02 अगस्त 2009
खौफजदा राजधानी
राजधानी के लोग इन दिनो खौफ के साए में जी रहे है हर वक्त अनहोनी का डर लोगो की परेशानी का सबब बना हुआ है। पिछले 15 दिनो में हुई दर्जन भर से ज्यादा लूट की वारदातो ने दिल्ली पुलिस की नींद हराम कर रखी है। तो व्यापारीयों को खुद की चिंता सताने लगी है बदमाश इस कदर बेखौफ है की जब चाहे किसी भी वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते है पुलिस है कि हाथ ही मलती रह जाती है। 27 जुलाई की बात करें तो राजधानी में बेखौफ बदमाशो ने सरेआम दिन दहाडे बैंक कर्मी से साढे नो लाख की लूट की वारदात को अंजाम दिया। और बैंक कर्मी को गोली मार कर भाग गए। पुलिस ने पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लिया और जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कही-- हालांकि पुलिस की कार्यवाही रंग लाई और दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने चार दिन बाद ही बदमाशो को दिल्ली के अलग अलग इलाको से गिफ्तार कर लिया गया साथ ही लूट के पैसे भी बरामद हो गये । पुलिस ने खूब वाहवाही लूटी-- मगर उसके कबाद जो कुछ हुआ उसने पुलिस के सामने एक बार फिर से मुश्बिते ख़डी कर दी। लूट की इस वारदात को सुलझे महज एक दिन ही हुआ था की बेखौफ बदमाशो ने एक ही रात में दिल्ली के दो अलग अलग इलाको में लूट की वारदात को अंजाम दे दिया।हर बार की तरह फिर पुलिस की जांच शुरू हुई-- लेकिन लूटेरो का कोई सुराग हाथ नही लग सका। तभी दिन के वक्त यानि 1 जुलाई को फिर लूटेरो ने बत्रा अस्पताल के कैशियर से साढे बारह लाख रूपये लूट लिए-- लेकिन बदमाशो का कोई सुराग नही मिला। आखिरकार सवाल ये है कि दिन ब दिन बढ रही वारदात के लिए जिम्मेदार है कौन
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