है नमिता और उसके मासूम बेटे अंकुश की दास्तां .. और इन्हें क्यों अदालत तक जाना पडा.. इसके लिए हम आपको नमिता के अतीत से रुबरु कराते हैं असल में चंडीगढ के सेक्टर 56 में रहने वाली 22 साल की नमिता की मां की मौत उसके बचपन में ही हो गई थी.... कम उम्र में ही उसके भाई और पिता भी इस दुनिया से चल बसे.. नमिता इस दुनिया में अकेली थी.. हर कदम पर धोखे थे.. कोई नहीं था जिसे नमिता अपना समझकर कुछ पल के लिए उसके कंधे का सहारा ले सकती.. इसी बीच नमिता की मुलाकात चंडीगढ के सेक्टर 43 में रहने वाले सोनी नाम के एक लडके से हुई .. इस मुलाकात के बाद नमिता के सपनों को नई उडान मिली.. उसे लगने लगा कि उसकी जिंदगी अब बोझ नहीं रही.... नमिता और सोनी एक दुसरे के बेहद करीब आ गए.. इतने करीब के दोनों के बीच जिस्मानी संबंध भी बन गये .. नमिता.. सोनी की हर बात पर आंख मूंदकर भरोसा करती.. सोनी भी हर दिन उसे नए नए सपने दिखाता.. और इन्हीं सपनों की उडान देकर वो नमिता के जिस्म से हर रोज खेलता.. इसी बीच नमिता के पेट में सोनी का प्यार पलना शुरु हो गया...नमिता ने सोनी से शादी की बात की लेकिन उसने शादी करने से साफ इंकार कर दिया.. नमिता के पास दो ही रास्ते थे.. या तो वो बच्चे को जन्म दे या फिर बच्चे के साथ खुद को खत्म कर ले.. दोराहे पर खडी नमिता ने बच्चे को जन्म देने का फैसला किया.. लेकिन साथ ही उसने फैसला किया कि वो सोनी को सबक सिखाकर ही मानेगी ..... नमिता ने सोनी के खिलाफ अदालत के मार्फत मुकद्दमा दर्ज कराया.. जिसके बाद सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया..और उसे जेल भेज दिया गया..
सोनी के जेल जाने के बाद नमिता ने एक बच्चे को जन्म दिया.. जिसके बाद सोनी के परिजनों का दिल पसीज गया.. उन्होनें नमिता से केस वापिस लेने की गुजारिश की और दोनों की शादी कराने का वादा भी किया.. नमिता को और क्या चाहिए था... उसके बच्चे को पिता का नाम मिल जाए.. उसकी जिंदगी फिर से खुशहाल हो जाये.. लेकिन यहां भी नमिता की जिंदगी में एक बार फिर धोखा हुआ .. जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद सोनी विदेश भाग गया.. अब बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए नमिता अदालत पहुंची है.. हर कदम पर धोखे का सामना करने वाली नमिता को क्या इंसाफ मिल पाएगा.. क्या उसके मासूम बेटे को उसके पिता का नाम मिलेगा.. इनका जवाब तो वक्त के साथ ही मिलेगा.. खैर इस मामले में अदालत ने आने वाली 13 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की है.. जिसके बाद ही ये तय हो पायेगा कि आगे आने वाले दिनों में नमिता और उसके बेटे अंकुश के लिए राह आसान होगी या फिर मुश्किल भरी

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