07 अगस्त 2009

आतंक की साजिश



राजधानी दिल्ली से गुरुवार की रात गिरफ्तार किए गये हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने आतंक की ट्रेनिंग पाकिस्तान से ली थी। पकडे गए दोनो आतंकियों का मकसद 15 अगस्त से ठीक पहले आंतकी वारदात को अंजाम देकर राजधानी में दहशत फैलाना था। 29 जुलाई को ये आतंकी गोरखपुर से होते हुए दिल्ली पहुंचे थे। पाकिस्तान में फिर रची गई आतंक की साजिश-- दिल्ली को बनाया गया निशाना-- लेकिन साजिश हो गई नाकाम और बच गई राजधानी। गिरफ्त में आ गए दहशतगर्द-। इन दहशतगर्दो ने जो कुछ ब्यां किया वो बेहद खतरनाक है। इनका मकसद दिल्ली को एक बार फिर दहला देना था। इसके लिए इन्होने बाकायदा आतंक की ट्रेनिंग भी ली थी। आतंक की ये ट्रेनिंग दी गई पाकिस्तान में-- वहीं रची गई दिल्ली को खून से रंगने की साजिश। पुलिस के मुताबिक इन्होने पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद में आतंकी ट्रेनिंग ली थी जावेद और आसिफ इन दोनो को जेहाद के नाम पर आतंक फैलाने के लिए तैयार किया गया था। कुपवाडा का रहने वाला आसिफ 2003 में पाकिस्तान गया वहां उसकी मुलाकात सैय्यद सलाउद्दीन से हुई-- और फिर शुरू हो गई जेहाद के नाम पर आतंक की ट्रेनिंग। दूसरा आतंकी जावेद का भी आतंकी सफर इससे मिलता जुलता है। जावेद 1999 में पाक पहुंचा था जहां उसका भी संपर्क सैय्यद सलाउद्दिन से हुआ । सलाउद्धिन ने इसे भी आतंक फैलाने के लिए तैयार कर लिया। पिछले महिने की 29 तारीख को दोनो की मुलाकात उसने अपने आका सेर सलाउद्धिन से करायी। उसके बाद फर्जी पासपोर्ट के जरिए दोनो को दिल्ली दहलाने के लिए भेजा। दोनों कई बार नेपाल के रास्ते भारत आये । इस बार भी वो नेपाल होकर शाहिद नाम के शख्स से मिलने आए थे।हाल ही में स्पेशल सेल ने लश्कर के आतंकी मोहम्मद उमर मदनी को गिरफ्तार किया था। हिज्बुल के गुर्गो की गिरफ्तारी से साफ है कि राजधानी पर आतंकी साया किस कदर मडंरा रहा है।

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