05 सितंबर 2010

कातिल मां- भाग दो

एक नाबालिग का उसी के घर में दाखिल होकर किसी ने कत्ल कर दिया.... पुलिस के पास न तो कातिल का कोई सुराग था और न ही इस वारदात का कोई चश्मदीद....लेकिन पुलिस को यकीन था कि गुनहगार की महज एक गलती ही उसका पता बता देगी.... इस केस में भी वही हुआ...कातिल ने बड़ी ही सफाई से रंगे थे उस नाबालिग के खून से हाथ लेकिन फिर भी वो एक गलती कर बैठा जिससे इस वारदात का हो गया पर्दाफाश..और कातिल हो गया बेनकाब..अब देखिये जरा कातिल को औऱ सोचिये कि क्या आपकी तहकीकात में सामने आया कातिल भी वही है जिसे पुलिस ने बेनकाब किया...
एक बेटी को खो देने का गम क्या होता.. भला इस मां से ज्यादा कौन जान सकता है.. इस मां के आंसू.. इसके दिल का दर्द..बयां कर रहे हैं.. लेकिन जरा ठहरिए..
ये आंसू बेटी को खोने के गम मे नहीं है.. ना ही ये दर्द बेटी को खोने का है.. बल्कि सब एक खौफनाक साजिश का हिस्सा है.. ऐसी साजिश जिसे खुद इसी महिला ने रचा.. इस महिला ने साचिश रची ...अपने हिसाब से मोहरे बिछाए.. और मात दी अपनी ही बेटी को.. उसकी हत्या कराकर.. जीं हां भावना की हत्या कराने वाला कोई और नहीं बल्कि खुद उसी की मां सुषमा है.....
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर पुलिस का हमकदम बनकर...पुलिस के सामने रहकर कातिल को पकड़ने की गुहार करने वाली ये महिला पुलिस की नजरों से दो दिन तक कैसे बची रही...और पुलिस ने किस बिनाह पर इस महिला को गिरफ्तार किया.... असल में इस कत्ल के पीछे छिपी हकीकत जितनी दर्दनाक है उतनी ही शर्मनाक भी ..क्योंकि कत्ल की ये दास्तां अवैध रिश्तों का अंजाम है .. पुलिस के मुताबिक सुषमा ने जो बयान दिये थे वो किसी भी तरह से हजम नहीं हो रहे थे .. तफ्तीश में लगी पुलिस ने कत्ल के तीन दिन बाद सुषमा के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकलवाई.. जिसके बाद ना केवल पुलिस को कातिल का ठोस सुराग मिला बल्कि कत्ल का मकसद भी पूरी तरह साफ हो गया.. कॉल डिटेल से पुलिस को पता चला कि जिस दिन भावना की हत्या हुई.. उसी दिन सुषमा ने एक ही नंबर पर 64 से ज्यादा बार फोन किए थे.. बस यहीं से पुलिस का माथा ठनका.. भला ऐसा कौन सा जरूरी काम थी कि सुषमा ने बेटी की हत्या के बाद एक ही शख्स को 64 बार फोन किये.. जब पुलिस ने उस नंबर का पता किया तो सामने आई एक मां की खौफनाक हकीकत..दरअसल ये नंबर था बेगराज नाम के एक युवक का.. पुलिस की टीम ने तुरंत बेगराज को हिरासत में लेकर कड़ाई से पुछताछ करनी शुरु कर दी .. पहले तो बेगराज पुलिस को गुमराह करता रहा लेकिन बाद में टूट गया.. बेगराज ने पुलिस को बताया कि सुषमा के साथ उसके अवैध संबंध थे..जिनकी जानकारी भावना को लग चुकी थी...कत्ल वाले रोज भावना ने अपनी मां सुषमा को बेगराज के साथ आपत्तिजनक हालत में देख भी लिया था जिसके बाद भावना ने अपनी मां को धमकी दी कि वो इस रिश्ते के बारे में अपने पिता को बता देगी.. .
पुलिस के मुताबिक कत्ल वाले रोज ही सुषमा की शय पर बेगराज ने अपने एक दोस्त सोनू त्यागी के साथ मिलकर पहले तो भावना का बलात्कार करने की कोशिश की...लेकिन जब भावना ने बेगराज का विरोध किया तो उन दोनों ने मिलकर भापना की चाकू से गोदकर हत्या कर दी...वारदात को अंजाम देने के बाद कातिल को छिपाने का जिम्मा निभाया खुद सुषमा ने...और उसने न केवल पुलिस बल्कि जमाने के सामने इतने घडियाली आंसू बहाये कि उसपर किसी को शक ही न हो लेकिन कहते हैं न कि कातिल कितना ही शातिर क्यों न हो वो एक न एक गलती कर ही जाता है और वही गलती बनती है उसकी गिरफ्तारी का सबब...सुषमा की गलती थी बेगराज को बार बार फोन करना....इन्हीं कॉल ने सुषमा और बेगराज की साजिश को बेनकाब कर दिया और उन्हें पहुंचा दिया सलाखों के पीछे

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