05 जनवरी 2010

कैसे करे भरोसा

फरीदाबाद में 27 दिसंबर को हुई एक हत्या के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है...इस सिलसिले में पुलिस ने मृतक के नौकर को गिरफ्तार किया है....पुलिस के मुताबिक नौकर ने ही रुपयों की लालच में अपने मालिक की हत्या की थी। पुलिस ने मोबाइल फोन से मिली लोकेशन के आधार पर नौकर अरूण को बिहार से गिरफ्तार किया।
फरीदाबाद पुलिस की गिरफ्त में खडा ये वही दगाबाज नौकर है जिस पर पैसों की चाहत का नशा इस कदर चढा कि अपने ही मालिक का कत्ल कर दिया। आखिर गुनाह के बाद ये कब तक बचता.. और ये दगाबाज भी चढ गया पुलिस के हत्थे। पुलिस ने अरूण नाम के इस शख्स को बिहार से गिऱफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक 27 दिसम्बर को फरीदाबाद के सेक्टर 16 में हुए सुनील गुप्ता का कत्ल अरुण ने ही किया था...दरअसल उस दिन सुनील घर से किसी काम के सिलसिले में निकला था, सुनील देर रात तक घर नही लौटा तो परिजनों को चिंता सताने लगी। सुनील का मोबाइल फोन भी स्वीच ऑफ आ रहा था, घबराए परिजनों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी । जब पुलिस तलाश करते हुए सुनील के ऑफिस पहुंची तो आफिस को बन्द पाया...जब ऑफिस खोला गया तो उसके अन्दर सुनील की लाश प़डी हई थी। आफिस से कीमती सामान भी गायब था।
शुरूआती जांच में ये बात साफ साफ हो चुकी थी कि हत्या की वारदात को लूट के इरादे से अंजाम दिया गया है... जब पुलिस ने नौकर अरूण की तलाश की तो वो लापता था, बस यहीं से पुलिस का शक उस पर गहरा गया। पुलिस ने अरूण के मोबाइल फोन की ट्रेसिंग कर उसे बिहार से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के सामने अरूण ने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया। अरूण के मुताबिक उसने शराब पी रखी थी, सुनील ने इसी बात से नाराज होकर उसे गाली दे दी तब क्या था अरुण गुस्से से भर उठा और सुनील का कत्ल कर दिया.... लेकिन अरूण का ये ब्यान पुलिस के गले नही उतर रहा । पुलिस को जांच में ये भी पता चला कि अरूण को कुछ दिन पहले ही काम पर रखा गया था और उसका वेरिफिकेशन भी नही कराया गया था।
लोग लापरवाही की वजह से नौकरों का वैरिफिकेशन नहीं करा पाते हैं...इसी वजह से नौकरों का काम आसान हो जाता है...इसके पुलिस का रवैया भी कम जिम्मेदार नहीं....पुलिस भी नौकरों की वैरिफिकेशन में लापरवाही बरतती है...अगर अरुण का वैरिफिकेशन हुआ होता तो हो सकता था वो वारदात को अंजाम देने से पहले सौ बार सोचता...और हो सकता था कि सुनील की जान बच जाती

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