05 जनवरी 2010

सुलझ गई गुत्थी

दिल्ली पुलिस ने अशोक विहार में हुई डेढ़ करोड़ रुपये की लूट के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है....पुलिस ने इनके पास से लूटे गए रकम में से 1 करोड़ 25 लाख रुपये भी बरामद कर लिये हैं....पुलिस के मुताबिक लूटकांड की सूत्रधार एक आरोपी की गर्लफ्रेंड है जिसकी दी गई जानकारी के बाद वारदात को अंजाम दिया गया....
19 दिन बाद ही सही आखिरकार दिल्ली पुलिस ने साल 2009 में हुई सबसे बडी डेढ़ करोड की लूट के मामले को सुलझा लिया। पुलिस ने इस मामले में विकास, हर्षित और प्रवीण गोयल नाम के तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इन्ही तीनों ने अपने एक और साथी के साथ मिलकर लूट को अंजाम दिया था। पुलिस ने इनके पास से लूटे गए एक करोड 25 लाख रूपये बरामद कर लिये है। साथ ही वारदात में इस्तेमाल हुए दो कारें और दो बाइक समेत हथियार भी बरामद हुआ है। पुलिस को जांच में पता चला कि ये लोग वारदात को अंजाम देने से पहले ही जौहरी की रेकी कर रहे थे। जौहरी के पास मोटी रकम होने की जानकारी इनके चौथे साथी की गर्लफ्रेन्ड़ ने दी थी। दरअसल जीतू नाम का वो शख्स एक दिन आईसीआईसीआई बैंक में काम कर रही अपनी गर्लफ्रेन्ड से मिलने गया था। वहीं से उसे पूर्ण चन्द के बारे में जानकारी मिली। बस फिर क्या था जीतू ने अपने इन साथियों के साथ मिलकर जौहरी को लूटने की साजिश रच डाली। पुलिस के मुताबिक वारदात का खाका गोगिया गैंग के सरगना दीपक गोगिया ने तैयार किया था।
पूर्ण चंद बंसल 16 दिसंबर की सुबह तकरीबन नौ बजे घर से दो बैग में रुपये लेकर बैंक जाने के लिए निकले थे...बैग में उस वक्त उनके पास एक करोड पचपन लाख रूपये थे। जैसे ही उन्होंने घर के बाहर खड़ी अपनी गाडी में बैग रखे, तो दो बाइक पर सवार चार बदमाशों ने उन पर पिस्टल सटा दी। जब तक पूर्णचंद कुछ समझ पाते बदमाश बैग लेकर फरार हो चुके थे। पूर्ण चंद का सदर बाजार और अशोक विहार में ज्वैलरी का कारोबार है , वे कई दिन की कलेक्शन इक्ठठा होने की वजह से बैंक में रुपये जमा कराने जा रहे थे। शुरूआती जांच में साफ हो चला था कि बदमाशों को जौहरी के बारे में पहले से ही जानकारी थी...
इन बदमाशों को गिरफ्तार कर पुलिस अपना पीठ थपथपाने में लगी है...लेकिन अभी भी ऐसे कई मामले हैं जिन्हें सुलझाना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है...वैसे तो पुलिस 2009 को 2008 के मुकाबले क्राइम के मामले में बेहतस साबित कर चुकी है..अब देखना ये है कि पुलिस 2010 को दिल्ली को अपराध से छुटकारा दिला पाती है या नहीं

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