23 अगस्त 2010

भारतीय अर्थव्यवस्था पर हमला

सरहद पार बैठे देश के दुश्मन भारत को बर्बाद करने का कोई मौका नहीं चूकना चाहते... सामने आकर उन्होंने जब जब मुकाबला किया मुंह की खानी पड़ी लिहाजा वो नकली नोटों के जरिये भारत की अर्थव्यवस्था को खोखला करने में जुटे हैं... दिल्ली पुलिस ने एक बार फिर तीन लोगों को गिरफ्तार कर नकली नोटों की एक भारी खेप जब्त की है... पूछताछ में खुलासा हुआ है कि सरहद पार बैठे देश के दुश्मन पूरे देश में फैला चुके हैं नकली नोटों का जाल...लिहाजा जरुरत है कि आप और हम चोकन्ना हो जायें.. क्योंकि हमारी और आपकी चौकसी ही नकली नोटों के इस सिंडिकेट को जड़ से उखाड़ सकती है..
नकली नोटों की खेप
पुलिस के शिकंजे में
नकली नोटों के कारोबारी
सरहद पार से जारी है भारतीय अर्थव्यवस्था को खोखला करने की नापाक साजिश... और इसका सुबूत है दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के हत्थे चढे ये तीन शातिर... क्राइम ब्रांच ने रामप्रसाद, कृपाशंकर और विकास चौधरी नाम के इन तीन लोगों को नकली नोटों की एक भारी खेप के साथ गिरफ्तार किया है... पुलिस ने इनके कब्जे से आठ लाख नौ हजार के नकली नोट बरामद किए हैं...
नकली नोटों का कारोबार
जिसकी साजिश रची जाती है
सरहद पार
पूछताछ में खुलासा हुआ कि नकली नोटों की खेप इन तीनों लोगों के पास सरहद पार से बांग्लादेश के रास्ते वेस्ट बंगाल होते हुए इनके पास पहुंचती थी... जिसके बाद ये लोग देश के अलग अलग हिस्सों में नकली नोटों को सप्लाई कर देते .... इससे पहले भी ये लोग कई बार नकली नोटों को देश के कई हिस्सों में खपा चुके हैं.... लेकिन इस बार पुलिस की चौकसी के आगे इनकी साजिश नाकाम साबित हुई....और पुलिस ने इस गिरोह के गुर्गे रामप्रसाद को रोहिणी के जापानी पार्क के पास से गिरफ्तार किया... रामप्रसाद की निशानदेही पर बाकी के दो लोग भी पुलिस की गिरफ्त में आ गये....
सरहद पार से नकली नोटों का कारोबार नया नहीं है.. बल्कि देश की अर्थव्यव्था को खोखला करने के लिए सीमापार बैठे दुश्मनों का हमेशा से ही ये मंसूबा रहा है... राजधानी दिल्ली में ही पुलिस ने हाल ही में 41 हजार 6 सौ रूपये के नकली सिक्कों के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया था। भारतीय रिजर्व बैंक के तमाम सुरक्षा इंतजामों और जांच एजेंसियों की पैनी निगाहों के बावजूद जाली नोटों का कारोबार दिन-दुनी रात चौगुनी रफ्तार से फल-फूल रहा है। अगर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकडों पर गौर करें तो साल
2001 में पुलिस ने 5.3 करोड़ की नकली कैरेंसी जब्त की जबक साल 2005 में ये राशि बढ़कर हो गई 6.9 करोड़
2008 में पुलिस ने 21.45 करोड़ के नकली नोट जब्त किये
जबकि
2009 में ये आंकड़ा बढकर हो गया 22 करोड़
आंकड़े बता रहे हैं कि किस तरह सरहद पार से देश के दुश्मन नकली नोटों का कारोबार बढाने में जुटे हैं... जाली नोटों का कारोबार कानूनन अपराध है इसके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, आपराधिक साजिश रचने, 489 ए,बी, सी और डी अपराध की जानकारी छुपाना, और धारा 420 के तहत कार्रवाई का प्रावधान है लेकिन जिस तरह से इस कारोबार में इजाफा हुआ है उससे साफ है कि इस प्रावधान का कोई खास असर नही हुआ है। ....
एक तरफ पुलिस अपना काम कर रही है....वो नकली नोटों के कारोबारियों पर बारीक निगाह बनाये हुए है...और जरा सा भी शक होते ही ऐसे कारोबारियों को उनके असल मुकाम तक पहुंचा दिया जाता है....ऐसे में जरुरत है हमारे भी चोकन्ना रहने और पुलिस का साथ निभाने की... हमारी चौकसी ही भारतीय अर्थव्यवस्था को खोखला करने वाले देश के दुश्मनों को जबाव दे सकती है

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